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आठ दिन बाद भी नहीं हुई बीएसएफ जवान की रिहाई, पाकिस्तान को सख्त संदेश देने की मांग

Pradeep Tiwari
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 आठ दिन बाद भी नहीं हुई बीएसएफ जवान की रिहाई, पाकिस्तान को सख्त संदेश देने की मांग

अलॉइंस ऑफ ऑल एक्स पैरामिलिट्री फोर्सेस वेलफेयर एसोसिएशन के मुताबिक, बीएसएफ जवान की सुरक्षित वापसी के लिए पाकिस्तानी हुक्मरानों को सख्त व कड़े लहजे में संदेश भेजा जाए।

Demand to send a strong message to Pakistan for the release of BSF jawan

पंजाब के फिरोजपुर में अंतरराष्ट्रीय बॉर्डर पर गलती से पाकिस्तानी सीमा में प्रवेश करने वाले बीएसएफ जवान पीके साहू की आठ दिन बाद भी रिहाई नहीं हो सकी है। पाकिस्तानी रेंजर्स ने बीएसएफ जवान को अपनी हिरासत में ले रखा है। जवान की रिहाई के लिए कई बार फ्लैग मीटिंग कॉल की गई है, मगर पाकिस्तानी रेंजर्स की तरफ से कोई ठोस रिस्पांस नहीं मिला। अलॉइंस ऑफ ऑल एक्स पैरामिलिट्री फोर्सेस वेलफेयर एसोसिएशन के महासचिव रणबीर सिंह ने पीएम मोदी से इस मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की है। उन्होंने कहा, बीएसएफ जवान की सकुशल रिहाई के लिए पाकिस्तान को विंग कमांडर अभिनंदन जैसा सख्त संदेश देने की जरुरत है। 

 
 
फरवरी 2019 में, बालाकोट एयरस्ट्राइक के दौरान विंग कमांडर अभिनंदन ने बहादुरी दिखाते हुए पाकिस्तान के एफ-16 को मार गिराया था, लेकिन उस वक्त उनका विमान भी क्षतिग्रस्त हो गया था। नतीजा, पाकिस्तान ने अभिनंदन को हिरासत में ले लिया था। तब भारत के सख्त लहजे के चलते 60 घंटे में ही पाकिस्तान ने भारतीय पायलट को वापस लौटा दिया था।  
अलॉइंस ऑफ ऑल एक्स पैरामिलिट्री फोर्सेस वेलफेयर एसोसिएशन के मुताबिक, बीएसएफ जवान की सुरक्षित वापसी के लिए पाकिस्तानी हुक्मरानों को सख्त व कड़े लहजे में संदेश भेजा जाए। गलती या अनजाने में बीएसएफ जवान पीके साहू जीरो लाइन पार कर पाकिस्तानी सीमा में चला गया। पाक रेंजर्स द्वारा उसे गिरफ्तार कर लिया गया। आठ दिन बाद भी जवान को रिहा नहीं किया गया है। साहू के परिवार का बुरा हाल है। उसकी गर्भवती पत्नी रजनी का हाल बेहाल है। पाकिस्तान, फ्लैग मीटिंग को नहीं मान रहा है। 

 

एसोसिएशन के महासचिव ने प्रधानमंत्री मोदी से अपील करते हुए कहा है कि इस मामले पर उच्चतम स्तर पर मीटिंग आयोजित किए जाने की सख्त जरूरत है। इससे जवान की सकुशल स्वदेश वापसी सम्भव हो सकती है। केंद्र सरकार को बीएसएफ जवान के मामले में भी वैसी ही कार्रवाई करने की जरुरत है, जैसी 2019 में विंग कमांडर अभिनंदन की रिहाई के मामले में की 

 

गई थी। तब पीएम मोदी ने पाकिस्तान को सख्त व कड़े लहजे में संदेश दिया था। उसका त्वरित नतीजा देखने को मिला था। महज 60 घंटे में पाकिस्तान ने विंग कमांडर अभिनंदन को सकुशल स्वदेश भेज दिया था। 

यह घटना पिछले सप्ताह हुई थी। बीएसएफ जवान पीके साहू 182वीं बटालियन, बॉर्डर के गेट संख्या 208/1 पर तैनात थे। वे फसल कटाई के दौरान भारतीय किसानों पर नजर रख रहे थे। बीएसएफ, किसानों की सुरक्षा भी करती है। लिहाजा तेज गर्मी के मौसम में जवान ने जब पेड़ की छांव में खड़े होने का प्रयास किया तो पाकिस्तानी रेंजर्स ने उसे हिरासत में ले लिया। उनकी सर्विस राइफल भी जब्त कर ली गई। बताया जाता है कि वह कुछ समय पहले ही इस क्षेत्र में तैनात हुआ था। कई बार फ्लैग मीटिंग करने का प्रयास किया गया, मगर पाकिस्तान की तरफ से कोई जवाब नहीं मिला। 

Pradeep Tiwari

Pradeep Tiwari

मैं, प्रदीप तिवारी, पिछले 10 वर्षों से पत्रकारिता से जुड़ा हूँ। सबसे पहले, मैं एक स्थानीय समाचार चैनल में एक रिपोर्टर के रूप में शामिल हुआ और फिर समय के साथ, मैंने लेख लिखना शुरू कर दिया। मुझे राजनीति और ताज़ा समाचार और अन्य विषयों से संबंधित समाचार लिखना पसंद है।

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