सहायक यंत्रियों के प्रभार को लेकर घिरे ईई
मामला ग्रामीण यांत्रिकी सेवा सिंगरौली का, प्रभारों के अदला-बदली में भी अधिकारियों की रही मेहरवानी
सिंगरौली 13 अक्टूबर। ग्रामीण यांत्रिकी सेवा सिंगरौली के सहायक यंत्रियों के प्रभार में फेरबदल किये जाने को लेकर कार्यपालन यंत्री आरईएस सवालों के घेरे में फसते नजर आ रहे हैं। प्रमुख अभियंता के आदेश के बावजूद कार्यपालन यंत्री पत्र तो जारी कर दिया था। लेकिन वें खुद उसका क्रियान्वयन नही करा पा रहे थे। बमुश्किल से पिछले दिनों सहायक यंत्रियों के प्रभार में अदला-बदली कर अपनी स्वयं की पीठ थपथपा रहे हैं।
गौरतलब है कि पिछले वर्ष 26 जून को मुख्य अभियंता ग्रामीण यांत्रिकी सेवा म.प्र.भोपाल ने सभी कार्यपालन यंत्रियों को निर्देश जारी कर दिये थे कि मनरेगा योजना के अंतर्गत पदस्थ संविदा सहायक यंत्रियों को तकनीकी स्वीकृति के बारे में एक सख्त आदेश जारी किया था। प्रमुख अभियंता आरईएस ने निर्देश जारी किया था कि संविदा पर पदस्थ सहायक यंत्रियों को तकनीकी स्वीकृति जारी करने का अधिकार नही होंगे। इसके लिए मुख्य अभियंता ने पत्र के माध्यम से निर्देशित किया था कि उक्त निर्देशों का कड़ाई के साथ पालन करे एवं अपने संभाग अंतर्गत यदि कोई संविदा सहायक यंत्री/ प्रभारी सहायक यंत्री द्वारा उक्त निर्देशों की अवहेलना की जाती है तो संबंधित के विरूद्ध कार्रवाई के लिए सक्षम प्राधिकारी को प्रकरण प्रेषित करे। प्रमुख अभियंता के उक्त निर्देश के करीब चार दिन बाद 30 जून 2023 को तत्कालीन कार्यपालन यंत्री आरईएस ने दो संविदा सहायक यंत्रियों को उक्त आदेश का हवाला देकर अवगत कराया था कि संविदा सहायक यंत्री मनरेगा द्वारा कि सी भी योजना के तकनीकी स्वीकृति जारी नही करेंगे। अंत में आदेश पत्र में यह भी उल्लेख किया था कि उक्त आदेश की अवहेलना किये जाने पर नियमानुसार कार्रवाई की जावेगी। किन्तु कार्यपालन यंत्री आरईएस पर ही आरोप है कि 30 जून के आदेश का पालन कराने में 15 महीने से अधिक का वक्त लगा दिया। अब इसी मुद्दे को लेकर कार्यपालन यंत्री आरईएस सिंगरौली कई सवालोंं के लपेटे में फसते नजर आ रहे हैं। हालंाकि उन्होंने पिछले दिनों नवभारत को बताया था कि संविदा सहायक यंत्रियों को केवल टीएस जारी करने का आदेश है। चर्चा है कि कार्यपालन यंत्री जिला पंचायत के अधिकारियों के दबाव में आकर प्रमुख अभियंता के आदेश का 15 महीने बाद किसी तरह पालन कराया है। दो सहायक यंत्रियों को पंचायत के सेक्टरों का प्रभार सौंप कर अपनी खुद की पीठ थपथपा रहे हैं। फिलहाल आरईएस विभाग सिंगरौली में संविदा सहायक यंत्रियों पर पिछले कुछ वर्षो से जिला पंचायत के जिम्मेदारों की दरियादिली एवं मेहरवानी को लेकर विभाग में ही तरह-तरह की चर्चाएं की जाने लगी हैं ।
15 महीने बाद ईई आरईएस की टूटी नींद
मुख्य अभियंता आरईएस म.प्र. भोपाल के सख्त निर्देश के बावजूद सिंगरौली आरईएस के कार्यपालन यंत्री करीब 15 महीने बाद सहायक यंत्रियों को सेक्टरों प्रभार सौंपकर वाहवाही लूट रहे हैं। अब सवाल उठाया जा रहा है क 15 महीने तक कार्यपालन यंत्री प्रमुख अभियंता के आदेश का क्रियान्वयन क्यो नही करा पा रहे थे। साथ ही जब इनके एवं इसके पूर्व सहायक यंत्रियों के प्रभार में अदला-बदली हुई तो क्या अदला-बदली करने के पूर्व कारण सहित प्रस्ताव अधोहस्ताक्षरकर्ता के पास भेजा है। साथ ही कई सालों तक संविदा सहायक यंत्री नरेगा सहित अन्य कार्यो का तकनीकी स्वीकृति जारी करते रहे। क्या यह तकनीकी स्वीकृति अवैध मानी जाएगी?
ईई ने संविदा एसडीओ को सौंपा था अतिरिक्त प्रभार
जिला शिक्षा केन्द्र सिंगरौली में पदस्थ संविदा सहायक यंत्री विनोद शाह को जनपद क्षेत्र बैढ़न के ग्राम पंचायतों में अतिरिक्त प्रभार तत्कालीन कार्यपालन यंत्री अनूप कुमार मिश्रा ने 12 मार्च 2023 को सौंपा था। तत्कालीन ईई ने आदेश जारी किया था कि धर्मेन्द्र सरियाम सहायक यंत्री आरईएस जंप बैढ़न से जंप देवसर के लिए स्थानांतरण होने के फलस्वरूप उनके स्थान पर जिला शिक्षा के न्द्र में पदस्थ संविदा सहायक यंत्री को जंप बैढ़न के आरईएस के कार्यो का पर्यवेक्षण एवं निरीक्षण एवं सत्यापन तथा प्राकलन आदि कार्य सम्पादित करने अतिरिक्त कार्य सौंप दिया था। तभी से संविदा सहायक यंत्री भी चर्चाओं में आ गए थे।