मिकल्स में दुनिया की अग्रणी कंपनी ल्यूब्रिज़ॉल और फ्लूइड कन्वेयर्स सिस्टम में वैश्विक अग्रणी, पॉलीहोज़ ने आज एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किया। इस एमओयू का मकसद भारतीय चिकित्सा क्षेत्र को नई-नई खोज करने में नई ऊंचाइयाँ हासिल करने में मदद करना है। यह समझौता ज्ञापन इन दोनों संगठन के बीच लंबे समय तक की गई साझेदारी का विस्तार है। तमिलनाडु के उद्योग मंत्री श्री डॉ. टी.आर.बी.राजा एवं तमिलनाडु के उद्योग सचिव श्री वी. अरुण रॉय की मौजूदगी में इस एमओयू पर हस्ताक्षर किये गए। समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर के बाद लुब्रिजोल नेतृत्व ने तमिलनाडु के आईएएस, मुख्य सचिव श्री थिरु.एन.मुरुगानंदम से मुलाकात की।
इस सहयोग के तहत, ल्यूब्रिज़ॉल और पॉलीहोज़ तमिलनाडु में एक मेडिकल फैक्ट्री का निर्माण करना चाहते हैं। इस निर्माण केंद्र की बदौलत ल्यूब्रिज़ॉल की स्थानीय मेडिकल ट्यूबिंग के परिमाण में पाँच-गुणा बढ़ोतरी होगी, जिससे भारत में तथा निर्यात के द्वारा पूरी दुनिया में जीवन-रक्षक मेडिकल ट्यूबिंग की सुलभता आसान हो जायेगी। इस साझेदारी बनाई जाने वाली उच्च गुणवत्ता की मेडिकल ट्यूबिंग का प्रयोग स्नायुधमनीय (न्यूरोवैस्कुलर) तथा हृदयधमनीय (कार्डियोवैस्कुलर) से संबधित चिकित्सा प्रयोगों, जैसे कि बलून कैथेटर्स और मिनिमल इनवेसिव प्रोसीजर कैथेटर्स में किया जाएगा।
ल्यूब्रिज़ॉल की प्रबंध निदेशक-भारत, मध्य पूर्व और अफ्रीका, भावना बिंद्रा ने कहा कि इस समझौते से भारत में मैन्युफैक्चरिंग की सटीक टेक्नोलॉजी उपलब्ध हुई है और यह देश के लिए भारत और विश्व में क्रिटिकल केयर बाजारों की सेवा करने का एक नया व्यावसायिक अवसर है। ल्यूब्रिज़ॉल को क्षेत्र के सहयोगियों के साथ उच्च-गुणवत्ता वाले समाधान और स्थानीय पहुंच को सक्षम बनाने पर गर्व है, जिससे नई श्रेणियों में क्षेत्र का विस्तार होगा। साथ ही चिकित्सा उपकरण की ज़रूरतों को पूरा करने के लिए आयात पर निर्भरता में कमी आएगी।
मेडिकल ट्यूबिंग का उत्पादन ल्यूब्रिज़ॉल के विकसित चिकित्सीय श्रेणी के थर्मोप्लास्टिक पॉलेयुरेथेन (टीपीयू) और अन्य थर्मोप्लास्टिक पॉलीमर्स के साथ किया जाएगा। यह विधि जैव अनुकूल है और इसका कार्यप्रदर्शन बेहतर होने के साथ-साथ रोगी को आराम मिलता है। नई फैक्ट्री आईएसओ 13485 अनुपालक है और सुरक्षित तथा उच्च गुणवत्ता वाली मेडिकल ट्यूबिंग का उत्पादन सुनिश्चित करती है।
ल्यूब्रिज़ॉल की प्रेसिडेंट और सीईओ, रेबेका लिबर्ट ने कहा कि हम इस रोमांचक परियोजना के लिए पॉलीहोज़ और तमिलनाडु सरकार के साथ सहयोग कर सम्मानित महसूस कर रहे हैं। भारत ल्यूब्रिज़ॉल के नवाचार और विकास के लिए एक केंद्र के रूप में कार्य करता है, और हमारा मौजूदा निवेश भारत में लोकल फॉर लोकल और लोकल फॉर ग्लोबल रणनीति के प्रति हमारा समर्पण दिखाता है। इस नवीनतम निवेश के साथ, हम विश्व-स्तरीय मेडिकल ट्यूबिंग प्रदान करने और भारतीय चिकित्सा उद्योग के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने की स्थिति में हैं।”
ल्यूब्रिज़ॉल ने पिछले वर्ष भारत में 350 मिलियन यूएस डॉलर से अधिक का निवेश किया है। इस कंपनी ने इस वर्ष पुणे में एक वैश्विक क्षमता केंद्र (जीसीसी) खोला और औरंगाबाद में 120 एकड़ का भूखंड खरीदने की घोषणा की। उक्त भूखंड खरीदने का उद्देश्य क्षेत्र के बढ़ते परिवहन और औद्योगिक बाजारों का समर्थन करने के लिए भारत में ल्यूब्रिज़ॉल की सबसे बड़ी और वैश्विक स्तर पर दूसरी सबसे बड़ी फैक्ट्री का निर्माण करना है। ठीक एक साल पहले, ल्यूब्रिज़ॉल ने भारत के गुजरात के विलायत में 1,00,000 मीट्रिक टन सीपीवीसी रेजिन कारखाने के पहले चरण का शिलान्यास किया, जो वैश्विक स्तर पर सीपीवीसी रेजिन उत्पादन के लिए सबसे बड़ी एकल-साइट क्षमता है। यह परियोजना भारत के साथ ही पड़ोसी देशों में भी पाइपिंग प्रयोगों और स्वच्छ पेयजल के लिए सीपीवीसी की बढ़ती माँग को पूरा करने के लिए है। इसके अलावा, पाइपिंग सेक्टर में बढ़ती ज़रूरतों को पूरा करने के लिए ल्यूब्रिज़ॉल गुजरात के दहेज स्थित अपनी सीपीवीसी मिश्रित विनिर्माण क्षमता को दोगुणा कर रही है।
ल्यूब्रिज़ॉल और पॉलीहोज़ के बीच सहयोग के तहत स्थानीय और दुनिया भर के ग्राहकों की सेवा करने के लिए भारत में ल्यूब्रिज़ॉल की ताकत का उपयोग किया जाएगा।
पॉलीहोज़ इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के प्रबंध निदेशक, शब्बीर वाई. जे. ने कहा कि ल्यूब्रिज़ॉल के साथ हमारा पिछले सात वर्षों से जारी सहयोग इस प्रतिबद्धता का प्रमा…