सिंगरौली 3 नवम्बर। प्रदेश सरकार के मंत्री से लेकर संत्री तक दावा करते हैं कि विकास कार्य में धन की कमी आड़े नही आने दिया जाएगा। लेकिन यह दावा केवल मंच तक सीमित है।
इसका जीता-जागता उदाहरण जिले में लगे 3 शव वाहन हैं। जिन्हे सात महीने से भुगतान न मिलने के कारण 1 नवम्बर से सेवाएं ठप कर दी गई है। वही करीब 12 घंटे के अधिक समय तक पॉच शव पीएम घर में पड़े रहे। गौरतलब है कि जिला चिकित्सालस समेत देवसर एवं चितरंगी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द में कुल 3 शव वाहन आउट सोर्स के माध्यम से मुहैया कराया गया है। किन्तु आउट सोर्स के संचालक व समन्वयक अभिषेक पाण्डेय ने पिछले माह की 23 अक्टूबर को सीएमएचओ सिंगरौली को पत्र लिखकर अवगत कराया था कि 7 महीने से भुगतान नही मिला है। चालक को पारिश्रमिक भुगतान भी नही हो पा रहा है और वाहनों का मरम्मत के साथ-साथ ईधन का भी व्यवस्था करने में असमर्थ हैं। 1 नवम्बर से उक्त सेवाएं बन्द किये जाने से जिला चिकित्सालय के पीएम कक्ष में कल से ही पॉच शव पड़े रहे। मृतक के परिजन उक्त शव को ले जाने के लिए आज दोपहर बाद खुद किराया के वाहन का इंतजामात किये। इस दौरान मृतक के परिजनों ने जिला प्रशासन एवं प्रदेश सरकार को आड़े हाथों लिया।
दिन भर भटकते रहे मृतकों के परिजन
गमगीन माहौल में शव जिला चिकित्सालय बैढ़न के पीएम कक्ष में मृतक के परिजन इस बात का इंतजार करते रहे कि कब शव वाहन आएगा और अंतिम संस्कार के लिए घर ले जाए। ऐसे करीब कल से लेकर आज दिन शनिवार की दोपहर तक पॉच शव पड़े थे। जिसमें मोरवा अंचल के मृतक शिवराम बैगा, कैलाश प्रसाद के साथ-साथ कचनी के बालेश्वर चौहान समेत दो अन्य शव माड़ा एवं जयंत इलाके के थे। जहां वें अंतिम संस्कार के इंतजार करते रहे। बताया जा रहा है कि मृतक के परिजनों को जब इस बात की जानकारी लगी कि अब शासकीय शव वाहन नही मिलेगा तब वें खुद किराये से वाहन तय कर शव को अपने-अपने घर ले गए। वही विपक्षी दल कंाग्रेस जिला अध्यक्ष ज्ञानेन्द्र द्विवेदी एवं आप जिला अध्यक्ष रतिभान ने सरकार एवं जिला प्रशासन को जमकर कोसा है।
इनका कहना:-
जिले में 3 शव वाहन आउट सोर्स से लगे हुये हैं। 7 महीने से भुगतान न होने के कारण सेवाएं बन्द है। प्रयास जारी है कि जल्द से जल्द लंबित भुगतान करा दिया जाए। इसके लिए कार्रवाई जारी है।
डॉ. एनके जैन
सीएमएचओ, सिंगरौली
जिले में शव वाहन दो दिन से ठप, सात महीने से नही मिला भुगतान आउट सोर्स के संचालक एवं समन्वयक ने एक सप्ताह पहले सीएमएचओ को लिखित तौर पर कराया था अवगत, जिला प्रशासन की शुरू है किरकिरी
Pradeep Tiwari
मैं, प्रदीप तिवारी, पिछले 10 वर्षों से पत्रकारिता से जुड़ा हूँ। सबसे पहले, मैं एक स्थानीय समाचार चैनल में एक रिपोर्टर के रूप में शामिल हुआ और फिर समय के साथ, मैंने लेख लिखना शुरू कर दिया। मुझे राजनीति और ताज़ा समाचार और अन्य विषयों से संबंधित समाचार लिखना पसंद है।
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