केंद्रीय मंत्री खटीक ने जब मौसी से समस्याएं पूछी तो उन्होंने कहा उसी टूटे मकान में रहते है, जिसमें तुम रहते थे। आवास मिला नहीं, शौचालय मिला नहीं है, जमीन का केस लगा है। बाद में उन्होंने मौसी से कहा मंत्री धर्मेंद सिंह अब आपकी सभी समस्याये निपटा देंगे।
केंद्रीय मंत्री वीरेंद्र खटीक की मौसी तुलसा बाई खटीक तेजगढ़ में रहती है और तेजगढ़ गांव केंद्रीय मंत्री का ननिहाल है। यहां उनका पूरा बचपन गुजरा है। किसी को पता नहीं था कि गांव का वीरेंद्र एक दिन देश का केंद्रीय मंत्री बन जाएगा। युवा अवस्था तक खटीक तेजगढ़ की हर गली में खेले हैं। जब पहली बार वह मंत्री बनकर गांव पहुंचे तो उनके साथ दर्जनों वाहनों का कफिला लगा हुआ था। अपनी बहन के बेटे को घर देख मौसी की खुशी का ठिकाना नहीं रहा।
तेजगढ़ पहुंचते ही केंद्रीय मंत्री ने अपनी मौसी तुलसाबाई के पैर छूकर उनका आशीर्वाद किया और हालचाल पूछा। बता दे केंद्रीय मंत्री की मौसी तेजगढ़ में अकेली रहती हैं, उनकी संतान नहीं है। पति की पूर्व में मौत हो चुकी है और वह सब्जी बेचकर करके अपना गुजारा करती है। मंत्री ने मौसी से अपने बचपन के साथियों के बारे में पूछा और कहा अब गांव काफी विकसित हो गया है। आज से पचास वर्ष पूर्व यहां की सड़कें छोटी थी। हम लोग गर्मियों के दो माह तेजगढ़ में ही रहते थे और गुरैया नदी में घंटो नहाने के बाद भीगी कपड़े पहनकर पके आम तोड़कर खाते थे।
कच्चे घर में रहती है मौसी
केंद्रीय मंत्री की सगी मोसी तेजगढ़ गांव में आज भी पुराने और टूटेफूटे मकान में अकेली रहती। भतीजे से आज भी उनका व्यवहार पहले जैसा है। केंद्रीय मंत्री ने जब मौसी से समस्याएं पूछी तो उन्होंने कहा उसी टूटे मकान में रहते है, जिसमें तुम रहते थे। आवास मिला नहीं, शौचालय मिला नही है, जमीन का केस लगा है। बाद में उन्होंने मौसी तुलसाबाई से कहा मंत्री धर्मेंद सिंह अब आपकी सभी समस्याये निपटा देंगे। उसके बाद बाद तेंदूखेड़ा एसडीएम को बुलाया और समस्याओं के निराकरण करने मौके पर ही निर्देश दिये। साथ ही उस कच्चे मकान का केंद्रीय मंत्री और राज्यमंत्री ने निरिक्षण किया। उससे पहले मंत्री अपने पुराने साथियों से मिलने उनके घर भी पहुंचे।
खिलाया केला सोपी पठोंनी
तुलसा बाई ने पहले केंद्रीय मंत्री का नाम लेकर भोजन करने की बात कही, लेकिन उन्होंने मना किया तो केले खिलाये और जब मंत्री जाने लगे तो गरीब मौसी ने विदाई की पठोंनी में कुछ सामग्री रखकर विदा किया। तुलसाबाई ने बताया उनकी सगी बड़ी बहन के पुत्र है केंद्रीय मंत्री। उनका बचपन तेजगढ़ में ही गुजरा है और यहीं ननिहाल है। केंद्रीय मंत्री मौसी के घर जाने के पहले अपने पुराने साथी नंदू कोष्ठी, कोस्टि, दामोदर कोष्ठी, रामचरण कोष्ठी के घर भी पहुंचे यह उनके पुराने साथी है।