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‘एक पेड़ मां के नाम’ – कोयला मंत्री श्री जी. किशन रेड्डी ने धनबाद स्थित बीसीसीएल में वृक्षारोपण अभियान-2024 का शुभारंभ किया

Pradeep Tiwari
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‘एक पेड़ मां के नाम’ – कोयला मंत्री श्री जी. किशन रेड्डी ने धनबाद स्थित बीसीसीएल में वृक्षारोपण अभियान-2024 का शुभारंभ किया

 

केन्द्रीय कोयला तथा खान मंत्री श्री जी. किशन रेड्डी ने दूरदर्शी अभियान “एक पेड़ मां के नाम”, जिसका शुभारंभ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा किया गया था, के हिस्से के रूप में आज (25.07.2024) धनबाद में भारत कोकिंग कोल लिमिटेड (कोल इंडिया लिमिटेड की सहायक कंपनी) में वृक्षारोपण अभियान (वीए) 2024 का उद्घाटन किया। यह कार्यक्रम वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कोयला/लिग्नाइट के मामले में समृद्ध 11 राज्यों के 47 जिलों में लगभग 300 स्थानों पर एक साथ आयोजित किया गया था। केन्द्रीय मंत्री श्री जी. किशन रेड्डी ने वीए 2024 के दिन विभिन्न कोयला क्षेत्रों में लगभग एक मिलियन पौधे लगाने और वितरित करने के कोयला मंत्रालय और कोयला/लिग्नाइट से संबंधित पीएसयू के प्रयासों की सराहना की। इस कार्यक्रम में धनबाद के सांसद श्री दुलु महतो, कोयला मंत्रालय के सचिव श्री अमृत लाल मीणा,  कोल इंडिया लिमिटेड के अध्यक्ष और विभिन्न कोयला कंपनियों के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।

कोयला/लिग्नाइट से संबंधित पीएसयू ने देश की ऊर्जा संबंधी मांगों को पूरा करने के लिए न केवल कोयले के उत्पादन में उल्लेखनीय वृद्धि की है, बल्कि उन्होंने विभिन्न पहलों के माध्यम से पर्यावरणीय स्थिरता के प्रति दृढ़ प्रतिबद्धता भी प्रदर्शित की है। पिछले पांच वर्षों के दौरान, सार्वजनिक उपक्रमों ने कोयला क्षेत्रों में और उसके आसपास 10,942 हेक्टेयर भूमि पर 24 मिलियन पौधे लगाए हैं, जो जलवायु परिवर्तन की समस्या से निपटने, कार्बन उत्सर्जन को कम करने और भावी पीढ़ियों के लिए एक स्वस्थ वातावरण बनाने के प्रति उनके अटूट समर्पण का प्रमाण है। यह व्यापक वृक्षारोपण अभियान हमारे पर्यावरणीय लक्ष्यों को प्राप्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। भविष्य को देखते हुए, कोयला सार्वजनिक उपक्रमों ने अगले पांच वर्षों के लिए महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित किए हैं, जिसमें 15,350 हेक्टेयर भूमि को हरित क्षेत्र के अंतर्गत लाने का लक्ष्य है और वर्तमान वित्तीय वर्ष में 2,600 हेक्टेयर भूमि का लक्ष्य रखा गया है। सार्वजनिक उपक्रम इसके लिए मियावाकी विधि, बीज बॉल और ड्रोन तकनीक जैसी नवीन तकनीकों को अपना रहे हैं, जो उनके पुनर्वनीकरण के प्रयासों की दक्षता और प्रभावशीलता को बढ़ायेंगी और संसाधन के उपयोग को अनुकूलित करेंगी।  

Pradeep Tiwari

Pradeep Tiwari

मैं, प्रदीप तिवारी, पिछले 10 वर्षों से पत्रकारिता से जुड़ा हूँ। सबसे पहले, मैं एक स्थानीय समाचार चैनल में एक रिपोर्टर के रूप में शामिल हुआ और फिर समय के साथ, मैंने लेख लिखना शुरू कर दिया। मुझे राजनीति और ताज़ा समाचार और अन्य विषयों से संबंधित समाचार लिखना पसंद है।

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