रेलवे इस फैसले से यात्रियों को होंगे ये लाभ, IRCTC को इतनी हानि ! अब बुकिंग से पहले रखें ये ध्यान
दरअसल, पहले ट्रेन टिकटों से जुड़े 120 के इस विंडो को यात्रियों की सहूलियत के हिसाब से तय किया गया था। ताकि वो एडवांस में अपना टिकट बुक करवा सके। लेकिन ट्रेन कैंसिल होने की स्थिति में यात्रियों को कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ता था।
PUBLISH BY URJADHANI NEWS
भारतीय रेलवे ने एडवांस टिकट बुकिंग व्यवस्था में बड़ा बदलाव किया है। नई व्यवस्था के मुताबिक अब यात्रा से महज 60 दिन पूर्व ही टिकट बुक किया जा सकेगा। अब तक रेलवे यात्रियों को 120 दिन पहले से टिकट बुक करने की सुविधा देता था। रेलवे की यह नई व्यवस्था 1 नवंबर 2024 से लागू होने जा रही है। हालांकि, 31 अक्टूबर तक टिकटों की बुकिंग में कोई बदलाव नहीं किया गया है। अभी ट्रेनों के टिकटों बुकिंग आईआरसीटीसी की वेबसाइट, ऐप के अलावा रेलवे के बुकिंग काउंटर से होती है। आईआरसीटीसी से हर दिन 12.38 लाख टिकट बुक होते हैं।
दरअसल, पहले ट्रेन टिकटों से जुड़े 120 के इस विंडो को यात्रियों की सहूलियत के हिसाब से तय किया गया था। ताकि वो एडवांस में अपना टिकट बुक करवा सके। लेकिन ट्रेन कैंसिल होने की स्थिति में यात्रियों को कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ता था। इसी को ध्यान में रखते हुए रेलवे ने इस विंडो को 120 दिनों से 60 दिन कर दिया है। रेलवे ने यह भी साफ किया कि विदेशी पर्यटकों के लिए 365 दिन पहले तक ट्रेन टिकट एडवांस में बुक करने से जुड़े नियम में कोई बदलाव नहीं किया है।
इस नए फैसले से रेलवे टिकट बुकिंग के दौरान यात्रियों को अधिक ध्यान देना होगा। क्योंकि बुकिंग का विंडो अब 60 दिन पहले खुलेगा और व्यस्त रूट्स पर टिकट जल्दी बिक भी जाएंगे। ऐसे में उन्हें 60 दिन के विंडो के शुरुआती समय में ही बुकिंग करानी होगी। यात्रा की योजना बनाने वाले यात्रियों के लिए यह जरूरी है कि वे नए नियमों के मुताबिक अपनी बुकिंग करें, ताकि उन्हें टिकट लेने में कोई परेशानी न हो।
जानकारों का कहना है कि, रेलवे ने त्योहारी सीजन और छुट्टियों के सीजन में बढ़ती यात्रियों की परेशानी और ट्रेनों में सीट नहीं मिलने की दिक्कतों को देखते हुए यह फैसला लिया हैं। हाल ही में जिस दिन दीपावली और छठ पूजा के लिए ट्रेनों की बुकिंग खुली थी। उसी दिन अधिकांश ट्रेनें फुल हो गई थी। एक दो दिन बाद ही ट्रेनों में वेटिंग आना शुरु हो गई थी। जैसे जैसे त्योहारी नजदीक आ रहे है वैसे ट्रेनों में वेटिंग बढ़ने के साथ ही ट्रेनों में नो रूम या रिग्रेट की स्थिति बन गई है। रेलवे के इस फैसले से एडवांस में होने वाली बल्क बुकिंग पर रोक लगेगी। क्योंकि एडवांस बुकिंग के नाम पर फर्जी दलाल टिकटों की कालाबाजारी करते थे। वह एक टिकटों को हजारों रुपए में आम यात्रियों को बेचते थे। रेलवे के इस कदम से इस तरह के धंधे पर रोक लगेगी। रेलवे का भी कहना है कि इस फैसले से टिकटों की कालाबाजारी और नेक्सस पर भी लगाम लगाया जा सकेगा। इसका मकसद सिर्फ यह है कि आम यात्रियों का सीट मिल सके।
आईआरसीटीसी का होगा नुकसान !
