भारत की सशस्त्र सेनाएं आधुनिक तकनीक और रणनीतिक दृष्टि दोनों ही मामलों में मजबूत हुई है: लोकसभा अध्यक्ष
एक नए दृष्टिकोण और उन्नत तकनीक के साथ भारतीय सेना अपने पराक्रम और बहादुरी से राष्ट्र के सम्मान और गौरव को बढ़ा रही है: लोकसभा अध्यक्ष
लोकसभा अध्यक्ष ने युवाओं से “राष्ट्र प्रथम” की मानसिकता अपनाने और विकसित भारत के सपने को साकार करने के लिए कड़ी मेहनत करने का आह्वान किया
लोकसभा अध्यक्ष ने दिल्ली विश्वविद्यालय के श्यामलाल कॉलेज (सांध्य) के वार्षिक दिवस समारोह को संबोधित किया
लोकसभा अध्यक्ष श्री ओम बिरला ने कहा है कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत की सशस्त्र सेनाएँ आधुनिक तकनीक और रणनीतिक दृष्टि दोनों मामलों में और अधिक मजबूत हुई हैं। श्री बिरला ने ज़ोर देते हुए कहा कि भारतीय सेना हमेशा से ही साहस और पराक्रम का प्रतीक रही है और आज अगर देश की सीमाएँ सुरक्षित हैं, तो यह युवा भारतीयों की बहादुरी और उनके समर्पण के कारण ही है, जिनकी वीरता आज भी देश को प्रेरित करती है। उन्होंने कहा कि पिछले एक दशक में भारत ने वैश्विक मंच पर एक खास स्थान हासिल किया है। श्री बिरला ने ये बातें दिल्ली विश्वविद्यालय के श्यामलाल कॉलेज (सांध्य) के वार्षिक दिवस समारोह को संबोधित करते हुए कहीं।
उन्होंने कहा कि युवाओं का आत्मविश्वास, उनके विचार और प्रतिबद्धता ही राष्ट्र की असली ताकत है। साथ ही उन्होंने युवाओं से हर कार्य, व्यवहार, अध्ययन और नवाचार में “राष्ट्र प्रथम” की मानसिकता अपनाने का आह्वान किया। श्री बिरला ने कहा कि युवाओं को विकसित भारत@2047 के विज़न को साकार करने के लिए नवाचार पर ध्यान केंद्रित करते हुए कड़ी मेहनत करने की जरूरत है।
श्री बिरला ने ज़ोर देते हुए कहा कि देश को आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी युवाओं पर है, क्योंकि उनके पास नए विचार और दृढ़ संकल्प हैं। श्री बिरला ने न केवल गुणवत्तापूर्ण शिक्षा बल्कि मजबूत सांस्कृतिक मूल्यों को प्रदान करने में श्यामलाल कॉलेज के योगदान की सराहना की, जो देश को आगे ले जाने के लिए एक शिक्षित, अनुशासित और देशभक्त पीढ़ी को आकार देने में मदद कर रहा है।
श्री बिरला ने कहा कि पिछले 75 सालों में भारत ने उल्लेखनीय तरक्की की है। उन्होंने कहा कि देश का गौरव और वैश्विक मान्यता आज के वक्त में काफी बढ़ गया है और इस कामयाबी में सबसे अधिक योगदान इसके युवाओं का रहा है। उन्हें प्रसन्नता जताते हुए कहा कि भारत के युवा मस्तिष्क अपनी सराहनीय बौद्धिक क्षमता, दृष्टिकोण और समर्पण के साथ तमाम वैश्विक चुनौतियों का समाधान कर रहे हैं। उन्होंने तक्षशिला और नालंदा का ज़िक्र करते हुए कहा की ऐसी प्राचीन भारतीय शिक्षा प्रणालियों ने सांस्कृतिक विरासत के साथ ज्ञान का खूबसूरती से मिश्रण किया है।
उन्हें खुशी जताई कि आज हमारी आधुनिक शिक्षा प्रणाली उस विरासत पर आधारित है, जो नवाचार और अनुसंधान को बढ़ावा देती है। श्री बिरला ने कहा कि आज विश्वविद्यालय नवाचार के केंद्र बन रहे हैं, जो भविष्य की चुनौतियों के लिए समाधान प्रदान कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि मौजूदा वक्त में दुनिया भर में भारतीय युवाओं की मांग बहुत बढ़ गई है। उनका तकनीकी कौशल, पेशेवर विशेषज्ञता और काम को लेकर उनके नैतिक मूल्य उन्हें वैश्विक मंच पर अलग पहचान दिलाते हैं।
इस मौके पर सांसद श्री मनोज तिवारी भी उपस्थित थे।