साइप्रस के राष्ट्रपति के साथ संयुक्त प्रेस वक्तव्य के दौरान प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी का प्रेस वक्तव्य
सबसे पहले मैं भव्य स्वागत और आतिथ्य-सत्कार के लिए राष्ट्रपति जी का हृदय से धन्यवाद करता हूँ। कल, जब से मैंने साइप्रस की धरती पर कदम रखा है, राष्ट्रपति जी और यहाँ के लोगों ने जो अपनापन और स्नेह दिखाया, वह सीधे दिल को छू गया।
अभी कुछ देर पहले, मुझे साइप्रस के इतने बड़े सम्मान से अलंकृत किया गया। यह सम्मान केवल मेरा नहीं, 140 करोड़ भारतीयों का सम्मान है। यह भारत और साइप्रस की अटूट मित्रता की मोहर है। इसके लिए मैं एक बार फिर हृदय से आभार व्यक्त करता हूँ।
साइप्रस के साथ हम अपने संबंधों को बहुत महत्व देते हैं। लोकतंत्र और rule of law जैसे मूल्यों में साझा विश्वास, हमारी साझेदारी के मजबूत आधार हैं। भारत और साइप्रस की मित्रता न परिस्थितियों से बनी है, और ना ही सीमाओं से बंधी है।
ये समय की कसौटी पर बार-बार परखी गई है। और समय के हर दौर में हमने सहयोग, सम्मान और समर्थन इस भावनाओ को जीवंत रखा है। हम एक दूसरे की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करते हैं।
दो दशक से भी लंबे अंतराल के बाद किसी भारतीय प्रधानमंत्री की साइप्रस यात्रा हो रही है। और ये आपसी संबंधों में एक नया अध्याय लिखने का एक स्वर्णिम अवसर है। आज राष्ट्रपति जी और मैंने, द्विपक्षीय संबंधों के सभी पहलुओं पर व्यापक चर्चा की।
साइप्रस के ‘विज़न 2035’ और ‘विकसित भारत 2047’ के विज़न के कई पहलुओं में समानता है। इसीलिए हम साथ मिलकर भविष्य को आकार देंगे। अपनी साझेदारी को स्ट्रेटेजिक दिशा देने के लिए हम अगले पाँच वर्षों के लिए एक ठोस रोडमैप बनायेंगे।
रक्षा और सुरक्षा सहयोग को और मजबूती देने के लिए द्विपक्षीय Defence Cooperation प्रोग्राम के तहत रक्षा उद्योग पर बल दिया जायेगा। साइबर और मैरीटाइम सिक्योरिटी पर अलग से dialogue शुरू किया जायगा।
क्रॉस-बॉर्डर टेररिज्म के विरुद्ध भारत की लड़ाई में साइप्रस के सतत समर्थन के लिए हम बहुत-बहुत आभारी हैं। आतंकवाद, drugs और arms की तस्करी की रोकथाम के लिए, हमारी एजेंसीज के बीच real time information exchange का मैकेनिज्म तैयार किया जायेगा। हम दोनों सहमत हैं कि हमारे आपसी व्यापार और निवेश में बहुत पोटेंशियल है।
कल राष्ट्रपति जी के साथ मैंने, दोनों देशों के आर्थिक संबंधों को लेकर बिज़नेस जगत में एक उत्साह और Synergy को महसूस किया। हम एक पारस्परिक लाभकारी, भारत और EU Free Trade Agreement को साल के अंत तक संपन्न करने के लिए काम कर रहे हैं।
इस साल ‘भारत, साइप्रस और ग्रीस बिजनेस और इन्वेस्टमेंट काउंसिल भी launch किया गया है। इन initiatives से दोनों देशों के बीच आपसी व्यापार और निवेश को भी बल मिलेगा।
Technology, इनोवेशन, health, agriculture, renewable energy, climate justice जैसे क्षेत्रों में आपसी सहयोग पर भी विस्तार से बात हुई। साइप्रस में योग और आयुर्वेद के प्रसार को देखकर हम उत्साहित हैं।
भारतीय tourists के लिए भी साइप्रस एक पससंदीदा डेस्टिनेशन है। उनके लिए Direct air connectivity बनाने पर जोर दिया जायेगा। हमने निश्चय किया कि Mobility Agreement को जल्द पूरा करने के लिए काम किया जाएगा।
यूरोपियन यूनियन में साइप्रस हमारा विश्वसनीय पार्टनर है। अगले वर्ष, साइप्रस की यूरोपियन यूनियन अध्यक्षता के लिए हम शुभकामनाएं देते हैं। हमें विश्वास है कि आपकी अध्यक्षता में भारत और EU संबंधों में नए आयाम जुड़ेंगे।
UN को समकालीन बनाने के लिए जरूरी reforms को लेकर हमारे विचारों में समानता है। साइप्रस द्वारा सिक्योरिटी council में भारत की स्थायी सदस्यता का समर्थन करने के लिए हम आपके आभारी हैं।
पश्चिम एशिया और यूरोप में चल रहे conflicts को लेकर हम दोनों ने चिंता व्यक्त की है। इनका नकारात्मक प्रभाव केवल उस क्षेत्र तक सीमित नहीं है। हम दोनों मानते हैं कि यह युद्ध का युग नहीं है।
संवाद से समाधान, और स्थिरता की बहाली ये मानवता की पुकार है । मेडिटरेनीयन क्षेत्र के साथ connectivity बढ़ाने पर भी हमने बात की। हम सहमत हैं कि India, Middle East, Europe Economic Corridor से क्षेत्र में शांति और समृद्धि का मार्ग प्रशस्त होगा।
राष्ट्रपति जी,
मैं आपको भारत यात्रा के लिए सादर निमंत्रित करता हूँ। आशा करता हूँ जल्द ही भारत में आपका स्वागत करने का अवसर मिलेगा।
एक बार फिर, इस विशिष्ट आतिथ्य और सम्मान के लिए, बहुत बहुत धन्यवाद।