जौनपुर के सरकोनी ब्लॉक में सरकारी योजनाओं से महिलाओ का हुआ सशक्तिकरण: विजय लक्ष्मी
गाजीपुर। स्नातकोत्तर महाविद्यालय, गाजीपुर में पूर्व शोध प्रबंध संगोष्ठी का आयोजन किया गया। यह संगोष्ठी महाविद्यालय के अनुसंधान एवं विकास प्रकोष्ठ तथा विभागीय शोध समिति के तत्वावधान में महाविद्यालय के सेमिनार हाल में सम्पन्न हुई, जिसमें महाविद्यालय के प्राध्यापक, शोधार्थी व छात्र/ छात्राएं उपस्थित रहे। उक्त संगोष्ठी में राजनीति विज्ञान विषय की शोधार्थिनी विजय लक्ष्मी ने अपने शोध प्रबंध शीर्षक “महिला सशक्तिकरण: जौनपुर जिले के सरकोनी ब्लॉक के विशेष संदर्भ में” नामक विषय पर शोध प्रबंध व उसकी विषय वस्तु प्रस्तुत करते हुए कहा कि महिला सशक्तिकरण में महिलाओं को सामाजिक, आर्थिक, शैक्षणिक, राजनीतिक और कानूनी रूप से सक्षम बनाया जाता है ताकि वे समाज में अपने अधिकारों को जान सकें और आत्मनिर्भर बन सकें। प्रस्तुत शोध में पाया गया है कि जौनपुर जिले के सरकोनी ब्लॉक में महिला सशक्तिकरण की दिशा में कई सकारात्मक प्रयास हुए हैं, सरकार द्वारा चलाई गई ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ योजना के अंतर्गत स्कूलों और पंचायत स्तर पर चलाए गए जागरूकता अभियान से ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा का स्तर धीरे-धीरे बढ़ रहा है। हालांकि अब भी कई लड़कियाँ उच्च शिक्षा से वंचित है वहीं महिलाओं के लिए स्वयं सहायता समूह (Self Help Groups – SHG) का गठन एक बड़ी पहल है। इन समूहों के माध्यम से महिलाएँ सिलाई-कढ़ाई, अचार-पापड़ निर्माण, मुर्गी पालन, बकरी पालन आदि कार्यों में संलग्न होकर अपनी आजीविका चला रही हैं। पंचायती राज व्यवस्था के तहत सरकोनी ब्लॉक में कई महिलाएं ग्राम प्रधान और बीडीसी सदस्य के रूप में निर्वाचित होकर नेतृत्व की भूमिका निभा रही हैं। इससे उनके आत्मविश्वास में वृद्धि हुई है। सरकोनी ब्लॉक क्षेत्र में ‘आशा कार्यकत्रियों’ के माध्यम से महिला और बाल स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। हालांकि कई जगहों पर अभी भी पर्याप्त स्वास्थ्य सेवाएं और स्वच्छता की सुविधाएं उपलब्ध नहीं हैं। इसके बावजूद बाल विवाह और दहेज प्रथा जैसी कुप्रथाएँ अभी भी मौजूद हैं। महिलाओं की आवाज दबाने की मानसिकता अब भी कुछ इलाकों में देखी जाती है। घरेलू हिंसा की घटनाएं भी सामने आती रहती हैं, जिनके समाधान हेतु अधिक सजगता की आवश्यकता है। प्रस्तुत शोध में कुछ समाधान भी सुझाये गए हैं महिलाओं की शिक्षा को प्राथमिकता देना आवश्यक है। स्वयं सहायता समूहों को अधिक आर्थिक सहायता और प्रशिक्षण प्रदान किया जाए। कानूनी जागरूकता कार्यक्रम चलाकर महिलाओं को उनके अधिकारों की जानकारी दी जाए। स्थानीय एनजीओ और सामाजिक संगठनों को महिला हितैषी कार्यों में जोड़ा जाए और महिलाओं के लिए कार्यस्थलों और शिक्षण संस्थानों में सुरक्षित परिवेश का निर्माण किया जाए, प्रस्तुतिकरण के बाद विभागीय शोध समिति, अनुसंधान एवं विकास प्रकोष्ठ व प्राध्यापकों तथा शोध छात्रों द्वारा शोध पर विभिन्न प्रकार के प्रश्न पूछे गए जिनका शोधार्थिनी विजय लक्ष्मी ने संतुष्टिपूर्ण एवं उचित उत्तर दिया। तत्पश्चात समिति एवं महाविद्यालय के प्राचार्य प्रोफे०(डॉ०) राघवेन्द्र कुमार पाण्डेय ने शोध प्रबंध को विश्वविद्यालय में जमा करने की संस्तुति प्रदान किया। इस संगोष्ठी में महाविद्यालय के प्राचार्य प्रोफे० (डॉ०) राघवेन्द्र कुमार पाण्डेय, अनुसंधान एवं विकास प्रकोष्ठ के संयोजक प्रोफे० (डॉ०) जी० सिंह, शोध निर्देशक एवं राजनीति विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष प्रोफे०(डॉ०) सुनील कुमार, डॉ० आनंद कुमार सिंह, डॉ० रविशेखर सिंह, डॉ० रामदुलारे, डॉ० योगेश कुमार, प्रोफे०(डॉ०) सत्येंद्र नाथ सिंह, डॉ०संजय सुमन, डॉ० प्रदीप रंजन, डॉ० लवजी सिंह एवं महाविद्यालय के प्राध्यापकगण तथा शोध छात्र छात्रएं आदि उपस्थित रहे। अंत में डॉ० सुनील कुमार ने सभी का आभार प्रकट किया तथा संचालन अनुसंधान एवं विकास प्रोकोष्ठ के संयोजक प्रोफे०(डॉ०) जी० सिंह ने किया।