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बाहर दिखता खुशी – खुशी सा, अंदर – अंदर है परेशान!” के माध्यम से नेपाल के वैश्विक मंच पर छा गए युवा साहित्यकार राजकुमार जायसवाल “विचारक्रांति”

Pradeep Tiwari
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बाहर दिखता खुशी – खुशी सा, अंदर – अंदर है परेशान!” के माध्यम से नेपाल के वैश्विक मंच पर छा गए युवा साहित्यकार राजकुमार जायसवाल “विचारक्रांति”

अंतर्राष्ट्रीय पटल पर सिंगरौली ही नहीं ,बल्कि पूरे प्रदेश व देश का नाम रोशन करने वाले सिंगरौली निवासी युवा साहित्यकार व युवा समाजसेवी राजकुमार जायसवाल “विचारक्रांति” 7 अगस्त(बुधवार) को नेपाल के वैश्विक मंच “शेयर योर ह्यूमैनिटी”पर अपने रचनाओं के माध्यम से प्रस्तुति देकर दर्शकों के मन को मोह लिया।
साहित्य व समाज सेवा में विशिष्ट कायम करने वाले राजकुमार जायसवाल “विचारक्रांति” की अंतरराष्ट्रीय पटल पर पहुंच कर इतनी बड़ी शीर्ष तक की यात्रा किसी विशेष प्रेरणा से कम नहीं है।
इतने कम उम्र में इतना बड़ा काम करने पर सभी दर्शकों व मंच की संस्थापिका आ. विजय मोनी जी(काठमांडू,नेपाल) व शानदार मंच संचालन कर रही आ. ऐश्वर्या संपन्ना जी(मुंबई,महाराष्ट्र) ने इनके काव्य पाठ से प्रभावित होकर खूब तारीफ की।
“बाहर दिखता खुशी – खुशी सा, अंदर – अंदर है परेशान…!” कविता तो सबका मन मोह लिया।
राजकुमार जायसवाल ने इस मंच पर मां शारदे के वंदना के साथ अपने काव्य पाठ की शुरुआत करके क्रमशः इंसान,चुप आदमी, मां! मैं आज भी तेरा बच्चा हूं, युद्ध/हथियार,युवाओं , सीढ़ियों से तुम चलना सीखो आदि आदि व कोरोना से सम्बन्धित विषयों पर बहुत चित्ताकर्षक व शानदार तरीके से काव्य पाठ किया।
इनकी साहित्य के प्रति लगन, समर्पण, सराहनीय कार्य व उत्कृष्टता की निरंतर खोज में उन्हें युवा साहित्यकार व युवा समाज सेवी के रूप में अंतरराष्ट्रीय मंच पर सबसे आगे खड़ा कर दिया है।
“शेयर योर ह्यूमैनिटी” वैश्विक पटल , जिसे नेपाल से आदरणीया मोनी विजय जी संचालित कर रही हैं।यह साहित्य जगत का बहुत ही सराहनीय व प्रतिष्ठित वैश्विक मंच है, जो विश्व के साहित्यकारों के हूनर को आगे बढ़ाता है, इस मंच के माध्यम से कई सामाजिक व साहित्यिक सेवा का कार्य संचालित होते रहे हैं।
इस मंच पर राजकुमार जायसवाल “विचारक्रांति” के प्रस्तुति का मंच संचालन मुंबई,महाराष्ट्र(भारत) की आदरणीया ऐश्वर्या संपन्ना जी द्वारा किया गया और यह प्रस्तुति 7 अगस्त को शाम 5:15 से शुरू होकर 1 घंटे तक एकल प्रस्तुति के रूप में चला।
राजकुमार जायसवाल “विचारक्रांति” भोपाल के श्री साई कॉलेज ऑफ फार्मेसी में असिस्टेंट प्रोफेसर के रूप में कार्यरत हैं, वही युवा साहित्यकार,युवा समाजसेवी,योग प्रशिक्षक,फार्मासिस्ट, मोटीवेटर, लाइफ वालेंटियर,युग शिल्पी व व्यक्तित्व विकास प्रशिक्षक हैं।
आप अमृत परिवार,2047 का भारत, सफलता की सीढ़ी,मोदी युग का भारत, मोबाइल की व्यस्तता – घटती पारिवारिकता, हार के आगे जीत है, हँसने – हंसाने का राज,हमारी संस्कृति और विरासत , मेरी दिनचर्या, भारत का स्वर्णिम काल आदि जैसे 64 किताबों का संकलन कर चुके हैं, वहीं “आदर्श जीवन जीने के लिए 51 आदतें” जैसी लोकप्रिय पुस्तक के लेखक भी हैं।
आपकी 2200 से भी अधिक रचनाएं पुस्तकों /न्यूजपेपरों व पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुकी हैं।
आप स्वामी विवेकानंद राष्ट्रीय पुरुस्कार 2024 समेत साहित्य व समाजसेवा के क्षेत्र में अनगिनत पुरुस्कार व सम्मान प्राप्त कर चुके हैं।
इसके आलावा आप 2024 के टॉप -70 मोस्ट यूनिक पर्सन में शामिल हैं, और अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं का भ्रमण कर अपने समाज व राष्ट्र के नागरिकों को अनुभव प्रदान करते रहे हैं।आप राष्ट्रीय/अंतर्राष्ट्रीय कई शिविरों/प्रशिक्षणों को प्राप्त कर मानवता व राष्ट्र निर्माण का कार्य कर रहे हैं।
अंत में राजकुमार जायसवाल “विचारक्रांति” ने मंच का आभार व्यक्त करते हुए संस्थापिका महोदय विजय मोनी व मंच संचालिका आ. ऐश्वर्या संपन्ना जी , कार्यक्रम टीम , टेक्निकल टीम व सभी दर्शकों का हार्दिक आभार प्रकट करते हुए काव्य पाठ का समापन किया ।

Pradeep Tiwari

Pradeep Tiwari

मैं, प्रदीप तिवारी, पिछले 10 वर्षों से पत्रकारिता से जुड़ा हूँ। सबसे पहले, मैं एक स्थानीय समाचार चैनल में एक रिपोर्टर के रूप में शामिल हुआ और फिर समय के साथ, मैंने लेख लिखना शुरू कर दिया। मुझे राजनीति और ताज़ा समाचार और अन्य विषयों से संबंधित समाचार लिखना पसंद है।

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