रेलवे में 1 अप्रैल, 2015 तक एडवांस रिजर्वेशन का समय 60 दिन था। सरकार ने तब बुकिंग अवधि को 120 दिन करने के पीछे तर्क दिया था कि रिर्जेवेशन टाइम आगे बढ़ाने से टिकट आसानी से बुक हो सकेंगे। जबकि दलाल हतोत्साहित होंगे, क्योंकि इसमें ज्यादा कैंसिलेशन चार्ज देना होगा। हालांकि, तब कई लोगों यह भ्ज्ञी तर्क दिया था कि रिजर्वेशन पीरियड को आगे बढ़ाने का रेलवे का उद्देश्य अतिरिक्त 60 दिनों के लिए ब्याज के साथ-साथ कैंसिलेशन की ज्यादा संख्या के माध्यम से एडिशनल रेवेन्यू कमाना है। लेकिन अब एडवांस रिजर्वेशन के दिन कम होने से आईआरसीटीसी की ब्याज और कैंसिलेशन से कमाई पर असर पड़ेगा। जिसकी छाप आज से ही कंपनी शेयर के पर दिखाई दी। गुरुवार को रेलवे के इस निर्णय के बाद कंपनी का शेयर करीब 2.18 फीसदी गिरकर नीचे 872 रुपए पर बंद हुआ है। एक महीने में शेयर 6 प्रतिशत टूटा है। आज की गिरावट के साथ ही कंपनी का मार्केट कैप घटकर 69760 करोड़ रुपए पर आ गया है। रेलवे के इस फैसले पर आईआरसीटीसी के लिए नेगेटिव माना जा रहा है क्योंकि करीब 85 प्रतिशत टिकटों की ऑनलाइन बुकिंग आईआरसीटीसी के जरिए ही होती है।
कुछ एक्सप्रेस ट्रेनों के लिए नहीं होगा बदलाव
रेलवे मंत्रालय ने साफ किया है कि 1 नवंबर से पहले की गई सभी बुकिंग पर इस नए नियम का कोई असर नहीं पड़ेगा। यानी, 31 अक्टूबर 2024 तक जो भी टिकट बुक किए गए हैं, वे पहले की तरह ही मान्य रहेंगे। इसके साथ ही विदेशी पर्यटकों के लिए 365 दिनों के एडवांस बुकिंग पीरियड में भी कोई बदलाव नहीं किया गया है। वे पहले की तरह अपनी बुकिंग एक साल पहले तक कर सकते हैं। रेलवे ने यह भी साफ किया कि कुछ विशेष डे-टाइम एक्सप्रेस ट्रेनों जैसे ताज एक्सप्रेस, गोमती एक्सप्रेस आदि के लिए पहले से मौजूद छोटे एडवांस रिजर्वेशन पीरियड में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा। इन ट्रेनों के लिए पहले की तरह ही कम समय में टिकट बुकिंग जारी रहेगी। यह बदलाव रेलवे के ऑपरेशन और यात्रियों की यात्रा करने की प्लानिंग पर असर डाल सकता है।
60 दिन के नियम के रेलवे ने गिनाए फायदे
टिकट बुकिंग सिस्टम में बदलाव पर भारतीय रेलवे का कहना है कि, टिकट रिजर्वेशन के लिए 120 दिनों का विंडो बहुत लंबा होता है। इन 120 दिनों की अवधि में टिकटों का कैंसिलेशन तेजी से बढ़ रहा था। कई बार देखने में आया है कि यात्री टिकट बुक कर लेते थे, लेकिन सफर नहीं करते थे। ऐसे में रेलवे के साथ अन्य यात्रियों का नुकसान होता था। आंकड़ों के मुताबिक, 120 दिनों के रिर्जेवेशन अवधि में औसत 21 फीसदी टिकटों का कैंसिलेशन हुआ है। जबकि 4 से 5 फीसदी यात्री अपना टिकट जल्दी बुक कर लेते थे। फिर उसे कैंसिल भी नहीं करवाते थे और यात्रा भी नहीं करते थे। इसके चलते कालाबाजारी के मामले बढ़ रहे है। इन खाली सीटों को रेलवे कर्मचारी अवैध तरीके बेच रहे थे। रेलवे का कहना है कि, लंबे रिजर्वेशन टाइम ट्रेन टिकटों को ब्लॉक कर देता है। लेकिन कम रिजर्वेशन टाइम होने से यात्री अब आसानी से टिकट बुक कर सकेंगे।