केंद्रीय शिक्षा मंत्री श्री धर्मेंद्र प्रधान ने भुवनेश्वर में रोजगार मेले में 204 युवाओं को नियुक्ति पत्र वितरित किए
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से रोजगार मेले को संबोधित किया और विभिन्न सरकारी विभागों एवं संगठनों में नवनियुक्त युवाओं को 51,000 से अधिक नियुक्ति पत्र वितरित किए।
इस 16वें राष्ट्रव्यापी रोजगार मेले के अंतर्गत, भुवनेश्वर के रेल ऑडिटोरियम में एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम आयोजित किया गया, जहां केंद्रीय शिक्षा मंत्री श्री धर्मेंद्र प्रधान ने 204 नवनियुक्त युवाओं को नियुक्ति पत्र प्रदान किए। यह कार्यक्रम इन युवा नियुक्तियों की पेशेवर यात्रा में एक महत्वपूर्ण क्षण था और इसने रोजगार सृजन पर सरकार के निरंतर जोर की पुष्टि की।
अपने संबोधन में, श्री प्रधान ने इस बात पर जोर दिया कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में 2022 में शुरू किए गए रोजगार मेले के जरिए अब तक देश भर के विभिन्न सरकारी विभागों में 10 लाख से ज्यादा युवाओं की भर्ती हो चुकी है। उन्होंने सुशासन, पारदर्शिता और युवा सशक्तिकरण के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई।
श्री प्रधान ने रोजगार सृजन के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता पर प्रकाश डालते हुए बताया कि आज का रोजगार मेला ओडिशा के सात स्थानों के साथ-साथ देश भर में 47 स्थानों पर आयोजित किया गया। उन्होंने बताया कि इस आयोजन के दौरान 51,000 से ज्यादा युवाओं को नियुक्ति पत्र दिए गए। ओडिशा सरकार के प्रयासों की सराहना करते हुए उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार की पहल से प्रेरणा लेते हुए, राज्य ने नियुक्ति मेलों का आयोजन किया है, जिससे एक वर्ष के भीतर 25,000 से 30,000 रोजगार उपलब्ध हुए हैं।
व्यापक राष्ट्रीय प्रगति पर बात करते हुए, श्री प्रधान ने कहा कि जापान को पीछे छोड़ते हुए भारत दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है। 25 वर्ष की औसत आयु के साथ, भारत युवाओं का देश बना हुआ है और यह जनसांख्यिकीय लाभ अगले 25 से 30 वर्षों तक बना रहेगा। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि सरकारी नौकरियों सहित सम्मानजनक रोजगार देश के युवाओं की एक प्रमुख आकांक्षा है।
श्री प्रधान ने भारत के मजबूत स्टार्टअप इकोसिस्टम के उदय पर भी प्रकाश डाला, जो पिछले एक दशक में काफी विकसित हुआ है। उन्होंने बताया कि पिछले दस वर्षों में 25 करोड़ से ज्यादा लोग बीपीएल (गरीबी रेखा से नीचे) की स्थिति से बाहर आ गए हैं।
डिजिटल के मोर्चे पर बोलते हुए, उन्होंने कहा कि भारत अब डिजिटल अर्थव्यवस्था को अपनाने में दुनिया में अग्रणी है। कोविड-19 महामारी पर विचार करते हुए, उन्होंने कहा कि जब दुनिया गंभीर व्यवधानों का सामना कर रही थी, उस समय भारत के स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र ने न केवल संकट का प्रभावी ढंग से प्रबंधन किया, बल्कि दवाओं और टीकों के माध्यम से अन्य देशों की भी मदद की। एक समय अमेरिका से आयातित पीएल-480 अनाज पर निर्भर रहा भारत अब पीएम-गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई) के तहत अपनी 60-65% आबादी को प्रति व्यक्ति प्रति माह 5 किलो अनाज वितरित कर रहा है, जो देश की आत्मनिर्भरता का प्रमाण है।
केंद्रीय मंत्री ने नवनियुक्त युवाओं से आग्रह किया कि वे अपनी उपलब्धियों पर संतुष्ट न हों और उन्होंने उन्हें और अधिक उपलब्धियों के लिए कड़ी मेहनत करने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने करियर विकास और कौशल संवर्धन के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और चैटजीपीटी जैसे प्लेटफॉर्म को अपनाने के महत्व पर भी जोर दिया।
भुवनेश्वर के कार्यक्रम में श्री परमेश्वर फुंकवाल, महाप्रबंधक, ईस्ट कोस्ट रेलवे; श्री एल.वी.एस.एस. पात्रुडू, प्रधान मुख्य कार्मिक अधिकारी, ईस्ट कोस्ट रेलवे; प्रोफेसर डॉ. आशुतोष विश्वास, कार्यकारी निदेशक, एम्स भुवनेश्वर; श्री निर्मलजीत सिंह, मुख्य पोस्टमास्टर जनरल, ओडिशा सर्कल; श्री प्रकाश चंद्र नायक, आयुक्त, जीएसटी, केंद्रीय उत्पाद शुल्क और सीमा शुल्क, भुवनेश्वर; श्री प्रदीप कुमार रे, रजिस्ट्रार, आईआईएसईआर बरहामपुर; श्री गौतम पात्रा, मुख्य प्रबंधक और संयोजक, एसएलबीसी, ओडिशा; श्री नागेश कुमार, डिप्टी कमांडेंट, सीआरपीएफ; डॉ. संघमित्रा पति, अतिरिक्त महानिदेशक, आईसीएमआर और प्रभारी निदेशक, आईसीएमआर-आरएमआरसी भुवनेश्वर सहित कई प्रतिष्ठित गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।