मतदाता सूची पुनरीक्षण लोकतंत्र पर हमला’, राजद का आरोप- बिहार को निशाना बना रही केंद्र सरकार
राजद ने चुनाव आयोग द्वारा बिहार में कराए जा रहे मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण को लोकतंत्र के खिलाफ साजिश बताया है। पार्टी जिलाध्यक्ष दिलीप कुमार सिंह ने आरोप लगाया कि भाजपा और जदयू मिलकर गरीब, वंचित और शोषित वर्गों को मताधिकार से वंचित करने की योजना बना रहे हैं।
राजद ने चुनाव आयोग द्वारा बिहार में कराए जा रहे मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण को लोकतंत्र के खिलाफ साजिश बताया है। पार्टी जिलाध्यक्ष दिलीप कुमार सिंह ने आरोप लगाया कि भाजपा और जदयू मिलकर गरीब, वंचित और शोषित वर्गों को मताधिकार से वंचित करने की योजना बना रहे हैं।
केवल बिहार में ही क्यों?
राजद नेताओं ने सवाल उठाया कि अगर मतदाता सूची के गहन पुनरीक्षण की इतनी आवश्यकता है, तो यह केवल बिहार में ही क्यों किया जा रहा है? क्या देश के अन्य राज्यों को इसकी जरूरत नहीं है? नेताओं ने आरोप लगाया कि यह पूरी प्रक्रिया बिहार को निशाना बनाने की एक सोची-समझी रणनीति है। उन्होंने दावा किया कि यहां 8 करोड़ से अधिक मतदाता हैं और करीब 60 प्रतिशत लोगों को अब अपनी नागरिकता साबित करनी पड़ेगी।
राजद नेताओं ने यह भी कहा कि वर्ष 2003 में जब चुनाव आयोग ने देशभर में ऐसा पुनरीक्षण कराया था, तब उसे पूरा करने में पूरे दो वर्ष लगे थे। लेकिन इस बार बिहार में यह कार्य मात्र 25 दिनों में पूरा करने की बात कही जा रही है, जो संदेह पैदा करता है।
संविधान के खिलाफ बताया अभियान
राजद नेताओं ने संघ के वरिष्ठ नेता दत्तात्रेय होसबाले द्वारा संविधान बदलने संबंधी कथित बयान का उल्लेख करते हुए कहा कि यह पूरी प्रक्रिया संविधान के खिलाफ है। उन्होंने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग केंद्र सरकार के दबाव में काम कर रहा है। राजद ने ऐलान किया कि उनके एक-एक कार्यकर्ता प्रत्येक बूथ पर इस पुनरीक्षण अभियान की सतत निगरानी करेंगे। पार्टी ने चेतावनी दी कि केंद्र और राज्य सरकार की किसी भी तरह की गड़बड़ी या हेराफेरी को सफल नहीं होने दिया जाएगा। राजद ने इस अभियान को लोकतंत्र पर सीधा हमला बताया और इसे तत्काल रोकने की मांग की।