दिल्ली के बाद पंजाब में भी केजरीवाल पर भारी पड़ी शराब, खतरे में पंजाब मॉडल
दिल्ली के बाद पंजाब में भी आम आदमी पार्टी पर ‘शराब कांड’ भारी पड़ता दिखाई दे रहा है। शराब के काला बाजारियों ने पंजाब के मजीठा विधानसभा क्षेत्र में 50 लीटर मेथॉनॉल को डायल्यूट करके 120 लीटर नकली शराब बनाई। जिसके शिकार 17 लोग हो गए।
दिल्ली के बाद पंजाब में भी आम आदमी पार्टी पर ‘शराब कांड’ भारी पड़ता दिखाई दे रहा है। दिल्ली में कथित तौर पर जो शराब घोटाला हुआ, उसने अरविंद केजरीवाल की छवि को गहरा नुकसान पहुंचाया। भाजपा ने इस मामले को जबरदस्त तरीके से उछाला और इसके सहारे वह दिल्ली की सत्ता तक पहुंच गई। इसके बाद अरविंद केजरीवाल पंजाब की राजनीति में सक्रिय हो गए। कहा यही जा रहा है कि वे पंजाब में नशे के विरुद्ध कार्रवाई का एक मॉडल खड़ा कर इसके सहारे पंजाब में पार्टी की पकड़ बरकरार रखना चाहते हैं। लेकिन बीती रात मजीठा में नकली शराब पीने से करीब 15 लोगों की हुई मौत से मामला पलट गया है। भाजपा-कांग्रेस ने एक सुर से अरविंद केजरीवाल के ऊपर आक्रमण कर दिया है और केजरीवाल पर दिल्ली का भ्रष्ट शराब मॉडल पंजाब में भी लागू करने का आरोप लगाया है।
कहा जा रहा है कि शराब के काला बाजारियों ने पंजाब के मजीठा विधानसभा क्षेत्र में 50 लीटर मेथॉनॉल को डायल्यूट करके 120 लीटर नकली शराब बना दिया। इसके जहरीले असर से शराब पीने वालों की मौत हो गई। पूरे राज्य में इस शराब कांड का विरोध हो रहा है। अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया ने अपराधियों पर कड़ी कार्रवाई करने की बात कही है। पंजाब सरकार ने त्वरित कार्रवाई करते हुए इस कांड के मास्टरमाइंड सहित आधा दर्जन से अधिक लोगों को देर रात ही गिरफ्तार कर लिया है।
पंजाब पुलिस की कार्रवाई के बाद भी इस कांड ने भाजपा-कांग्रेस को आम आदमी पार्टी के खिलाफ बड़ा राजनीतिक हमला करने का अवसर प्रदान कर दिया है। भाजपा नेता और दिल्ली सरकार में मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने मंगलवार को आरोप लगाया कि अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया को दिल्ली की जनता ने नकार दिया है, लेकिन अब वे अवैध तरीके से पंजाब के ऊपर शासन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि केजरीवाल और सिसोदिया पंजाब में मंत्रियों-अधिकारियों की बैठकें ले रहे हैं और उन्हें दिशा निर्देश दे रहे हैं। जबकि पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान को कोई महत्त्व नहीं दिया जा रहा है।
सिरसा ने आरोप लगाया कि आम आदमी पार्टी नेताओं ने पहले अपने शराब मॉडल से दिल्ली को खराब करने का काम किया था। वे पहले दिल्ली में जगह-जगह शराब की दुकानें खुलवा रहे थे। जब दिल्ली के लोगों ने केजरीवाल की इस राजनीति को नकार दिया तो अब वे पंजाब को भी उसी रास्ते पर ले जाना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि, लेकिन पंजाब की जनता भी उन्हें नकार देगी।
केजरीवाल की साख दांव पर
अरविंद केजरीवाल पंजाब में नशाखोरी के विरुद्ध बड़ा अभियान चला रहे थे। वे नशे में डूबे पंजाब को नशे से बाहर निकालकर लाने और विकास की राह पर दुबारा दौड़ाने का काम करना चाहते थे। यही कारण है कि केजरीवाल और मनीष सिसोदिया लगातार पंजाब के अधिकारियों-मंत्रियों के साथ बैठकें कर पार्टी की इस रणनीति को अंजाम तक पहुंचाने का काम कर रहे थे।
यदि केजरीवाल पंजाब में नशाखोरी को कम करने में सफल हो जाते तो वे इसे आम आदमी पार्टी का पंजाब मॉडल कह सकते थे। दिल्ली में हार के बाद उनका जो दिल्ली मॉडल उनके हाथ से छिन चुका है, वे उसको पंजाब में पंजाब मॉडल के सहारे हासिल कर सकते थे। यह पार्टी को न केवल पंजाब में चुनाव जीतने में मदद कर सकती थी, बल्कि गुजरात से लेकर गोवा तक के विधानसभा चुनावों में पार्टी की साख मजबूत करने का काम कर सकती थी। लेकिन इस शराब कांड ने फिलहाल केजरीवाल के सपनों पर ब्रेक लगा दिया है। केजरीवाल इस मामले को किस तरह संभाल पाते हैं, यह देखने वाली बात होगी।