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राष्ट्रीय व्यावसायिक शिक्षा एवं प्रशिक्षण परिषद ने राष्ट्रीय सामाजिक सुरक्षा संस्थान को पुरस्कार देने वाली संस्था के रूप में मान्यता दी

Pradeep Tiwari
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राष्ट्रीय व्यावसायिक शिक्षा एवं प्रशिक्षण परिषद ने राष्ट्रीय सामाजिक सुरक्षा संस्थान को पुरस्कार देने वाली संस्था के रूप में मान्यता दी

वरिष्ठ नागरिकों के कल्याण में मांग पूरी करने और चुनौतियों से निपटने के लिए प्रतिभाशाली कार्यबल समूह बनाने के लिए व्यावसायिक शिक्षा एवं प्रशिक्षण परिदृश्य को मजबूत करना

 

एक ऐतिहासिक घटनाक्रम में, भारत सरकार के कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय (एमएसडीई) की राष्ट्रीय व्यावसायिक शिक्षा एवं प्रशिक्षण परिषद (एनसीवीईटी) ने केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के तहत स्वायत्त निकाय, राष्ट्रीय सामाजिक सुरक्षा संस्थान (एनआईएसडी) को आधिकारिक रूप से पुरस्कार देने वाली संस्था (दोहरी श्रेणी) के रूप में मान्यता दी है।

सामाजिक क्षेत्र (जेरिएट्रिक्स) में व्यावसायिक शिक्षा एवं प्रशिक्षण परिदृश्य को मजबूत करने के उद्देश्य से इस समझौते पर एमएसडीई के सचिव और एनसीवीईटी के अध्यक्ष श्री अतुल कुमार तिवारी की उपस्थिति में हस्ताक्षर किए गए। एनआईएसडी और एनसीवीईटी के बीच यह सहयोग भारत के सामाजिक क्षेत्र की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है, जो यह सुनिश्चित करता है कि वरिष्ठ नागरिकों के कल्याण में मांग और चुनौतियों को पूरा करने के लिए प्रतिभाशाली कार्यबल का समूह अच्छी तरह से सुसज्जित हो।

इस मान्यता का अर्थ है कि एनआईएसडी उन शिक्षार्थियों को पुरस्कृत, मूल्यांकन और प्रमाणित कर सकता है, जहां प्रशिक्षण सीधे तौर पर इसके स्वामित्व वाले या पूरी तरह से प्रबंधित परिसरों या प्रशिक्षण केंद्रों में पुरस्कार देने वाली संस्था द्वारा इसकी अनुमोदित या अपनाई गई योग्यताओं के लिए दिया जा रहा है। पुरस्कार देने वाली संस्था के रूप में इसकी मान्यता इसके विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रमों को मानकीकृत और मान्यता देने, उन्हें राष्ट्रीय और वैश्विक ढांचे के साथ संरेखित करने और कौशल भारत मिशन जैसी प्रमुख राष्ट्रीय पहलों के साथ अधिक एकीकरण की सुविधा प्रदान करने में मदद करेगी।

एमएसडीई के सचिव और एनसीवीईटी के अध्यक्ष श्री अतुल कुमार तिवारी ने भारत की वृद्ध होती आबादी में जनसांख्यिकीय परिवर्तनों की गतिशीलता में कुशल कार्यबल की बढ़ती आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने वृद्धावस्था कार्यबल का अत्‍यधिक कुशल पूल बनाने के महत्व पर भी बल दिया, जो वरिष्ठ नागरिकों के लिए स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में अंतर को पाट सकता है। उन्होंने कहा, "बढ़ती वृद्ध आबादी और दुनिया भर में कुशल वृद्ध कार्यबल की बढ़ती मांग के साथ, यह सुनिश्चित करना पहले से कहीं अधिक महत्वपूर्ण है कि हमारा कार्यबल अंतरराष्ट्रीय मानकों को पूरा करे।"

सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय की संयुक्त सचिव सुश्री मोनाली पी. धकाटे और राष्ट्रीय सामाजिक सुरक्षा संस्थान के निदेशक श्री प्रवीण थिंड ने समझौते पर हस्ताक्षर के दौरान सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय का प्रतिनिधित्व किया। सुश्री धकाटे ने दोहरी मान्यता के बारे में उत्साह व्यक्त करते हुए कहा कि यह मान्यता बढ़ती उम्र की आबादी की बढ़ती जरूरतों के लिए कुशल वृद्ध कार्यबल बनाने के हमारे प्रयासों में महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। इस क्षेत्र की मांगों के साथ अपने प्रशिक्षण कार्यक्रमों को संरेखित करके, हमारा लक्ष्य देश की जरूरतें पूरी करने और वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने के लिए आवश्यक ज्ञान और व्यावहारिक विशेषज्ञता के साथ वृद्धावस्था के क्षेत्र में प्रतिभाशाली कार्यबल तैयार करना है।

एनआईएसडी सामाजिक रक्षा के क्षेत्र में नोडल प्रशिक्षण और अनुसंधान संस्थान है। एनआईएसडी नशीली दवाओं के दुरुपयोग की रोकथाम, वरिष्ठ नागरिकों और ट्रांसजेंडरों के कल्याण, भिक्षावृत्ति की रोकथाम और अन्य सामाजिक सुरक्षा मुद्दों के क्षेत्रों में मानव संसाधन विकास पर ध्यान केंद्रित करता है।

व्यावसायिक शिक्षा और प्रशिक्षण के लिए राष्ट्रीय विनियामक के रूप में कार्य करने वाला एनसीवीईटी, देश भर में कौशल विकास पहलों के मानकों को निर्धारित करने, विनियमन विकसित करने और उनकी गुणवत्ता और परिणामों में सुधार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह पुरस्कार देने वाली संस्थाओं और मूल्यांकन एजेंसियों की मान्यता और विनियमन के लिए उत्‍तरदायी है जो उद्योग की मांगों को पूरा करने के लिए अत्यधिक कुशल कार्यबल विकसित करने में सहायक हैं।

Pradeep Tiwari

Pradeep Tiwari

मैं, प्रदीप तिवारी, पिछले 10 वर्षों से पत्रकारिता से जुड़ा हूँ। सबसे पहले, मैं एक स्थानीय समाचार चैनल में एक रिपोर्टर के रूप में शामिल हुआ और फिर समय के साथ, मैंने लेख लिखना शुरू कर दिया। मुझे राजनीति और ताज़ा समाचार और अन्य विषयों से संबंधित समाचार लिखना पसंद है।

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