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मन की बात की 112वीं कड़ी में प्रधानमंत्री के सम्बोधन का मूल पाठ (28.07.2024)

Pradeep Tiwari
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मन की बात की 112वीं कड़ी में प्रधानमंत्री के सम्बोधन का मूल पाठ (28.07.2024)

 

 मेरे प्यारे देशवासियो, ‘मन की बात’ में आपका स्वागत है, अभिनंदन है। इस समय पूरी दुनिया में Paris Olympics छाया हुआ है। Olympics, हमारे खिलाड़ियों को विश्व पटल पर तिरंगा लहराने का मौका देता है, देश के लिए कुछ कर गुजरने का मौका देता है। आप भी अपने खिलाड़ियों का उत्साह बढ़ाइए, Cheer for Bharat!!

साथियो, Sports की दुनिया के इस Olympics से अलग, कुछ दिन पहले maths की दुनिया में भी एक Olympic हुआ है। International Mathematics Olympiad.  इस Olympiad में भारत के students ने बहुत शानदार प्रदर्शन किया है। इसमें हमारी टीम ने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए चार Gold Medals और एक Silver Medal जीता है। International Mathematics Olympiad इसमें 100 से ज्यादा देशों के युवा हिस्सा लेते हैं और Overall Tally में हमारी टीम top five में आने में सफल रही है। देश का नाम रोशन करने वाले इन students के नाम हैं  –

पुणे के रहने वाले आदित्य वेंकट गणेश, पुणे के ही सिद्धार्थ चोपरा ,  दिल्ली के अर्जुन गुप्ता, ग्रेटर नोएडा के कनव तलवार, मुंबई के रुशील माथुर और गुवाहाटी के आनंदो भादुरी।

साथियो, आज ‘मन की बात’ में मैंने इन युवा विजेताओं को विशेष तौर पर आमंत्रित किया है। ये सभी इस समय फोन पर हमारे साथ जुड़े हुए हैं।

प्रधानमंत्री जी :-  नमस्ते साथियो। ‘मन की बात’ में आप सभी साथियों  का बहुत बहुत स्वागत है। आप सभी कैसे हैं?

Students: –   हम ठीक हैं सर।

प्रधानमंत्री जी :- अच्छा साथियों, ‘मन की बात’ के जरिए देशवासी आप सभी के experiences जानने को बहुत उत्सुक हैं। मैं शुरुआत करता हूँ आदित्य और सिद्धार्थ से। आप लोग पुणे में हैं, सबसे पहले मैं आप से ही शुरू करता हूँ। Olympiad के दौरान आपने जो अनुभव किया उसे हम सभी के साथ share कीजिए ।

आदित्य :-      मुझे maths में छोटे से interest था। मुझे 6th standard Math ओमप्रकाश sir, मेरे Teacher ने सिखाया था और उन्होंने मेरे math में Interest बढ़ाया था, मुझे सीखने मिला और मुझे opportunity मिला था ।

प्रधानमंत्री जी :- आपके साथी का क्या कहना है ?

सिद्धार्थ :-  sir, मैं सिद्धार्थ हूँ, मैं पुणे से हूँ। मैं अभी class 12th pass किया हूँ। ये मेरा second time था IMO में, मुझे भी छोटे से बहुत interest था Maths में और आदित्य के साथ जब मैं 6th में था ओमप्रकाश sir ने हम दोनों को train किया था और बहुत help हुआ था हमको और अभी मैं college के लिए CMI जा रहा हूं और Maths & CS pursue कर रहा हूं।

प्रधानमंत्री जी :- अच्छा मुझे बताया गया है कि अर्जुन इस समय गांधीनगर में हैं और कनव तो ग्रेटर नोएडा के ही हैं। अर्जुन और कनव, हमने, Olympiad को लेकर जो चर्चा की, लेकिन आप दोनों हमें अपनी तैयारी से जुड़ा कोई विषय, और कोई विशेष अनुभव, अगर बताएंगे, तो, हमारे श्रोताओं को अच्छा लगेगा।

