---Advertisement---

आज से प्रभावी हुए नए आपराधिक कानून को लेकर मोरवा पुलिस ने आयोजित किया जागरूकता कार्यक्रम

Pradeep Tiwari
By
On:
Follow Us

देश में आज से तीन नए आपराधिक कानून भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023, और भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023 एवं भारतीय न्याय संहिता 2023 लागू हो गए हैं। सिंगरौली जिले में इसे लेकर सिंगरौली पुलिस अधीक्षक श्रीमती निवेदिता गुप्ता के निर्देशन पर सभी थानों द्वारा जन जागरूक कार्यक्रम चलाकर लोगों को नए कानून के विषय में विस्तृत जानकारी दी जा रही है। इसी के तहत शुक्रवार देर शाम मोरवा निरीक्षक कपूर त्रिपाठी द्वारा एनसीएल स्थित आधिकारिक मनोरंजन ग्रह में जन जागरूक कार्यक्रम आयोजित किया गया। यहां पहुंचे सिंगरौली व गोरबी के गणमान्य नागरिक एवं आम जन को नए कानून के विषय में विस्तृत जानकारी के लिए बतौर मुख्य बैढन कोर्ट के अतिरिक्त न्यायाधीश वारीन्द्र कुमार तिवारी उपस्थित रहे। इसके साथ ही विशिष्ट अतिथि के तौर पर सिंगरौली जिले के पूर्व विधायक रामलल्लू वैश्य समेत एनसीएल के विधि विभाग से उप महाप्रबंधक आशुतोष पांडे उपस्थित रहे। यहां उपस्थित लोगों को अतिरिक्त न्यायाधीश श्री तिवारी ने इस नए कानून की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि पुलिस द्वारा नागरिक और पीड़ित को इस नए कानून की मदद से व्यक्तिगत और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की गारंटी देना मकसद है। ताकि सभी के लिए त्वरित न्याय सुनिश्चित किया जा सके।

उन्होंने कहा कि इस कानून की मदद से कोई भी व्यक्ति किसी भी जगह पर एफआईआर दर्ज करवा सकता है। इसके साथ ही ऑनलाइन एफआईआर दर्ज करा सकता है। शून्य प्राथमिकी (जीरो एफआईआर) को लेकर के यह बड़ी राहत और सुविधा प्रदान की गई है। इस नए कानून के तहत घटना क्षेत्र की पुलिस द्वारा पीड़ित को 90 दिनों के अंदर जांच की प्रगति रिपोर्ट देनी होगी। साथ ही सात दिनों के अंदर चिकित्सक भी इसकी मेडिकल रिपोर्ट भेजेंगे। इसके साथ-साथ ही महिलाओं और बच्चों के साथ होने वाले अपराध से निबटने के लिए 37 धाराओं को शामिल किया गया है। 18 वर्ष से कम उम्र की लड़कियों से सामूहिक दुष्कर्म मामले में दोषी को आजीवन कारावास और मृत्युदंड होगा। यही नहीं, झूठे वादे और नकली पहचान के आधार पर यौन शौषण करना आपराधिक कृत्य की श्रेणी में आएगा।

अतिरिक्त न्यायाधीश श्री वारीन्द्र कुमार तिवारी ने आगे बताया कि नया आपराधिक कानून सोमवार यानी आज से लागू किया गया है। इसके तहत अधिकांश आपराधिक अनुसंधान की पद्धति में भी बदलाव किया गया है। सेमिनार में पुलिस अधिकारियों विवेचकगणों को विवेचना से संबंधित प्रक्रियात्मक जानकारी से अवगत कराया गया। साथ ही वहाँ उपस्थित आम जन को आस्वस्त किया गया कि इस नए कानून की मदद से आम लोगों को बड़ा सहारा और समय से न्याय मिलेगा।

Pradeep Tiwari

Pradeep Tiwari

मैं, प्रदीप तिवारी, पिछले 10 वर्षों से पत्रकारिता से जुड़ा हूँ। सबसे पहले, मैं एक स्थानीय समाचार चैनल में एक रिपोर्टर के रूप में शामिल हुआ और फिर समय के साथ, मैंने लेख लिखना शुरू कर दिया। मुझे राजनीति और ताज़ा समाचार और अन्य विषयों से संबंधित समाचार लिखना पसंद है।

For Feedback - urjadhaninews1@gmail.com
Join Our WhatsApp Group

Leave a Comment