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आर्थिक समीक्षा 2023-24 में सरकारों, निजी क्षेत्र और शैक्षणिक संस्थानों के साथ बहु-आयामी समझौतों और आम सहमति के माध्यम से देश का संचालन करने का आह्वान

Pradeep Tiwari
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आर्थिक समीक्षा 2023-24 में सरकारों, निजी क्षेत्र और शैक्षणिक संस्थानों के साथ बहु-आयामी समझौतों और आम सहमति के माध्यम से देश का संचालन करने का आह्वान

भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूत और स्थिर स्थिति में है, जो भू-राजनैतिक चुनौतियों का सामना करने में लचीलापन प्रदर्शित करती हैः आर्थिक समीक्षा 2023-24

समीक्षा में पूर्व और वर्तमान स्थिति का जायजा और अर्थव्यवस्था को मजबूती से भविष्य में आगे ले जाने के लिए विभिन्न उपाए सुझाए गए

 
 

केन्द्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण द्वारा आज संसद में पेश ‘आर्थिक समीक्षा 2023-24’  में कहा गया है कि उभरती हुई अभूतपूर्व वैश्विक चुनौतियों के बीच एक विकसित राष्ट्र बनने के लिए भारत को एक त्रि-पक्षीय समझौतें की आवश्यकता है, जिसके तहत सरकार केन्द्र और राज्य सरकारों के सहयोग से निजी क्षेत्र को विश्वास में लेकर अच्छी सोच और उचित व्यवहार के साथ कार्य करें तथा उनके निवेश का ख्याल रखें।

आर्थिक समीक्षा में कहा गया है कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की सरकार तीसरे कार्यकाल के लिए ऐतिहासिक जनादेश के साथ सत्ता में लौटी है। उनका अभूतपूर्व तीसरा कार्यकाल राजनीतिक और नीतिगत निरंतरता का संकेत देता है।

समीक्षा में कहा गया है कि कोविड-19 महामारी से उभरने के बाद भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूत और स्थिर स्थिति में है, जो भू-राजनीतिक चुनौतियों का सामना करने में लचीलापन प्रदर्शित  करती है। हालांकि उबरने की स्थिति बनी रहनी चाहिए, फिर भी सुधार को कायम रखने के लिए घरेलू मोर्चे पर कड़ी मेहनत करनी होगी, क्योंकि व्यापार, निवेश और जलवायु जैसे प्रमुख वैश्विक मुद्दों पर सहमति बनाना आसाधारण रूप से कठिन हो गया है।

मजबूत भारतीय अर्थव्यवस्था

समीक्षा में अन्य बातों के अलावा कहा गया है कि भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए प्रोत्साहित करने वाले अनेक संकेत हैः

  • उच्च आर्थिक वृद्धि वित्त वर्ष 2024 में पिछले दो वर्षों में 9.7 प्रतिशत और 7 प्रतिशत की वृद्धि दर के बाद आई है
  • मुख्य मुद्रा स्फीति दर काफी हद तक नियंत्रण में है। हालांकि कुछ विशिष्ट खाद्य वस्तुओँ की मुद्रा स्फीति दर बढ़ी हुई है
  • वित्त वर्ष 2024 में व्यापार घाटा वित्त वर्ष 2023 की तुलना में कम था
  • वित्त वर्ष 2024 में चालू खाता घाटा सकल घरेलू उत्पाद का लगभग 0.7 प्रतिशत है, चालू खाते में वित्तीय वर्ष की अंतिम तिमाही में अधिशेष दर्ज किया गया
  • विदेशी मुद्रा भंडार पर्याप्त है
  • सार्वजनिक निवेश ने पिछले कई वर्षों में पूंजी निर्माण को बनाए रखा है, जबकि पूंजी क्षेत्र ने अपनी बैलेंस सीट की गिरावट को दूर किया है और वित्त वर्ष 2022 में निवेश करना शुरू कर दिया है
  • राष्ट्रीय आय के आंकड़ों से पता चलता है कि गैर-वित्तीय निजी क्षेत्र के पूंजी निर्माण, जिसे वर्तमान मूल्यों में मापा जाता है, में वित्त वर्ष 2021 में गिरावट के बाद वित्त वर्ष 2022 और वित्त वर्ष 2023 में जोरदार वृद्धि हुई
  • मशीनरी और उपकरणों में निवेश में लगातार दो वर्षों, वित्त वर्ष 2020 और वित्त वर्ष 20214 में गिरावट आई, तथा उसके बाद इसमें जोरदार उछाल आया
  • वित्त वर्ष 2024 के लिए कॉर्पोरेट क्षेत्र के प्रारंभिक आंकड़ों से पता चलता है कि निजी क्षेत्र में पूंजी निर्माण का विस्तार जारी रहा, लेकिन धीमी दर से।

 

Pradeep Tiwari

Pradeep Tiwari

मैं, प्रदीप तिवारी, पिछले 10 वर्षों से पत्रकारिता से जुड़ा हूँ। सबसे पहले, मैं एक स्थानीय समाचार चैनल में एक रिपोर्टर के रूप में शामिल हुआ और फिर समय के साथ, मैंने लेख लिखना शुरू कर दिया। मुझे राजनीति और ताज़ा समाचार और अन्य विषयों से संबंधित समाचार लिखना पसंद है।

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