कलेक्टर की अध्यक्षता में प्रभावित वार्डो की बनाई जाय कमेटी – महेश प्रताप सिंह
विस्थान मुद्दे पर सभी संगठनो को एक होने की जरूरत
विस्थापित किसान समाज कल्याण समिति के अध्यक्ष महेश प्रताप सिंह ने विस्थापन मुद्दे पर पत्रकारो से चर्चा करते हुए बताया कि एनसीएल दोहरी निति अपनाकर विस्थापन में भारी अनियमिता बरती जा रही है। वार्ड क्रमांक 10 मेढ़ौली के विस्थापन के दौरान एनसीएल के कई अधिकारी अपने रिस्तेदारो के नाम फर्जी मुआवजा बनाकर वितरण कर दिया गया था। जिसका विरोध करने पर एनसीएल प्रबंधन द्वारा फर्जी मुआवजा वितरण की राशि को जमा कराई गयी। लेकिन उनके उपर नियमानुसार विभागीय कार्यवाही करने में हिला हवाली बरती गई। इसी तरह निगाही परियोजना में भी भूमि अधिग्रहण के दौरान भी दोहरी नीति अपना कर भ्रष्टाचार को बढ़ावा दिया गया। मोरवा के विस्थापन के दौरान उससे भी ज्यादा भ्रष्टाचार होने का अंदेशा बना हुआ है। उन्होने कहा कि मुआवजा और विस्थापन दोनो अलग अलग है। कुछ लोगो द्वारा मुआवजा के लिए मकान बनाया गया है। जिन्हे किसी तरह मुआवजा पाने की ललक लगी हुई है। जो लोग यहा मकान रहने के लिए बनाए है या पुस्तैनी निवासी है उनको विस्थापन का पुरा लाभ मिलना चाहिए। विस्थापित हो रहे लोगो को प्लाट एवं मकान बनाकर दिया जाना चाहिए। क्यो कि यहा से विस्थापन के बाद एक पुस्त तो उनके समझने में लग जायेगा। बने बनाए घर उजाड़ना इतना आसान नही है जितना एनसीएल समझ रही है। देश के विकास के लिए बिजली की आवश्यकता है जिसके लिए कोयला का उत्पादन होना जरूरी है। लेकिन यह नही कि किसी तरह से उजाड़ दिया जाय। उन्होने एक सवाल के जबाब में कहा कि सभी संगठनो को एक साथ मिलकर विस्थापन मुददे लड़ाई लडे़ तो कामयाबी मिल सकती है। श्री सिंह ने बताया कि विस्थापन के लिए कलेक्टर की अध्यक्षता में हर वार्ड में एक कमेटी बनाई जानी चाहिए जिसमें सभी वर्ग के लोगो को शामिल कर विस्थापन पर निर्णय लिया जाना चाहिए। एनसीएल प्रबंधन मुआवजा के लिए बने मकानो को पहले नोटिस देकर औने पौने दाम में किसी तरह सलटा देती है इसके बाद विस्थापित हो रहे लोगो को गुमराह कर विस्थापन के लिए कई प्रकार से दिग्भ्रमित किया जाता है। एनसीएल के चार डायरेक्टर विभिन्न मंचो के साथ एक हाल में बैठकर बार संविधान बदलने की बात करते है। संविधान बार बार नही बदलता है। जो भी निर्णय हो बंद कमरे में नही बल्कि खुले मैदान में होना चाहिए। उन्होने कहा मोरवा के आस पास व जिला मुख्यालय के आसपास एनसीएल व शासकीय व वन भूमि खाली पड़ी है, एनसीएल चाहे तो वहा पुर्नस्थापन कर सकती है। लेकिन एनसीएल के अधिकारी पैसे की बचत कर अपने आला अधिकारी को खुश करने में लगे रहते है। समिति के अध्यक्ष महेश प्रताप सिंह ने बताया कि वर्ष 2014 से विस्थापित किसान समाज कल्याण समिति कार्य कर रहा है जो आदिवासी, हरिजन एवं पीड़ित लोगो न्याय दिलाकर उनका हक दिलाने का कार्य करते आ रहा है। मेढ़ौली एवं दुधीचुआ विस्तार के दौरान मेढ़ौली सहित अन्य स्थानो पर विस्थापन से प्रभावित लोगो के हक दिलाया है। पत्रकार वार्ता के दौरान आदिवासी विस्थापित संघ के अध्यक्ष हीरालाल खैरवार, हरिनारायण खैरवार, वेदान्ती प्रसाद प्रजापति सहित विस्थापन समिति के अन्य पदाधिकारी उपस्थित रहे।