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पहचान पत्र में मिलान नहीं हुआ, शक होने पर पूछताछ में पकड़ाया, आरक्षक भर्ती परीक्षा में फर्जी परीक्षार्थी को तीन साल की सजा

Pradeep Tiwari
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पहचान पत्र में मिलान नहीं हुआ, शक होने पर पूछताछ में पकड़ाया, आरक्षक भर्ती परीक्षा में फर्जी परीक्षार्थी को तीन साल की सजा
सागर। आरक्षक भर्ती परीक्षा में फर्जी तरीके से सम्मिलित होने वाले आरोपित रमेश सिंह और आदेश कुमार यादव को न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी सागर रीना शर्मा की अदालत ने दोषी करार देते हुए धारा-420/34 के तहत तीन-तीन वर्ष के सश्रम कारावास एवं 500-500 रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है। मामले की पैरवी सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी मनोज पटेल ने की।

यह है पूरा मामला

घटना इस प्रकार है कि 18 जुलाई 2016 को आयोजित आरक्षक संवर्ग भर्ती परीक्षा 2016 की दूसरी पारी में मुख्य गेट पर प्रवेश के दौरान वेरीफिकेशन डेस्क पर फोटो/पहचान पत्र का मिलान करने पर एक उम्मीदवार पर शक हुआ तो उससे पूछे जाने पर वह सही जवाब नहीं दे पाया।

दस्तावेज लिए हुए व्यक्ति से फोटो/पहचान पत्र का मिलान करने पर वह फर्जी उम्मीदवार पाया गया। उसने अपना नाम रमेश पिता राम अयोध्या सिंह राजपूत निवासी-भोजपुर, बिहार का रहने वाला और उम्मीदवार आदेश कुमार पिता प्रमोद कुमार निवासी फिरोजाबाद उत्तर प्रदेश के स्थान पर परीक्षा देने के लिए केन्द्र बीटीआईआरटी सिरौंजा सागर में आना बताया था।

कोर्ट ने विवेचना के बाद सुनाई सजा

आरोपित रमेश कुमार द्वारा आदेश कुमार को नौकरी का लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से यह कार्य किया गया है। इस आधार पर थाने पर प्रकरण पंजीबद्ध कर मामला विवेचना में लिया गया।

विवेचना के दौरान साक्षियों के कथन लिए गए और घटना स्थल का नक्शा मौका तैयार किया गया। थाना-सिविल लाइन थाना पुलिस द्वारा आरोपित के विरुद्ध दर्ज करते हुए विवेचना के बाद चालान न्यायालय में पेश किया।

Pradeep Tiwari

Pradeep Tiwari

मैं, प्रदीप तिवारी, पिछले 10 वर्षों से पत्रकारिता से जुड़ा हूँ। सबसे पहले, मैं एक स्थानीय समाचार चैनल में एक रिपोर्टर के रूप में शामिल हुआ और फिर समय के साथ, मैंने लेख लिखना शुरू कर दिया। मुझे राजनीति और ताज़ा समाचार और अन्य विषयों से संबंधित समाचार लिखना पसंद है।

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