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चिटफंड कंपनी के प्रबंधक को पकड़कर किया पुलिस के हवाले कंपनी में लुहावने ऑफर देकर हजारों लोगों के करोड़ों रूपए कराएं इन्वेस्ट, सामाजिक कार्यकर्ता वन लोगों का जीत भरोसा

Pradeep Tiwari
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चिटफंड कंपनी के प्रबंधक को पकड़कर किया पुलिस के हवाले
कंपनी में लुहावने ऑफर देकर हजारों लोगों के करोड़ों रूपए कराएं इन्वेस्ट, सामाजिक कार्यकर्ता वन लोगों का जीत भरोसा

सिंगरौली  जिले में हजारों लोगों के साथ चिटफंड कंपनी की ठगी करने वाले प्रबंधक को निवेशकों ने पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया।
इस दौरान कोतवाली थाने में सैकड़ों निवेशक पहुंच चिटफंड कंपनी के कर्ताधर्ता पर धोखाधड़ी के आरोप लगाए। साथ ही कहा कि स्वामी विवेकानंद मल्टी स्टेट को-ऑपरेटिव सोसाइटी नामक चिटफंड कंपनी निवेशकों का करीब 100 करोड़ से ज्यादा लेकर फरार होने के फिराक में हैं। चिटफंड कंपनी के एजेंट लोगों को ज्यादा मुनाफे का लालच देते थे। इसलिए लोग उनके लालच में आ जाते और निवेश कर देते थे। गौरतलब हैं कि लंबे समय से स्वामी विवेकानंद मल्टी स्टेट को-ऑपरेटिव सोसाइटी नामक चिटफंड कंपनी हजारों लोगों से करोड़ों रुपये जमा कराए। निवेशकों ने धोखाधड़ी का आरोप लगाया है। कंपनी की एजेंट राजकुमार बैस ने आरोप लगाया कि आरती बंसल और अनुराग बंसल पहले ऑप्शन नाम की चिटफंड कंपनी में लोगों का निवेश कराया। लेकिन कुछ दिनों बाद यह लोग कंपनी को या तो बंद कर दिए या फिर नाम बदल दिए। यह लोग दूसरी बार स्वामी विवेकानंद मल्टी स्टेट को-ऑपरेटिव सोसाइटी से लोगों से निवेश कराने लगें। कंपनी के कर्ताधर्ता अनुराग बंसल लोगों को लुभावने और कम समय में पैसे डबल करने की गारंटी ली और हजारों लोगों को एडवाइजर बनकर 100 करोड़ रुपए से ज्यादा का निवेश कराया। श्री बैस ने कहा कि मेरा खुद का करीब 2 करोड़ रुपए और मेरी टीम का 7 से 8 करोड़ रुपए कंपनी में जमा है। लेकिन पिछले कुछ दिनों से कलेक्टर के एक आदेश के बाद कंपनी बंद हो गई और कंपनी के कर्ताधर्ता अनुराग बंसल लोगों से दूरी बनाने लगे।
कोरोना काल में खूब लूटी थी वाहवाही
बता दे की कोरोना काल के दौरान जहां पूरे जिले के लोग घर में बैठे थे। उस दौरान आरती बंसल और अनुराग बंसल सामाजिक कार्यकर्ता वन लोगों का भरोसा जीतने में लगें रहें। दोनों जरूरत मंदों की मदद करने में बढ़चढ़कर हिस्सा लेते नजर आते थे। वह कभी संस्थानों में सैनिटाइजर मशीन तो कभी जरूरतमंदों को सेनीटइजर के अलावा खाने-पीने की सामग्री लेकर पहुंच जाती थी। जिससे वह लगातार मीडिया की सुर्खियों में रही। आरती बंसल सामाजिक कार्यकर्ता होने वाली अपनी छवि को कैसे किया और लोगों से उनकी खून-पसीने की गाढ़़ी कमाई चिटफंड कंपनी में निवेश कराया।
रातों-रात लखपति बनने के चक्कर में खा रहे धोखा
जिला बनने एवं उद्योगिक कंपनियों के आने के बाद जिले में कई चिटफंड कंपनियां आ गई। इस दौरान भोले-भाले ग्रामीणों को साल-दो साल में दोगुना रकम का प्रलोभन देकर करोड़ों रूपये निवेशकों को डकार कर रफूचक्कर हो गए। करीब ऐसे कुछ मामले कोतवाली बैढ़न में चिटफंड कंपनियों के खिलाफ पंजीबद्ध है और चिटफंड कंपनी के फ्र ॉड जेल भी जा चुके हैं। पुलिस एवं जिला प्रशान ने इस संबंध में कई बार अपील भी किया कि चिटफंड कंपनियों के बहकावेे में लोगबाग न आए।
निवेशकों ने अनुराग बंसल को पुलिस के किए हवाले
कंपनी के फरार होने की खबर सुनकर निवेशकों में हड़कंप मच गया। लोग चिटफंड कंपनी के दफ्तर पहुंचे। दफ्तर पर ताले लटके हुए मिले। कंपनी के संचालकों का नंबर भी स्विचऑफ मिला। वही निवेशक कंपनी के स्थानीय प्रबंधक की तलाश में लगे रहे। जहां आज चिटफंड कंपनी के कर्ताधर्ता अनुराग बंसल को निवेशको ने देखा तो उन्हें पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया। वही सैकड़ों की संख्या में पहुंचे निवेशको ने मीडिया सहित पुलिस अधिकारियों को दुखड़ा सुनाया और सभी अधिकारियों से निवेश की रकम दिलाने की मांग की। निवेशकों ने बताया कि कंपनी में 100 करोड़ रुपये से अधिक रुपए का निवेश किया गया है। अब कर्ताधर्ता लोगों का पैसा लेकर फरार होने के फिराक में है।

Pradeep Tiwari

Pradeep Tiwari

मैं, प्रदीप तिवारी, पिछले 10 वर्षों से पत्रकारिता से जुड़ा हूँ। सबसे पहले, मैं एक स्थानीय समाचार चैनल में एक रिपोर्टर के रूप में शामिल हुआ और फिर समय के साथ, मैंने लेख लिखना शुरू कर दिया। मुझे राजनीति और ताज़ा समाचार और अन्य विषयों से संबंधित समाचार लिखना पसंद है।

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