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एनटीपीसी सिंगरौली ने कबाड़ से बनाई 25 फीट ऊँची तितली की भव्य मूर्ति, रचनात्मकता और कौशल को प्रदर्शित करने वाली पहल

Pradeep Tiwari
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एनटीपीसी सिंगरौली ने कबाड़ से बनाई 25 फीट ऊँची तितली की भव्य मूर्ति, रचनात्मकता और कौशल को प्रदर्शित करने वाली पहल

एनटीपीसी सिंगरौली ने अपने समर्पण और प्रतिबद्धता को फिर से सिद्ध करते हुए कला, शिल्प और स्थानीय कौशल के विकास में एक महत्वपूर्ण कदम बढ़ाया है। इस पहल के तहत, एनटीपीसी सिंगरौली परियोजना ने महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ कॉलेज के फाइन आर्ट्स के छात्रों के साथ मिलकर कबाड़ से एक अद्वितीय 25 फीट ऊँची तितली की मूर्ति का निर्माण किया।
एनटीपीसी सिंगरौली के आवासीय परिसर में स्थित काशी विद्यापीठ के एमएफए के छात्र अभिषेक केशरी ने इस कार्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिन्होंने इससे पहले भी एनटीपीसी सिंगरौली के श्री डी.के. सारस्वत (अपर महाप्रबंधक, एमजीआर) के नेतृत्व में कबाड़ से बनी कई मूर्तियों जैसे स्टीम इंजन और आइफल टावर का निर्माण किया था। इस बार, उन्होंने एक बड़ी चुनौती स्वीकार की और अपनी कड़ी मेहनत और रचनात्मकता से तितली की भव्य मूर्ति बनाई। यह मूर्ति अब सिंगरौली क्षेत्र में एक प्रमुख आकर्षण बन गई है, और लोग दूर-दूर से इसे देखने और सेल्फी लेने के लिए आ रहे हैं।
एनटीपीसी सिंगरौली के परियोजना प्रमुख श्री राजीव अकोटकर ने इस पहल की शुरुआत की और कबाड़ से एक विशाल तितली की मूर्ति बनाने का सुझाव दिया। इस कार्य में परियोजना के कई अन्य अधिकारियों का भी सहयोग रहा, जिनमें श्री एस.के. वर्मा, श्री विपिन गुप्ता, श्री निलेश कुमार, श्री प्रवीण, श्री रजत गर्ग, श्री डी.सी. गुप्ता, श्री सौरभ, और श्री कथूरिया शामिल थे।
इस भव्य मूर्ति का उद्घाटन एनटीपीसी सिंगरौली के परियोजना प्रमुख श्री राजीव अकोटकर और श्रीमती पीयूषा अकोटकर, अध्यक्षा, वनिता समाज, शक्तिनगर ने किया। उद्घाटन समारोह में श्री सिद्धार्थ मंडल, अपर महाप्रबंधक, मानव संसाधन ने इस उत्कृष्ट रचना की सराहना की और उसमें समाहित रचनात्मकता और परिश्रम की प्रशंसा की।
यह पहल एनटीपीसी की अपनी स्थानीय समुदाय में रचनात्मकता को बढ़ावा देने और प्रतिभाओं को प्रोत्साहित करने की निरंतर प्रतिबद्धता को दर्शाती है। एनटीपीसी सिंगरौली में बने इस कबाड़ से बनी तितली की मूर्ति न केवल पर्यावरण के प्रति संवेदनशीलता को प्रदर्शित करती है, बल्कि यह जीवन के चक्र, परिवर्तन और विकास का प्रतीक भी है। तितली के जीवन चक्र में कीड़े से लेकर एक सुंदर और रंगीन प्राणी बनने तक की यात्रा दर्शाती है कि जीवन में परिवर्तन और विकास संभव हैं, और हमें अपने सपनों को साकार करने के लिए हमेशा प्रयास करते रहना चाहिए।
एनटीपीसी की यह पहल न केवल कला और शिल्प के क्षेत्र में उत्कृष्टता की मिसाल है, बल्कि यह जीवन के अनमोल संदेश और प्रकृति की सुंदरता को भी उजागर करती है। तितली की यह कलाकृति जीवन के हर पहलु को सार्थक बनाने की प्रेरणा देती है, और यह हमें यह सिखाती है कि हर पल एक नई संभावना से भरा हुआ होता है।

Pradeep Tiwari

Pradeep Tiwari

मैं, प्रदीप तिवारी, पिछले 10 वर्षों से पत्रकारिता से जुड़ा हूँ। सबसे पहले, मैं एक स्थानीय समाचार चैनल में एक रिपोर्टर के रूप में शामिल हुआ और फिर समय के साथ, मैंने लेख लिखना शुरू कर दिया। मुझे राजनीति और ताज़ा समाचार और अन्य विषयों से संबंधित समाचार लिखना पसंद है।

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