स्वच्छता सामग्री खरीदी के ढाई करोड़ का नही है हिसाब किताब
नगर निगम में भ्रष्टाचार की खुलने लगी परते, जिम्मेदार अधिकारियों ने साधी चुप्पी, दो साल में 20 करोड़ रूपये से अधिक का घोटाला
नगर पालिक निगम सिंगरौली में एक के बाद एक भ्रष्टाचार की परते खुलने लगी है। नपानि सिंगरौली के सेन्ट्रल स्टोर में वर्ष 2023-24 में 20 फरवरी 24 के बीच करीब ढाई करोड़ रूपये की खरीदी की गई। लेकिन स्टोर में कोई हिसाब किताब स्टॉक रजिस्टर में दर्ज नही है।
ज्ञात हो कि नगर पालिक निगम सिंगरौली ने पिछले कुछ दिनों से भ्रष्टाचार एवं वित्तीय अनियमितता, कमीशनखोरी को लेकर चर्चा का विषय बना हुआ है। नवजीवन बिहार शिवाजी कॉम्प्लेक्स के पाइप लाइन के कार्य में हुई आर्थिक अनियमितता का मामला उजागर होने के बाद अब नगर निगम में भ्रष्टाचार की पोल एक के बाद एक खुलने लगी है। हैंड पंपों के सामग्री के साथ बल्व, मेनस्विच, समर्सिवल मोटर पंप की खरीदी में अनियमित दर एवं चहेते ठेकेदारों पर मेहरवानी का मामला सामने आने के बाद स्टोर प्रभारी व उपयंत्री पीके सिंह, सहायक यंत्री दिनेश तिवारी एवं उपयंत्री अनुज सिंह के साथ लिपिक की मुश्किले लगातार बढ़ने लगी हैं। आयुक्त के निर्देश पर 6 सदस्यीय जांच टीम ने नपानि के सेन्ट्रल स्टोर की जांच दौरान कई अहम तथ्य एकत्रित किया है। हालांकि जांच टीम के अधिकारी इस मामले में अपना कथन देने से आनाकानी कर रहे हैं। लेकिन जांच रिपोर्ट पर खारिज भी नही कर रही है। सूत्र बताते हैं कि स्वच्छता शाखा में पदस्थ सहायक ग्रेड-3 के लिपिक शशांक गौतम से स्टॉक रजिस्टर का निरीक्षण किया था। जिसमें स्वच्छता सामग्रियां इन्ट्री नही पाई गई। यह सामग्री कहा से किस दर में खरीदी की गई। इसका कोई हिसाब किताब, बिल बाउचर नही है। यह भी बताया जा रहा है कि 4 जनवरी 2024 को करीब 49 लाख रूपये कीमत के स्वच्छता सामग्री, किटनाशक सामग्री, 4 जनवरी को पुरूष-महिल शौचालय कीमत करीब 76 लाख एवं 17 जनवरी व 20 फरवरी को जलाऊ लकड़ी करीब 30 लाख रूपये क्रय की गई है। जांच समिति ने यह भी पाया है कि पिछले वर्षो की आवश्यकतानुसार वर्तमान वर्ष में खरीदी की गई सामग्री की आवश्यकता का सही सत्यापन नही है और आरोप है कि मनमानी ढंग से सामग्री क्रय की गई है। इधर सूत्र यह भी बता रहे हैं कि वर्ष 2023-24 में स्वच्छता के नाम पर करीब 2 करोड़ 60 लाख कीमत की विभिन्न सामग्रियां क्रय की गई। किन्तु इसका स्टोर में कोई रिकॉर्ड भी मौजूद नही है और सामग्री भी नही दिखाई दी है। मामला घपले से जोड़ा जा रहा है। साथ ही यह भी चर्चा है कि नगर निगम में पिछले वर्ष 2023-24 के साथ-साथ इसी साल के फरवरी महीने तक में भारी अनियमितता की गई है। इस तरह के आरोप अब पूर्व में पदस्थ आयुक्त सतेन्द्र सिंह धाकरे व स्टोर प्रभारी पीके सिंह, अनुज सिंह एवं सहायक यंत्री सहित अन्य स्टाफ पर जोर-शोर से लगना शुरू हो गया है और नगर निगम में इन दिनों इसी बात को लेकर तरह-तरह की चर्चाएं की जाने लगी हैं।
स्वच्छता सामग्री खरीदी के ढाई करोड़ का नही है हिसाब किताब
Pradeep Tiwari
मैं, प्रदीप तिवारी, पिछले 10 वर्षों से पत्रकारिता से जुड़ा हूँ। सबसे पहले, मैं एक स्थानीय समाचार चैनल में एक रिपोर्टर के रूप में शामिल हुआ और फिर समय के साथ, मैंने लेख लिखना शुरू कर दिया। मुझे राजनीति और ताज़ा समाचार और अन्य विषयों से संबंधित समाचार लिखना पसंद है।
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