उप पंजीयक कार्यालय में मची भर्रेशाही किसी से छुपी नही है। यहां नित्य नई कहानियां सामने आना कोई हैरानी की बात नही रह गई है। ऐसा ही एक सनसनीखेज मामला नगरीय क्षेत्र सिंगरौली के नौगढ़ वार्ड क्रमांक 45 का सामने आया है। जहां आरोप है कि भूमि का वैल्यूएशन करने में तकरीबन सवा करोड़ रूपये का खेला कर दिया है। वही स्टाम्प ड्यूटी की भी खेला करते हुये सरकार को तक रीबन 18 लाख रूपये राजस्व क्षति पहुंचाने का आरोप है।
दरअसल सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार नगर निगम सिंगरौली के वार्ड क्रमांक 45 स्थित ग्राम नौगढ़ की आराजी नम्बर 1297/1 (एस) कुल बिक्री रकवा 0.1400 हे., 2990/1/1(एस)बिक्री करवा 0.1600 हे., 2990/1/2(एस) 0.0 800 हे., 1297/2(एस)0.0700 हे. एवं आराजी नम्बर 2990/2/1(एस) 0.0200 हे. कुल रकवा 5 किता बिक्रय रकवा 0.4700 हे.। जिन्हें विके्रता राधावती बैस, प्रदीप कुमार बैस, अखिलेश कुमार बैस, प्रेमसागर बैस, राजेन्द्र प्रसाद एवं मिरू प्रसाद ने उक्त आराजी को राधेश्याम पाटकर पिता संत गोपाल पाटकर को पिछले वर्ष 1 जून को बिक्रय किया था। हालांकि इसमें भी विक्रेता की ओर से कई तरह के आरोप लगाते हुये के्रता पर धोखाधड़ी किये जाने को लेकर कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक के यहां लिखित शिकायत देते हुये जांच कराए जाने की मांग की है। वही उक्त रजिस्ट्री सेवा प्रदाता सुनील सिंह चौहान के द्वारा लिखि गई थी। किन्तु आरोप है कि उक्त भूमि की वैल्यूएशन करने में व्यापक पैमाने पर खेला किये जाने का मामला सामने आ रहा है। सूत्र आगे बतातेे हैं कि जिस वक्त उक्त आराजी की भूमि को क्रय की गई थी। उस वक्त सेवा प्रदाता के द्वारा जमीन के अनुमानित कीमत करीब सवा करोड़ रूपये आंका गया था। जबकि उक्त नौगढ़ के भूमि की कीमत मौजूदा समय में करीब 2 करोड़ 40 लाख रूपये है। हालांकि इस वित्तीय सत्र में कलेक्टर गाईड लाईन के अनुसार 23 प्रतिशत स्टाम्प शुल्क की ड्यूटी बढ़ाई है। इसके बावजूद पिछले वर्ष के दर के अनुसार स्टाम्प शुल्क में भी अनुमानत: करीब 18 लाख रूपये की स्टाम्प ड्यूटी कम लगाई गई है। आरोप के साथ-साथ चर्चा है कि उक्त रजिस्ट्री में मुख्य सड़क के किनारे व सटी होने के बावजूद आवासीय का वैल्यूएशन किया था। जबकि उक्त आराजी व्यवसायिक के श्रेणी में हैं। वही इसी आराजी को राधेश्याम पाटकर ने विष्णु प्रताप चन्द्र पिता नागेन्द्र चन्द्र मेढ़ौली को 24 मई 2024 को करीब 2 करोड़ 40 लाख 31 हजार रूपये अनुमानित कीमत आंक कर बिक्री किया है। फिलहाल एक साल के अन्दर उसी आराजी के करीब 55 प्रतिशत स्टाम्प शुल्क में चोरी कर व्यापक हेरफेर कर शासन को राजस्व क्षति पहुंचाने में कोई कोर कसर नही छोड़ा है। जबकि मौजूदा समय में उक्त क्षेत्र में जमीन की कीमत काफी तेजी से बढ़ी है। यदि उसी आराजी को वर्तमान बाजारू रेट से कोई भी क्रय करता तो करीब 22 करोड़ रूपये खर्च करता।
एक साल में बढ़ गई जमीन की 55 प्रतिशत कीमत!
कलेक्टर के गाईड लाईन के अनुसार इस वर्तमान वित्तीय वर्ष में ननि के वार्ड क्रमांक 45 नौगढ़ के भूमि बिक्री स्टाम्प के कीमत में करीब 23 प्रतिशत वृद्धि की गई है। किन्तु 1 जून के बैस परिवार से क्रय की गई जमीन में करीब 18 लाख रूपये स्टाम्प चोरी का खेला किया गया। वही इसी आराजी को जब राधेश्याम पाटकर ने बिक्री किया तो उसमें स्टाम्प ड्यूटी ठीकठाक नही लगाया गया। चर्चाएं हैं कि उक्त दोनों रजिस्ट्री के सेवा प्रदाता रिश्ता में चाचा-भतीजा सुनील कुमार सिंह चौहान एवं दूसरे के अजय सिंह चौहान हैं और यह भी जानकारी मिल रही है कि दुकान भी एक ही है। भले ही रजिस्टेशन में अलग-अलग बताई गई हो।
30 से 50 प्रतिशत का होता है खेला
सूत्रों की माने तो सम्पत्तियों के क्रय-विक्रय स्टाम्प ड्यूटी चोरी करने की कोई नई कहानी है। इस तरह के मामले आये दिन सामने आते रहते हैं। बताया जाता है कि जब स्टाम्प की ड्यूटी की चोरी कराई जाती है। उसमें 30 से 50 प्रतिशत का सौदा तय होता है। यह राशि कहां जाती है और कौन वसूलता है। यह अबूज पहेली है। लेकिन जन चर्चाओं के मुताबिक उप पंजीयक की सेवा प्रदाता से खूब बनती है। यह बात किसी से छुपी नही है। उप पंजीयक अशोक सिंह परिहार पूर्व में सेवा प्रदाताओं से कई बार अपने खाते में कैश भी ट्रंासफर करा चुकेे हैं। लेकिन बाद में जांच के समय में लेनेदारी-देनदारी बता दिया थे।