अपने ही आदेशों को ठेंगा दिखा रहा जिला पंचायत सोनभद्र
दूसरे प्रदेश में हो रहे खनन पर वसूल रहा अवैध रॉयल्टी, सीएम योगी के सारे फरमान हुए बेअसर
सीएम योगी के भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की नीति पर फिलहाल जिला पंचायत सोनभद्र पानी फेरता दिख रहा है। जिला पंचायत सोनभद्र द्वारा जनपद में निकलने वाले खनिजों के परिवहन पर क्वैरी प्वाइंट (उद्गम स्थलों) से नियमानुसार शुल्क की वसूली की जाती है। लेकिन नॉर्दर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड की दुधिचुआ परियोजना जिसका शत प्रतिशत कोयला मध्य प्रदेश के सिंगरौली जिले से निकलता है। यानी सारे उद्गम स्थल मध्य प्रदेश में है। वनोपज, जीएसटी, खनन रॉयल्टी आदि की वसूली मध्य प्रदेश करता है। लेकिन जिला पंचायत की वसूली सोनभद्र जिला पंचायत कर खुद अपने आलाधिकारियों के शासनादेशो की अवहेलना कर रहा है। इसके अलावा जिला पंचायत की विधि और उपविधि में भी साफ साफ इंगित है की वसूली उद्गम स्थल से ही की जाएगी लेकिन खुद के नियमो और एनआईटी की धज्जियां विभाग द्वारा अपने अधिकारियों की सरपरस्ती में की जा रही है।
क्या कहता है नियम और शासनादेश
अपर सचिव उत्तर प्रदेश शासनादेश मार्च 2018 द्वारा स्पष्ट इंगित है कि जिला पंचायत द्वारा जनपद के अंतर्गत उत्पादित होने वाले खनिज पदार्थ के परिवहन पर उसके उद्गम स्थल से परिवहन शुल्क लिया जाएगा इसके अलावा जिला पंचायत की विधि और उपविधि में भी इस बात का उल्लेख किया गया है। लेकिन जिला पंचायत सोनभद्र द्वारा अपने ही नियमों और एनआईटी और शासनादेशों की धज्जियां उड़ाई जा रही है।
अपने ही शासनादेशों की अवहेलना कर रहा जिपं सोनभद्र
अब दुधिचुआ परियोजना से शुल्क वसूली की बात करे तो ये विभाग के शासनादेशो की अवहेलना है। क्योंकि पिछले एक दशक से दुधिचुआ से एक किलो भी कोयला यूपी वाले भाग से नहीं निकलता। सारा का सारा कोयला एमपी से निकलता है। कई आरटीआई और विभाग से परिवहन वाली गाड़ियों को दिए जाने वाले प्रपत्र और इनवाइस इसकी पुष्टि करते है। इस संबंध में दुधिचुआ परियोजना प्रबंधक प्रदीप कुमार तिवारी ने भी बताया की दुधिचुआ का शत प्रतिशत कोयला एमपी से उत्पादित होता है। ऐसे में जिला पंचायत शुल्क की वसूली पूरी तरह से अवैध है।