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पुलिस ने माड़ा क्षेत्र में खुफिया तंत्र को किया सक्रिय नक्सली गतिविधियों को नही मिला अब तक कोई इनपुट, माड़ा पुलिस भी आमजनों से मिलकर लेने लगी है खोजखबर

Pradeep Tiwari
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सिंगरौली 17 नवम्बर। सीमावर्ती राज्य छत्तीसगढ़ एवं झारखण्ड में नक्सलियों पर सरकार के द्वारा किये जा रहे प्रहार के बाद नक्सली अपनी जान बचाने माड़ा थाना क्षेत्र के जंगल को अपना ठिकाना बना सकते हैं। ऐसी खुफिया तंत्र की रिपोर्ट आने पर सिंगरौली की पुलिस एलर्ट मोड़ में है। पिछले दिन कल शनिवार से ही पुलिस ऐसे गतिविधियों पर पैनी नजर रखे हुये हैं।
गौरतलब है कि जिले के सीमावर्ती राज्य छत्तीसगढ़ प्रांत की सरकार नक्सनियों का जड़ से सफाया करने के लिए बीड़ा उठाई हुई है। आये दिन नक्सली मुठभेड़ में नक्सली मारे जा रहे हैं। वही कई लाख रूपये के ईनामी नक्सली पुलिस के सामने आत्मसमर्पण भी कर दे हैं। उधर झारखण्ड में भी नक्सलियों की कमर तोड़ दी जा रही है। सीमावर्ती छत्तीसगढ़ प्रांत में नक्सलियों के खिलाफ किये जा रहे तोबड़तोड़ कार्रवाई से नक्सलियों में हड़कंप मचा हुआ है। अब चर्चा है कि नक्सली जिले के माड़ा थाना क्षेत्र के जंगलों को अपना सुरक्षित ठिकाना बना सकते हैं। ऐसी बातें भी की जाने लगी हैं। पिछले दिनों इस तरह की बातें मीडिया के माध्यम से मिली है। जिसमें आईबी के रिपोर्ट का हवाला दिया गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि माड़ा थाना क्षेत्र के जंगलों में नक्सली अपना ठिकाना बना लिये हैं। ऐसी रिपोर्ट सामने आने पर सिंगरौली जिले के पुलिस एलर्ट मोड में है। जानकारी के अनुसार छग प्रांत के सीमावर्ती माड़ा थाना क्षेत्र बसौड़ा, मलगो, भवरखोह, जीर, करौटी, धरी, मिठूल, बड़गड़ गांव सटे हुये हैं। अधिकांश यहां के रहवासियों का आना-जाना छत्तीसगढ़ प्रंात में ज्यादा है। किन्तु पुलिस सूत्र बतातें हैं कि अभी तक पुलिस के हाथ ऐसा कोई इनपुट नही मिला है। जिससे ये साबित हो सके की नक्सली गतिविधियां चल रही है। पिछले 24 घंटे से पुलिस लगातार सक्रिय होकर अपने खुफिया तंत्र एवं खुद सक्रिय होकर जानकारियां ली जा रही हैं। पुलिस सूत्रों का कहना है कि उक्त मामलों को गंभीरता से लेते हुये ऐसी गतिविधियों पर पैनी नजर रखी जा रही है।
यदि इनपुट नही मिला तो रिपोर्ट पर ही उठेगा सवाल
जब से माड़ा थाना क्षेत्र के जंगलों में नक्सली गतिविधियों संबंधित आईबी की रिपोर्ट मीडिया में आई तब से सिंगरौली जिले की पुलिस एलर्ट होते हुये पैनी नजर रख खुफिया तंत्र के माध्यम से पतासाजी कराने में जुटी हुई है। लेकिन अभी तक पुलिस को ऐसा कोई अहम सुराग नही मिला है और न ही ऐसी कोई गतिविधियां मिली हैं। फिर भी पुलिस पिछले 24 घंटे से आमजनों के माध्यम से पतासाजी कराने में लगी हुई है और कहा जा रहा है कि आईबी की रिपोर्ट सही नही निकली तो उसपर भी तरह-तरह के सवाल खड़े होंगे। जैसा कि बांधवगढ़ क्षेत्र में पिछले दिनो हाथियों के अकाल मौत पर खुफिया तंत्र की रिपोर्ट सवालों के कटघर्रे में आने के बाद तरह-तरह के चर्चाएं की जाने लगी है ।
जंगलों से घिरे हैं आधा दर्जन गांव
माड़ा इलाका के अधिकांश घनघोर जंगलों से घिरा हुआ है। जहां वन माफिया भी इलाके में सक्रिय है। वही आमजन जंगलों के सहारे ही अपने अर्थतंत्र को मजबूत करते हैं। छत्तीसगढ़ प्रांत सीमा से सटे आधा दर्जन से अधिक गांव पर्याप्त जंगल है। जहां संदिग्धों के ठौर-ठिकाने का महफूज जगह माना जाता है। वर्ष 2004-5 में भवरखोह में एक हुई नक्सली गतिविधियां अभी लोगों के जेहन से नही उतरा है। लेकिन इधर पिछले करीब दो दशकों से इलाके में ऐसी कोई नक्सलियों का मूवमेंट नही हुआ। किन्तु पुलिस अधिकारी भी मानते हैं कि जिस तरह से सीमावर्ती प्रंात में नक्सलियों पर प्रहार किये जा रहे हैं। ऐसे में माड़ा इलाके के जंगलों में नक्सली मूवमेंट कर सकते हैं। इसी इंकार नही किया जा सकता।
इनका कहना:-
माड़ा में अभी तक ऐसा कोई इनपुट नही मिला है। पुलिस की पैनी नजर है और खुफिया तंत्र सक्रिय है।
निवेदिता गुप्ता
पुलिस अधीक्षक, सिंगरौली

Pradeep Tiwari

Pradeep Tiwari

मैं, प्रदीप तिवारी, पिछले 10 वर्षों से पत्रकारिता से जुड़ा हूँ। सबसे पहले, मैं एक स्थानीय समाचार चैनल में एक रिपोर्टर के रूप में शामिल हुआ और फिर समय के साथ, मैंने लेख लिखना शुरू कर दिया। मुझे राजनीति और ताज़ा समाचार और अन्य विषयों से संबंधित समाचार लिखना पसंद है।

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