जग मोरवा के चर्चित हत्याकांड मामले में प्रेमिका सहित अभियुक्त को आजीवन कारावास
हत्या कर शव को टुकड़ों में काटा था, सबूत मिटाने के लिए किए थे कई प्रयास
तत्कालीन टीआई रहे मनीष त्रिपाठी की थी विवेचना
वर्ष 2022 के मार्च माह में मोरवा थाना क्षेत्र के जगमोरवा स्थित एक खेत में बोरी में टुकड़ों में कटा युवक का शव मिला था। इस अंधी हत्याकांड को सुलझाते हुए मोरवा पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार किया था। अब
वर्ग विशेष के युवक की नृशंस हत्या के इस सनसनीखेज मामले में प्रेमिका सहित 2 अभियुक्तों को एससी/एसटी न्यायालय ने दोषी पाये जाने पर आजीवन कारावास की सजा का फैसला सुनाया है। विशेष एससी / एसटी न्यायालय के न्यायाधीश खालिद मोहतरम अहमद ने अभियुक्त द्वय खैरूल निशा निवासी जगमोरवा वार्ड-3 और मो. नसीम आलम निवासी पेट्रोल पम्प मोरवा समीप को भादवि की धारा 302 के अंतर्गत आजीवन कारावास सहित प्रत्येक को 2 हजार रूपये अर्थदंड अधिरोपित किये जाने को दंडादेश पारित किया है। न्यायालय ने दोनों अभियुक्तों को भादवि की धारा 120 बी तथा 3 (2) (5) एससी/ एसटी एक्ट के तहत भी दोहरी उम्रकैद सहित 2-2 हजार रूपए अर्थदंड की सजा मुकर्रर की है। न्यायालय ने अभियुक्त द्वय को भादवि की धारा 201 के अधीन भी 7-7 वर्ष के सश्रम कारावास सहित 1-1 हजार रुपए अर्थदंड की सजा भी सुनाई है। गौरतलब है की मोरवा थाना क्षेत्र के लगभग 3 वर्ष पुराने इस हत्या के मामले में जगमोरवा स्थित एक खेत में मृतक युवक विनोद वियार का शव दो टुकड़ों में कटा हुआ मिला था। पुलिस ने शव की शिनाख्तगी के बाद हत्या व साक्ष्य विलोपित करने के मामले में 2 आरोपियों को गिरफ्तार कर अंधी हत्या के इस मामले का पर्दाफाश किया था। न्यायालय में अभियोजन की ओर से एडीपीओ संजीव कुमार सिंह ने तार्किक ढंग से पक्ष रखा। उन्होंने आरोपियों को कठोर दंड दिये जाने की न्यायालय से मांग की थी। जिला पुलिस द्वारा चिन्हित इस सनसनीखेज मामले में पुलिस विवेचक सह टीआई मोरवा थाना मनीष त्रिपाठी ने मामले में अहम पहलुओं पर गौरकर आरोपियों से हथियार व खून लगे अधजले कपड़ों की जब्ती व उनके मेमोरंडम कथन चालान में समाहित विधि अनुरूप किये, जिससे आरोपियों को सजा दिलाने में अहम भूमिका निर्वहन की थी।