भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण (आईडब्ल्यूएआई) राष्ट्रीय जलमार्ग 1 (एनडब्ल्यू 1) के विकास पर ध्यान केंद्रित करते हुए अंतर्देशीय जलमार्गों पर परामर्श कार्यशाला का आयोजन करेगा
पटना में आईडब्ल्यूटी के माध्यम से सतत कार्गो और यात्री परिवहन के लिए गंगा नदी (एनडब्ल्यू 1) के उपयोग पर पहली नीति वार्ता की मेजबानी की जाएगी।
बिहार, उत्तर प्रदेश, झारखंड और पश्चिम बंगाल में गंगा (एनडब्ल्यू 1) पर कार्गो के आवागमन के 11 वर्षों के विकास पर ध्यान केंद्रित करने के लिए मंत्रिस्तरीय कार्यशाला।
केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल पटना में राष्ट्रीय जलमार्गों पर पहली बार वार्ता की अध्यक्षता करेंगे, एनडब्ल्यू 1 (गंगा नदी) के वाराणसी-हल्दिया खंड पर 3 गुना कार्गो वृद्धि पर ध्यान केंद्रित करेंगे।
भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण (आईडब्ल्यूएआई) सोमवार, 16 जून, 2025 को पटना में ‘जल मार्ग विकास परियोजना‘ (जेएमवीपी) के तहत गंगा नदी (एनडब्ल्यू 1) पर अंतर्देशीय जलमार्ग परिवहन के विकास पर एक परामर्श कार्यशाला का आयोजन कर रहा है। बिहार में पहली बार इस प्रकार की कार्यशाला का आयोजन होगा। इस अंतर-मंत्रालयी चर्चा में बिहार, उत्तर प्रदेश, झारखंड और पश्चिम बंगाल के नीति निर्माता भाग लेंगे और इसकी अध्यक्षता केंद्रीय पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री (एमओपीएसडब्ल्यू) श्री सर्बानंद सोनोवाल करेंगे।
इस उच्च स्तरीय मंत्रिस्तरीय बैठक की अध्यक्षता केंद्रीय मंत्री श्री सर्बानंद सोनोवाल करेंगे। इसमें केंद्रीय वस्त्र मंत्री श्री गिरिराज सिंह , पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग राज्य मंत्री श्री शांतनु ठाकुर , बिहार के जल संसाधन मंत्री विजय चौधरी , बिहार की परिवहन मंत्री शीला कुमारी और उत्तर प्रदेश के परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह भाग लेंगे। बैठक में राज्य और केंद्र सरकार के वरिष्ठ टेक्नोक्रेट, विशेषज्ञ और अधिकारी भी मौजूद रहेंगे। यह मंत्रिस्तरीय कार्यशाला बिहार, उत्तर प्रदेश, झारखंड और पश्चिम बंगाल में गंगा (एनडब्ल्यू 1) में कार्गो के आवागमन के 11 वर्षों के विकास पर केंद्रित होगी।
इस अवसर पर बोलते हुए, आईडब्ल्यूएआई के अध्यक्ष विजय कुमार (आईएएस) ने कहा, “ आईडब्ल्यूएआई को इस परामर्श कार्यशाला का आयोजन करते हुए बहुत गर्व हो रहा है। यह राष्ट्रीय जलमार्ग 1, यानी गंगा नदी पर कार्गो और यात्रियों दोनों के अंतर्देशीय जलमार्ग परिवहन को मजबूत करने के हमारे प्रयासों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। पटना पहली बार इस तरह की कार्यशाला की मेजबानी कर रहा है। इसके एनडब्ल्यू –1के वाराणसी-हल्दिया खंड के साथ अंतर्देशीय जल परिवहन (आईडब्ल्यूटी) के लिए एक प्रमुख केंद्र के रूप में उभरने की संभावना है। दिन भर चलने वाले सत्र के दौरान तकनीकी चर्चाओं के पश्चात नीति स्तर की चर्चाएं होगी। इससे क्षेत्रीय व्यापार के लिए अवसर उत्पन्न होंगे, विशेष रूप से भीतरी इलाकों में कनेक्टिविटी को बढ़ावा मिलेगा और क्षेत्र का आर्थिक विकास होगा।”
जेएमवीपी गंगा नदी पर एनडब्ल्यू 1 की नौवहन क्षमता को पुनर्जीवित करके बिहार, उत्तर प्रदेश, झारखंड और पश्चिम बंगाल में आईडब्ल्यूटी को पुनर्जीवित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। फेयरवे विकास, मल्टीमॉडल टर्मिनलों और अत्याधुनिक नौवहन लॉक्स, सामुदायिक जेटी, आधुनिक नौवहन सहायता और बेहतर नदी प्रबंधन जैसे लक्षित उपायों के माध्यम से, जेएमवीपी लंबे समय से चली आ रही चुनौतियों का समाधान कर रहा है और कार्गो और यात्रियों दोनों के लिए अधिक विश्वसनीय, टिकाऊ और कुशल जलमार्ग परिवहन प्रणाली का निर्माण कर रहा है।