देवसर स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की लचर कार्यप्रणाली से खाताधारकों में असंतोष बैंक कर्मचारी निर्धारित समय की कर रहे अनदेखी,तो वहीं सुरक्षा गार्ड द्वारा खाताधारकों से किया जा रहा दुर्व्यवहार
सिंगरौली देवसर 16 अक्टूबर इन दिनों देवसर स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की लचर कार्यप्रणाली से खाताधारकों में असंतोष दिखाई दे रहा है।स्टेट बैंक के मैनेजर द्वारा लचर कार्यप्रणाली के चलते अपने कर्मचारियों एवं बैंक सुरक्षा गार्ड पर कोई अंकुश भी नहीं है।दरअसल मैनेजर साहब ने बैंक के कर्मचारियों को खुली छूट दे रखी है जब जी में आऐगा तभी वो कुर्सी में बैठेंगे अन्यथा बैंक खाताधारक इंतजार करता रहे,चाहे दोपहर के बारह ही क्यू न बज जाऐ।इसी तरह से बैंक सुरक्षा गार्ड को भी बैंक के खाताधारकों से बात करने का लिहाज तक नहीं सिखाया।आगे हम आपको बताते चलें कि स्टेट बैंक ऑफ इंडिया देवसर जिसका खुलने का समय 10:30 निर्धारित है।वहीं बैंक तो निर्धारित समय पर खुलता है परंतु 11:00 बजे से 11:30 बजे तक बैंक के कैशियर का इंतजार करना पड़ता हैं।गौरतलब हो कि जब किसी प्रकार से बैंक के कैशियर अपने कुर्सी पर विराजमान होते हैं और ग्राहकों द्वारा उनके इंतजार करने व अपनी समस्याएं बताई जाती है तो उनके सुरक्षा गार्ड के द्वारा खुलेआम ग्राहकों से दुर्व्यवहार करते हुए अपशब्दों का प्रयोग किया जाता है।आखिरकार क्या इस लोकतांत्रिक देश में सही सवालों पर भी इस प्रकार के जवाब मिलना न्यायोचित है।खैर जब मैनेजर का ही अपने कर्मचारियों पर कोई कस बस नहीं तो निश्चित ही अपने मनमाफिक इनके कर्मचारी और सुरक्षा गार्ड का इस प्रकार से कार्य करना लाजमी है।वहीं बता दें कि दिनांक 16 अक्टूबर दिन शनिवार का है जब एक खाताधारक अपने पैसे लेने के लिए बैंक में जाता है तो पता चला कैशियर साहब अपने कुर्सी पर नहीं है उसके बाद उस ग्राहक के द्वारा चिलचिलाती धूप में लगभग आधे घंटे से अधिक कैशियर साहब का इंतजार किया गया जब किसी प्रकार से साहब आए तो ग्राहक ने जैसे ही बैंक के अंदर प्रवेश किया तो पूछा कि साहब 10:30 बैंक खुलने का समय है और 11:00 तक सारी व्यवस्थाएं सुदृढ़ हो जानी चाहिए।परंतु 11:30 बज चुके हैं और हम लगभग आधे घंटे से बाहर चिलचिलाती धूप में आपके आने का इंतजार कर रहे हैं।इतना कहने के बाद कैशियर साहब के पहले बैंक में कार्यरत सुरक्षा कार्ड द्वारा सीधा गर्मजोशी के साथ कहा जाता है कि इतना अकड़ और होशियारी क्यों दिखा रहे हो।वहीं सुरक्षा गार्ड की ऐसी बातें निश्चित ही सवालिया निशान खड़ा करती है कि आख़िरकार सही बातों को पूछने में इस प्रकार के शब्दों का प्रयोग करना कहीं ना कहीं सुरक्षा कार्ड को बैंक मैनेजर द्वारा सह दिया जाना सशंकित करता है।ऐसे में एसबीआई ग्राहकों में असंतोष भी फैल सकता है।अतः सम्बन्धित बैंक मैनेजर द्वारा अपने बैंक में कार्यरत कर्मचारी को समय पर कार्य करने एवं सुरक्षा गार्ड को बैंक के खाताधारकों के साथ दुर्व्यवहार न करने की समझाइश दी जानी चाहिए।हालांकि खाताधारक ने इनके दुर्व्यवहार की शिकायत भी सीएम हेल्पलाइन में दर्ज कराया है जिसका शिकायत क्रमांक 15618315 है।आगे अब देखना यह होगा कि सुरक्षा गार्ड पर स्थानीय ब्रांच मैनेजर का क्या एक्शन होता हैं,या फिर बैंक गार्ड द्वारा इसी प्रकार से अन्य खाताधारकों के साथ भी दुर्व्यवहार करने का सिलसिला आगे भी जारी रखा जाऐगा।