श्रम कानून के जरिए श्रमिकों का हक मारने की कोशिश कर रही है केन्द्र सरकार: सिंह
प्रस्तावित श्रम कानून के खिलाफ प्रदर्शन, एनसीएल सिंगरौली के सभी परियोजना क्षेत्रों में हुआ विरोध
केंद्र सरकार ने प्रस्तावित नए श्रम कानूनों के खिलाफ कोयला क्षेत्र में जमकर विरोध हुआ। इस दौरान कोयला कामगारों ने नारेबाजी के साथ प्रदर्शन भी किया। विरोध चार प्रमुख श्रम संगठनों द्वारा आयोजित किया गया था।
एनसीएल की सभी कोयला क्षेत्र में सोमवार श्रम कानून में प्रस्तावित के बदलाव के विरोध में चार ट्रेड यूनियनों क्रमश: एटक, इंटक, एचएमएस, सीटू ने संयुक्त रूप से विरोध दर्ज कराया। एनसीएल की एमपी-यूपी के क्षेत्र में स्थित कोयला परियोजनाओं में विरोध दिखाई दिया। एनसीएल दफ्तरों के टाइम ऑफिस पर एकत्रित मजदूर नेताओं ने संयुक्त रूप से विरोध प्रदर्शन करते हुए केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी किया। इस दौरान कर्मियों ने काला फीता बांधकर काला दिवस मनाते हुए कार्य किया। ट्रेड यूनियन आरसीएमएस के महामंत्री पुष्पराज सिंह ने कहा केंद्र की मोदी सरकार पिछले लोकसभा कार्यकाल में ही 44 श्रम कानूनों में बदलाव कर चार नए इसका चारों श्रमिक संगठनों ने संयुक्तश्रम कानून के जरिए श्रमिकों का हक मारने की कोशिश कर रही है। रूप से देश भर में पुरजोर विरोध किया जा रहा है और आगे भी जारी रहेगा।
इंटक ने विरोध में मनाया काला दिवस
इंटक के उच्च पदाधिकारियों के निर्देशन में एनसीएल के सभी परियोजनाओं में राष्ट्रीय कॉलरी श्रमिक संघ इंटक ने भारत सरकार द्वारा 44 श्रम कानूनों को बदलकर 4 श्रम कानून कर दिया गया है। जिसके विरोध में काला दिवस मनाया गया। जिसमें मुख्य रूप से आरसीएसएस के महामंत्री लाल पुष्पराज सिंह, अध्यक्ष रामप्रताप, संयुक्त महामंत्री इंद्रेश कुमार सिंह, आरएन ओझा, कौशल साहू, अरेश खोल, डीपी सिंह, सैलेंडर, संजीव त्रिपाठी, निरंजन सिंह, बृजेश यादव, रमेश एसजी, अरुण पटेल, सुरेश कुमार, विनोद पाण्डेय अत्री लाल, अजय पटेल, विपुल, सुरेश सिंह, सुनील गुप्ता, अनिल सिंह, आरके साहू, विनोद, अवधेश जायसवाल अन्य पदाधिकारी शामिल रहे।