केन्द्रीय स्वास्थ्य सचिव ने “इकोनॉमिक केस फॉर इन्वेस्टमेंट इन द वैल बीइंग ऑफ एडोलसेंस्ट्स इन इंडिया” रिपोर्ट जारी करने के अवसर पर किशोरों के प्रति भारत की स्पष्ट प्रतिबद्धता दोहराई
रिपोर्ट में भारत में किशोरों के कल्याण में उल्लेखनीय सुधार के रोचक अंश, जिसमें किशोरों के स्वास्थ्य और कल्याण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से सरकार की व्यापक नीतियों और कार्यक्रमों को दर्शाया गयाभारत किशोरों की प्रतिभाओं को पोषित करने, उनकी महत्वाकांक्षाओं में सहयोग करने और सभी के लिए एक उज्जवल, समावेशी भविष्य का निर्माण करने के लिए उन्हें सशक्त बनाने की अपनी प्रतिबद्धता पर दृढ़ है और रहेगा: श्री अपूर्व चंद्रा
“भारत राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम शुरू करने वाला पहला देश, जो 253 मिलियन किशोरों तक पहुँचने के लिए एक समर्पित कार्यक्रम है, जिसमें उपेक्षितों और वंचितों पर विशेष ध्यान”
“गैर-सरकारी संगठनों, सामुदायिक नेताओं और अंतर्राष्ट्रीय एजेंसियों के साथ साझेदारी को बढ़ावा देकर, हमारा लक्ष्य अपने प्रयासों को बढ़ाना और हर किशोर तक पहुँचना है, चाहे उनकी सामाजिक-आर्थिक पृष्ठभूमि कुछ भी हो”
“भारत किशोरों की प्रतिभाओं को पोषित करने, उनकी महत्वाकांक्षाओं में सहयोग करने और सभी के लिए एक उज्जवल, समावेशी भविष्य बनाने के लिए उन्हें सशक्त करने की अपनी प्रतिबद्धता पर दृढ़ है और रहेगा।” यह बात केन्द्रीय स्वास्थ्य सचिव श्री अपूर्व चंद्रा ने आज यहां “इकोनॉमिक केस फॉर इन्वेस्टमेंट इन द वैल बीइंग ऑफ एडोलसेंस्ट्स इन इंडिया” रिपोर्ट जारी करने के अवसर पर कही। यह रिपोर्ट “एडोलसेंस्ट्स इन ए चेंजिंग वर्ल्ड- द केस फॉर अर्जेंट इनवेस्टमेंट” में प्रस्तुत वैश्विक निष्कर्षों पर आधारित है, जिसे जिनेवा में 77वें विश्व स्वास्थ्य सम्मेलन में जारी मातृ, नवजात शिशु और बाल स्वास्थ्य (पीएमएनसीएच) के लिए भागीदारी द्वारा अधिकृत किया गया था। यह रिपोर्ट हाल के दशकों में भारत में किशोरों के कल्याण में महत्वपूर्ण सुधारों के बारे में रोचक अंश लिए हुए है, जो किशोरों के स्वास्थ्य और कल्याण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से सरकार की व्यापक नीतियों और कार्यक्रमों को दर्शाती है।