सभी के लिए सुलभ मरम्मत मैनुअल/वीडियो के लोकतंत्रीकरण, थर्ड-पार्टी मरम्मत सेवाओं के लिए एक मजबूत ईको-सिस्टम को बढ़ावा देना और उनके लिए मानक स्थापित करने की दिशा में किए जा रहे प्रयासों को बेहतर बनाने की जरूरत है: सचिव, उपभोक्ता मामले विभाग
केन्द्र सरकार के उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के तहत उपभोक्ता मामले विभाग (डीओसीए) ने उपभोक्ताओं को उनके उत्पादों की मरम्मत के लिए सूचना तक आसान पहुंच प्रदान करने और उन्हें इसका पुनः उपयोग करने में सक्षम बनाने के लिए राइट टू रिपेयर पोर्टल इंडिया (https://righttorepairindia.gov.in/) का शुभारंभ किया है, ताकि चक्रीय अर्थव्यवस्था में योगदान के साथ-साथ निर्बाध तरीके से ई-कचरे में कमी आ सके।
उपभोक्ता अधिकारों को बनाए रखने और परेशानी मुक्त उत्पाद मरम्मत के बारे में उभरती चिंताओं का जवाब देने के प्रयास में, उपभोक्ता मामले विभाग (डीओसीए) की सचिव श्रीमती निधि खरे की अध्यक्षता में ऑटोमोबाइल संघ और ऑटोमोबाइल क्षेत्र में उनकी भागीदार कंपनियों के साथ एक बैठक बुलाई गई थी। इस बैठक का उद्देश्य कंपनियों को राइट टू रिपेयर पोर्टल इंडिया पर लाना था।
बैठक में इस बात पर बल दिया गया कि जिन उत्पादों की मरम्मत नहीं की जा सकती है या जो नियोजित अप्रचलन के अधीन हैं – कृत्रिम रूप से सीमित जीवनकाल के साथ डिज़ाइन किए गए हैं, वे ई-कचरे में योगदान करते हैं और उपभोक्ताओं को मरम्मत के विकल्पों की कमी या पुनः उपयोग के लिए अत्यधिक महंगे मरम्मत विकल्पों के कारण नए उत्पाद खरीदने के लिए बाध्य करते हैं। इसलिए, इसका लक्ष्य उपकरणों या मरम्मत संबंधी जानकारी तक सीमित पहुँच जैसी बाधाओं को दूर करना है, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि उपभोक्ताओं के पास उनके द्वारा खरीदे गए उत्पादों का पूर्ण स्वामित्व हो।