अर्जुन :-       नमस्ते Sir, जय हिन्द, मैं अर्जुन बोल रहा हूं।

प्रधानमंत्री जी :- जय हिन्द अर्जुन।

अर्जुन :-       मैं दिल्ली में रहता हूं और मेरी mother श्रीमती आशा गुप्ता physics की professor हैं Delhi University में, और मेरे father, श्री अमित गुप्ता chartered accountant हैं। मैं भी बहुत गौरवान्वित महसूस कर रहा हूँ कि मैं अपने देश के प्रधानमंत्री से बात कर रहा हूँ, और सबसे पहले, मैं, अपनी सफलता का श्रेय, अपने माता-पिता को देना चाहूँगा। मुझे लगता है कि , जब एक परिवार में कोई सदस्य एक ऐसे competition की तैयारी कर रहा होता है तो, केवल वो सदस्य का संघर्ष नहीं होता पूरे परिवार का संघर्ष होता है। Essentially हमारे पास जो हमारा paper होते हैं उसमें हमारे पास तीन problems के लिए साढ़े चार घंटे होते हैं, तो एक problem के लिए डेढ़ घंटा – तो हम समझ सकते हैं कि कैसे हमारे पास एक problem को solve करने के लिए कितना समय होता है! तो हमें, घर पे, काफी मेहनत करनी पड़ती है। हमें  problems के साथ घंटों लगाने पड़ते हैं, कभी-कभार तो एक एक problem के साथ, एक दिन, या यहां तक कि, 3 दिन भी लग जाते हैं। तो इसके लिए हमें online problems ढूँढ़नी होती हैं। हम पिछले साल की problem try करते हैं, और ऐसे ही, जैसे हम, धीरे-धीरे मेहनत करते जाते हैं, उससे हमारा experience बढ़ता है, हमारी सब से जरूरी चीज, हमारी problem solving ability बढ़ती है, जो, ना कि हमें mathematics में, बल्कि जीवन के हर एक क्षेत्र में मदद करती है।         

प्रधानमंत्री:      अच्छा मुझे कनव बता सकते हैं कि कोई विशेष अनुभव हो, ये सारी तैयारी में कोई खास जो हमारे नौजवान साथियों को बड़ा अच्छा लगे जानकर के।  

कनव तलवार : मेरा नाम कनव तलवार है, मैं ग्रेटर नोएडा उत्तर प्रदेश  में रहता हूँ और कक्षा 11वीं का छात्र हूँ। Maths मेरा पसंदीदा subject है। और मुझे बचपन से maths बहुत पसंद है। बचपन में मेरे पिता मुझे puzzles कराते थे। जिससे मेरा interest बढ़ता गया। मैंने Olympiad की तैयारी 7th Class से शुरू की थी। इसमें मेरी sister का बहुत बड़ा योगदान है। और मेरे parents ने भी हमेशा मुझे support किया। ये Olympiad HBCSE conduct कराता है। और ये एक 5 stage process होता है। पिछले साल मेरा team में नहीं हुआ था और मैं काफी करीब था और ना होने पर बहुत दुखी था। तब मेरे parents ने मुझे सिखाया कि या हम जीतते हैं या हम सीखते हैं। और सफर मायने रखता है सफलता नहीं। तो मैं यही कहना चाहता हूँ कि – ‘Love what you do and do what you love’। सफर मायने रखता है सफलता नहीं और हमें success मिलते रहेगा। अगर हम अपने subject से प्यार करें। और journey को enjoy करें।

प्रधानमंत्री:     तो कनव आप तो mathematics में भी interest रखते हैं और बोलते हैं ऐसे जैसे आपको साहित्य में भी रुचि है !   

कनव तलवार : जी सर ! मैं बचपन में debates और orating भी करता था।

Pradeep Tiwari

Pradeep Tiwari

मैं, प्रदीप तिवारी, पिछले 10 वर्षों से पत्रकारिता से जुड़ा हूँ। सबसे पहले, मैं एक स्थानीय समाचार चैनल में एक रिपोर्टर के रूप में शामिल हुआ और फिर समय के साथ, मैंने लेख लिखना शुरू कर दिया। मुझे राजनीति और ताज़ा समाचार और अन्य विषयों से संबंधित समाचार लिखना पसंद है।

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