नामित अदालत ने घूसखोरी के एक मामले में वेस्टर्न कोलफील्ड्स के तत्कालीन प्रबंधक (वित्त) एवं तत्कालीन क्लर्क (ई & एम) सहित दो आरोपियों को 5 वर्ष की कारावास के साथ जुर्माने की सजा सुनाई
विशेष न्यायाधीश केलापुर ने घूसखोरी से संबंधित एक मामले में दो आरोपियों यथा माणिक लाल पॉल तत्कालीन प्रबंधक (वित्त), डब्ल्यूसीएल, नीलजाई को 5 वर्ष की कारावास एवं अविनाश मारोतराव काकड़े तत्कालीन क्लर्क (ई एंड एम) कार्यालय मुख्य प्रबंधक (ई & एम), डब्ल्यूसीएल नीलजाई नॉर्थ ओपन कास्ट माइन, नीलजाई को 5 वर्ष की कारावास के साथ संयुक्त रूप से दोनों आरोपियों को 20,000 रु. जुर्माने की सजा सुनाई है।
सीबीआई ने आरोपियों यथा माणिक लाल पॉल तत्कालीन प्रबंधक (वित्त), नीलजाई क्षेत्र वानी उपक्षेत्र डब्ल्यूसीएल एवं अविनाश मारोतराव काकड़े, तत्कालीन क्लर्क नीलजाई उपक्षेत्र के विरुद्ध दिनांक 06.05.2014 को मामला दर्ज किया था, जिसमें आरोप था कि आरोपियों ने एक एम्बुलेंस की मरम्मत व आरटीओ पासिंग से संबंधित शिकायतकर्ता के बिलों को पास करने और उन्हें पुनर्सत्यापन हेतु क्षेत्रीय कार्यालय डब्ल्यूसीएल, वानी को न भेजने के लिए रिश्वत की मांग की एवं स्वीकार किया।
सीबीआई ने जाल बिछाया एवं आरोपियों को शिकायतकर्ता से अवैध रिश्वत मांगने एवं स्वीकार करने के दौरान रंगे हाथों पकड़ा। बाद में आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया।
जांच पूरी होने के पश्चात दिनांक 20.01.2015 को विशेष न्यायाधीश केलापुर (महाराष्ट्र) की अदालत में आरोपियों के विरुद्ध आरोप पत्र दायर किया।
अदालत ने विचारण के पश्चात, आरोपियों को दोषी ठहराया एवं तदनुसार उन्हें सजा सुनाई।