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हनी ट्रैप की कई मामले, एक का हुआ खुलासा, कई दब गए

Pradeep Tiwari
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हनी ट्रैप की कई मामले, एक का हुआ खुलासा, कई दब गए
लंघाडोल व सरई क्षेत्र में जब ओद्यौगिक विकास हुआ तो कुरीतियां ली जन्म, पिछड़ापन का प्रभारियों ने उठाया फ ायदा

सिंगरौली जिले का सबसे पिछड़ा क्षेत्र सरई अभी तक आदिवासी महिलाओं की खरीद के लिए जाना जाता था, लेकिन औद्योगिक घरानों के आने के बाद वहां के लोग आर्थिक रूप से संपन्न हुई । बल्कि उनके रहन-सहन में भी बड़े बदलाव हुए हैं।
इन बदलावों के बीच अब हनी ट्रैप जैसे मामले भी सामने आने लगे हैं। हालांकि अभी तक सिर्फ एक मामला सामने आया है, लेकिन चर्चा है कि हनी ट्रैप के कई मामले हो चुके हैं लेकिन लोग सामाजिक बदनामी के डर से सामने नहीं आए। दरअसल पिछड़ापन से जूझ रहे इलाके में औद्योगिक कंपनियों के आने के बाद लोगों की आर्थिक स्थिति मजबूत हुई तो समझ में न केवल कई विकृतियों ने जन्म लिया। बल्कि अपराधियों में भी इस क्षेत्र को अवसर के रूप में लिया। क्षेत्र के भौगोलिक दृष्टि से वाकिफ अपराधी लड़कियों की खरीद फरोक्त को छोड़कर हनी ट्रैप जैसे अपराध शुरू कर दिए। अपराधी कई पैसे और रसूखदार लोगों को अपना टारगेट बनाने लगे और लड़कियों के जरिए उनके साथ हनी ट्रैप कर ब्लैकमेलिंग का काम शुरू कर दिए। पिछले दिनों सरई पुलिस ने हनी ट्रैप का एक मामला पड़ा है। जिसमें एक महिला एक सरपंच से पहले शारीरिक संबंध बनाए। इसके बाद सरपंच से 10 लाख रुपए मांग करने लगी। खुद को महिलाओं के चक्रव्यूह में फसता देख सरपंच पुलिस से शिकायत दर्ज कराई। इसके बाद पुलिस ने इस हनी ट्रैप मामले के मास्टरमाइंड को पकड़ने का दावा किया हैं।। वहीं पुलिस भी मान रही है कि हनी ट्रैप का या कोई पहला मामला नही है। पूर्व में भी इस तरह की घटनाएं हो चुकी हैं। लेकिन लोक लाज की डर से लोग सामने नहीं आए। सूत्र तो यहां तक बताते है कि पूर्व के थाना प्रभारियों ने हनी टै्रप जैसे मामलो में खुब पैसा वसूला है। कहां तो यहा तक जाता है कि कुछ ऐसे मामले आये थे। जिसमें 15 से 20 लाख रूपये प्रभारियों ने लेकर मामले को दबा देते थे। वही पीड़ित भी लोक लाज और बदनामी के डर से सामने नही आते थे।
पूर्व प्रभारियों पर मामले को दबाने की चर्चाएं
जिले का सबसे पिछड़ा क्षेत्र सरई अभी तक आदिवासी महिलाओं की खरीद के लिए जाना जाता था, लेकिन औद्योगिक घरानों के आने के बाद वहां के लोग आर्थिक रूप से संपन्न हुई। बल्कि उनके रहन-सहन में भी बड़े बदलाव हुए हैं। इन बदलावों के बीच अब हनी ट्रैप जैसे मामले भी सामने आने लगे हैं। हालांकि अभी तक सिर्फ एक मामला सामने आया है, लेकिन चर्चा है कि हनी ट्रैप के कई मामले हो चुके हैं लेकिन लोग सामाजिक बदनामी के डर से सामने नहीं आए।

Pradeep Tiwari

Pradeep Tiwari

मैं, प्रदीप तिवारी, पिछले 10 वर्षों से पत्रकारिता से जुड़ा हूँ। सबसे पहले, मैं एक स्थानीय समाचार चैनल में एक रिपोर्टर के रूप में शामिल हुआ और फिर समय के साथ, मैंने लेख लिखना शुरू कर दिया। मुझे राजनीति और ताज़ा समाचार और अन्य विषयों से संबंधित समाचार लिखना पसंद है।

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