भारतीय विमानन क्षेत्र में पायलटों/चालकों की कोई कमी नहीं
पिछले पांच वर्षों के दौरान 5710 वाणिज्यिक पायलट लाइसेंस (सीपीएल) जारी किए गएभारतीय विमानन क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए प्रमुख एयरलाइनों ने विभिन्न प्रकार के 1976 विमानों के ऑर्डर दिए
सरकार ने भारतीय विमानन क्षेत्र के समग्र विकास हेतु अनुकूल परितंत्र प्रदान करने के लिए राष्ट्रीय नागरिक विमानन नीति, 2016 तैयार की है। इसमें ग्रीनफील्ड परियोजनाओं के साथ-साथ उड़ान योजना के तहत हवाई अड्डों के बुनियादी ढांचे का विकास शामिल है।
इसके अलावा, भारतीय विमानन क्षेत्र में पायलटों/चालकों की कोई कमी नहीं है। हालांकि, कुछ विमानों पर कमांडरों की कमी है और विदेशी एयरक्रू अस्थायी प्राधिकरण (एफएटीए) जारी करके विदेशी पायलटों का इस्तेमाल करते हुए इसका प्रबंधन किया जा रहा है।
पिछले पांच वर्षों के दौरान जारी किए गए वाणिज्यिक पायलट लाइसेंस (सीपीएल) की संख्या नीचे दी गई है-
वर्ष | जारी किए गए सीपीएल |
2019 | 744 |
2020 | 578 |
2021 | 862 |
2022 | 1165 |
2023 | 1622 |
2024 (17.07.2024 तक) | 739 |
कुल | 5710 |
डीजीसीए ने विनियमन अनुमोदित बुनियादी रखरखाव प्रशिक्षण संगठन सीएआर-147 (बेसिक) जारी किया है। यह विनियमन आईसीएओ यानी ईएएसए विनियमन के अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप हैं।
सीएआर-147 (बेसिक) अनुमोदित संस्थान के तहत प्रशिक्षण पूरा करने और अपेक्षित डीजीसीए परीक्षा उत्तीर्ण करने पर छात्र विमान रखरखाव इंजीनियर (एएमई) लाइसेंस हासिल करने के पात्र हो जाते हैं।
वर्तमान में, डीजीसीए ने सीएआर-147 (बेसिक) के तहत 57 एएमई प्रशिक्षण संस्थानों को मंजूरी दी है। सीएआर 147 (बेसिक) के तहत अनुमोदित एएमई प्रशिक्षण संस्थान से अनुमानित आपूर्ति लगभग 3500 प्रति वर्ष है, जो भारतीय नागरिक विमानन उद्योग की मांग को पूरा करने के लिए पर्याप्त है।
नागरिक उड्डयन क्षेत्र में कौशल विकास के लिए सरकार की ओर से की गई अन्य पहलों में निम्नलिखित शामिल हैं:
- देश में प्रशिक्षित पायलटों की संख्या बढ़ाने के लिए, भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) ने एक उदार उड़ान प्रशिक्षण संगठन (एफटीओ) नीति लाई है। इसके तहत हवाईअड्डा रॉयल्टी (एफटीओ की ओर से एएआई को राजस्व हिस्सेदारी का भुगतान) की अवधारणा को समाप्त कर दिया गया है और भूमि किराये को काफी हद तक युक्तिसंगत बनाया गया है।
- 2021 में, एक प्रतिस्पर्धी बोली प्रक्रिया के बाद, एएआई ने बेलगावी (कर्नाटक), जलगांव (महाराष्ट्र), कलबुर्गी (कर्नाटक), खजुराहो (मध्य प्रदेश) और लीलाबारी (असम) में पांच हवाईअड्डों पर नौ एफटीओ स्लॉट दिए। जून 2022 में, बोली के दूसरे दौर के तहत, एएआई ने पांच हवाई अड्डों पर छह एफटीओ स्लॉट भावनगर (गुजरात) में दो स्लॉट, और हुबली (कर्नाटक), कडप्पा (आंध्र प्रदेश), किशनगढ़ (राजस्थान) और सलेम (तमिलनाडु) में एक-एक स्लॉट दिए।
- डीजीसीए ने नवंबर 2021 से विमान रखरखाव इंजीनियरों (एएमई) और फ्लाइंग क्रू (एफसी) उम्मीदवारों के लिए ऑनलाइन-ऑन डिमांड परीक्षा (ओएलओडीई) शुरू की है। यह सुविधा उम्मीदवारों को उपलब्ध परीक्षा स्लॉट में से तिथि और समय चुनने की अनुमति देती है।
- डीजीसीए ने फ्लाइंग इंस्ट्रक्टर को एफटीओ में उड़ान संचालन को अधिकृत करने का अधिकार देने के लिए अपने नियमों में संशोधन किया है। यह अब तक केवल मुख्य उड़ान प्रशिक्षक (सीएफआई) या डिप्टी सीएफआई तक ही सीमित था।
अनुसूचित एयरलाइनों द्वारा दिए गए ऑर्डर का विवरण नीचे दिया गया है
प्रमुख एयरलाइनों द्वारा दिए गए विमान ऑर्डर
क्रम सं. | संचालक का नाम | विमान का प्रकार | ऑर्डर किए गए विमानों की संख्या | वर्ष | 30.06.2024 तक आयात किए जा चुके विमानों की संख्या | बेडे में शामिल करने की संभावित तिथि |
1 | एयर इंडिया समूह | ए320/ए321 | 210 | 2023 | 23 | 2023 to 2032 |
ए350 | 40 | 2023 | 6 | 2023 to 2032 | ||
बी787 | 20 | 2023 | – | 2025 to 2034 | ||
बी777 | 10 | 2023 | – | 2025 to 2034 | ||
बी737-8 | 190 | 2023 | 22 | 2023 to 2032 | ||
2 | इंटर ग्लोब एविएशन लिमिटेड (इंडिगो) | ए320 समूह | 400 | 2015 | 205 | जारी |
ए320 समूह | 300 | 2019 | – | 2025 से आगे | ||
ए320 समूह | 500 | 2023 | – | 2030 से आगे | ||
ए350 | 30 | 2024 |
|
| ||
एटीआर 72-212ए (600 संस्करण) | 50 | 2017 | 45 | जारी | ||
3 | एसएनवी एविएशन प्रा. लिमिटेड (आकाशा एयर) | 13737-8 | 76 | 2021 | 23 | जारी और 2028 तक शामिल किया जाएगा |
बी737-8 | 150 | 2024 | – | 2027 से 2032 | ||
कुल | 1976 |
| 324 |
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स्रोत: नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए)
नोट:
- एयरलाइन ऑपरेटरों द्वारा विमानों को शामिल करने के साथ-साथ लीज़ अवधि की समाप्ति के अनुरूप उनके मौजूदा विमानों की पुनः डिलीवरी/निर्यात भी किया जाएगा। इसलिए विमानों को शामिल करने से एयरलाइन बेड़े में वृद्धि के साथ-साथ समय के साथ मौजूदा बेड़े के प्रतिस्थापन की भी पूर्ति होगी।
- एयरलाइन ऑपरेटर वाणिज्यिक आधार पर समय के साथ अपने बेड़े की योजना/अनुकूलन करेंगे।
यह जानकारी नागरिक उड्डयन मंत्रालय में राज्य मंत्री श्री मुरलीधर मोहोल ने कल लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी।