चना एवं मटर बीज प्रदर्शन के नाम पर लाखों का खेला कृषि कल्याण विभाग
सिंगरौली का मामला, चर्चाओं में आया कृषि विभाग, प्रदर्शन के नाम पर किसानों से वसूली
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन के तहत जिले में चना एवं मटर प्रदर्शन के नाम पर सैकड़ों अन्नदाताओं से हजारों रूपये वसूल कर खेला किये जाने के कवायदे शुरू है। यह खेला कृषि कल्याण विभाग सिंगरौली में चल रहा है। जहां उक्त विभाग के अधिकार चर्चाओं में आ गये हैं ।
गौरतलब है कि भारत सरकार ने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन एनएफएसएम एक केंद्र प्रायोजित योजना है। इसकी शुरुआत साल 2007 में राष्ट्रीय विकास परिषद एनडीसी की कृषि उप-समिति की सिफारिशों के आधार पर हुई थी। इस मिशन के तहत किसानों को प्रदर्शन, प्रमाणित बीज वितरण, प्रमाणित बीज उत्पादन, सिंचाई उपकरण, कृषि मशीनरी, फसल आधारित प्रशिक्षण और बीज मिनीकिट जैसे लाभ दिए जाने के प्रावधान सुनिश्चित किया गया है। वही सूत्र बतातें हैं कि जिले में वर्ष 2024-25 में दलहन चना एवं मटर प्रदर्शन के नाम पर किसानों से चना के लिए 4-4 हजार एवं मटर के लिए 3-3 हजार रूपये विकास खण्ड स्तर पर जमा कराया गया है। जबकि नियमानुसार इस राशि से किसान स्वयं जैविक दवा, जिन्क सल्फेट, क ल्चर, रासायनिक दवा स्वयं दुकानों से खरीद कर उसकी रसीद विकास खण्ड में जमा करने का प्रावधान है और उस रसीद को विकास खण्ड के कृषि विभाग का अमला जिला उप संचालक कृ षि कार्यालय में जमा करेगा। इसके बाद यह राशि किसानों के खाते में सरकार के द्वारा भेजी जाएगी। किन्तु सूत्र बताते हैं कि ऐसा नही हो रहा है। इसके विपरित किसानों से चना एवं मटर प्रदर्शन के नाम पर सीधे राशि को ब्लॉक मुख्यालयों के कृषि अमले के द्वारा जमा करा ली जा रही है। चर्चाएं यहां तक है कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन के नाम पर कृषि कल्याण विभाग में व्यापक पैमाने पर करीब एक दशक से खेला किया जा रहा है। वही यह भी चर्चा है कि डीएमएफ फण्ड के राशि में भी बंदरबांट करने की जोरशोर है। फिलहाल कृषि कल्याण विभाग में दलहनी फसल मटर एवं चना के प्रदर्शन के नाम पर अन्नदाताओं से जमा कराई जा रही है रकम को लेकर अधिकारी-कर्मचारी जहां सवालों के घेरे में आ रहे हैं। वही ऐसे राशि जमा करने वालों के संख्या सैकड़ों में बताई जा रही है। यदि राशि सीधे जमा कराने के आरोप सही है तो इसमें करोड़ों रूपये का खेला करने की अंदेशा लगाया जा रहा है।
अन्नदाताओं से वसूल राशि लाखों के पार
सूत्र बतातें हैं कि चना एवं मटर प्रदर्शन के नाम पर किसानों से निर्धारित शुल्क बता कर कृषि अमले के द्वारा राशि अवैध तरीके से वसूल कर ली जा रही है। ऐसे किसानों की संख्या सैकड़ों में बताई जा रही है और कई लाख रूपये वसूल की गई है। हालांकि अनुदान राशि किसानों के खाते में सरकार से पहुंच जा रही है। किन्तु उक्त दलहनी बीज के प्रदर्शन के नाम पर 3-3 एवं 4-4 हजार रूपये की जा रही वसूली राशि डकारने का आरोप है। इस आरोप में कितनी सच्चाई है। इसपर विभाग के अधिकारी कुछ भी बताने की स्थिति में नही है। इस सवाल पर गोलमाल जवाब मिल रहा है। इधर इस तरह का खेला पिछले कई सालों से खेला जा रहा है। क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों की चुप्पी पर भी कई तरह के सवाल खड़े होने लगे हैं। अब कई अन्नदाता भी उक्त राशि वसूल जाने के बारे में खुल कर बताने लगे।
खरीफ फसल कीट वितरण भी घालमेल
जिले में पिछले कुछ वर्षो से फ्री मिनी कीट खरीफ सफलों के वितरण में भी घालमेल की जाने लगी हैं। आरोप लगाया जा रहा है कि खरीफ फसलों के मिनी कीट वितरण में जमकर खेला जारी है। जिसमें कृषि कल्याण विभाग का अमला संलिप्त है। आरोप यहां तक लगाया जा रहा है कि मिनी कीट वितरण में खरीदी के संख्या में ही खेला कर दिया जाता है। वही पिछले कई वर्षो से खरीफ फसल बीज के लिए डीएमएफ फण्ड से राशि भी मिलती आ रही है। लेकिन आरोप है कि उक्त राशि का सही सद्पयोग न कर बंदरबांट करने में कोई कोर कसर नही छोड़ा जा रहा है। वही उक्त मामले में कृषि विभाग अमले से हिसाब किताब जनप्रतिनिधि नही लेते। जिसका फायदा कृषि कल्याण विभाग उप संचालक का दफ्तर का अमला उठा रहा है। अब उक्त मामला जोर पकड़ने लगा है। निष्पक्ष जांच हो तो सब कुछ बेपर्दा होने संभावना है।