बुंदेलखंड की बेटी ने रचा इतिहास: विधायक यादवेंद्र बुंदेला ने पहुंचकर किया सम्मान, कहा “क्रांति ने बुंदेलखंड का सिर गर्व से ऊँचा किया”
टीकमगढ़/छतरपुर। जब मेहनत, लगन और जज़्बा एक साथ चलते हैं, तो सफलता अपने आप कदम चूमती है। भारतीय महिला क्रिकेट टीम की खिलाड़ी क्रांति गौंड ने यही साबित किया है। बुंदेलखंड की इस होनहार बेटी ने विश्व कप जीतकर न केवल टीम इंडिया का परचम लहराया, बल्कि पूरे क्षेत्र को गौरव से भर दिया।
इस ऐतिहासिक उपलब्धि पर टीकमगढ़ विधानसभा के कांग्रेस विधायक यादवेंद्र सिंह बुंदेला मंगलवार को छतरपुर ज़िले के घुवारा पहुँचकर क्रांति गौंड के घर पहुंचे और उनसे मुलाकात की। विधायक ने उन्हें महिला क्रिकेट विश्व कप जीतने पर हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि क्रांति गौंड ने अपने संघर्ष, अनुशासन और खेल के प्रति समर्पण से यह दिखा दिया है कि बुंदेलखंड की मिट्टी में प्रतिभा की कोई कमी नहीं।
इस दौरान विधायक बुंदेला ने अपनी स्वेच्छानुदान निधि से क्रांति गौंड को आर्थिक सहायता राशि प्रदान करने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि यह सम्मान उस मेहनत और समर्पण के लिए है जिसने न सिर्फ क्षेत्र, बल्कि पूरे प्रदेश का नाम उज्ज्वल किया है।
मुलाकात के दौरान विधायक यादवेंद्र सिंह बुंदेला ने आदिवासी कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं विधायक विक्रांत सिंह भूरिया से फोन पर बात कराई, जिन्होंने क्रांति गौंड को विश्व कप में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए बधाई दी और हर संभव सहयोग का भरोसा भी दिलाया।
विधायक बुंदेला ने कहा
क्रांति ने यह साबित किया है कि अगर सपने सच्चे इरादों से देखे जाएँ, तो उन्हें हकीकत बनने से कोई नहीं रोक सकता। यह सिर्फ जीत नहीं, बल्कि बुंदेलखंड की हर बेटी के आत्मविश्वास की जीत है। कांग्रेस की सरकारों ने हमेशा आदिवासी समाज को संवैधानिक अधिकार दिए, और आज उसी सशक्तिकरण का परिणाम है कि आदिवासी वर्ग की बेटियाँ अंतरराष्ट्रीय मंच पर देश का तिरंगा फहरा रही हैं।
इस अवसर पर पूर्व मंडी अध्यक्ष सूर्यप्रकाश मिश्रा, कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष गौरव शर्मा, पूर्व पार्षद लक्ष्मण रैकवार समेत कई कांग्रेसी कार्यकर्ता उपस्थित रहे। वातावरण गर्व, सम्मान और उत्साह से भरा हुआ था।
क्रांति गौंड की यह उपलब्धि सिर्फ एक खेल विजय नहीं, बल्कि उस संघर्षशील बुंदेलखंड की कहानी है जहाँ की बेटियाँ अब सीमाओं से परे जाकर इतिहास लिख रही हैं। आज पूरा क्षेत्र इस बात पर नाज़ कर रहा है कि बुंदेलखंड की बेटी ने देश और प्रदेश का नाम रोशन कर दिया यह जीत हर उस बेटी की है जो सपने देखती है और उन्हें साकार करने की हिम्मत रखती है।
बॉक्स
क्रांति की चमक अब सिर्फ क्रिकेट मैदान तक सीमित नहीं — वह बुंदेलखंड की पहचान बन चुकी हैं, प्रेरणा हैं हर उस बेटी की जो उड़ान भरना चाहती है।
टीकमगढ़/छतरपुर। जब मेहनत, लगन और जज़्बा एक साथ चलते हैं, तो सफलता अपने आप कदम चूमती है। भारतीय महिला क्रिकेट टीम की खिलाड़ी क्रांति गौंड ने यही साबित किया है। बुंदेलखंड की इस होनहार बेटी ने विश्व कप जीतकर न केवल टीम इंडिया का परचम लहराया, बल्कि पूरे क्षेत्र को गौरव से भर दिया।
इस ऐतिहासिक उपलब्धि पर टीकमगढ़ विधानसभा के कांग्रेस विधायक यादवेंद्र सिंह बुंदेला मंगलवार को छतरपुर ज़िले के घुवारा पहुँचकर क्रांति गौंड के घर पहुंचे और उनसे मुलाकात की। विधायक ने उन्हें महिला क्रिकेट विश्व कप जीतने पर हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि क्रांति गौंड ने अपने संघर्ष, अनुशासन और खेल के प्रति समर्पण से यह दिखा दिया है कि बुंदेलखंड की मिट्टी में प्रतिभा की कोई कमी नहीं।
इस दौरान विधायक बुंदेला ने अपनी स्वेच्छानुदान निधि से क्रांति गौंड को आर्थिक सहायता राशि प्रदान करने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि यह सम्मान उस मेहनत और समर्पण के लिए है जिसने न सिर्फ क्षेत्र, बल्कि पूरे प्रदेश का नाम उज्ज्वल किया है।
मुलाकात के दौरान विधायक यादवेंद्र सिंह बुंदेला ने आदिवासी कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं विधायक विक्रांत सिंह भूरिया से फोन पर बात कराई, जिन्होंने क्रांति गौंड को विश्व कप में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए बधाई दी और हर संभव सहयोग का भरोसा भी दिलाया।
विधायक बुंदेला ने कहा
क्रांति ने यह साबित किया है कि अगर सपने सच्चे इरादों से देखे जाएँ, तो उन्हें हकीकत बनने से कोई नहीं रोक सकता। यह सिर्फ जीत नहीं, बल्कि बुंदेलखंड की हर बेटी के आत्मविश्वास की जीत है। कांग्रेस की सरकारों ने हमेशा आदिवासी समाज को संवैधानिक अधिकार दिए, और आज उसी सशक्तिकरण का परिणाम है कि आदिवासी वर्ग की बेटियाँ अंतरराष्ट्रीय मंच पर देश का तिरंगा फहरा रही हैं।
इस अवसर पर पूर्व मंडी अध्यक्ष सूर्यप्रकाश मिश्रा, कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष गौरव शर्मा, पूर्व पार्षद लक्ष्मण रैकवार समेत कई कांग्रेसी कार्यकर्ता उपस्थित रहे। वातावरण गर्व, सम्मान और उत्साह से भरा हुआ था।
क्रांति गौंड की यह उपलब्धि सिर्फ एक खेल विजय नहीं, बल्कि उस संघर्षशील बुंदेलखंड की कहानी है जहाँ की बेटियाँ अब सीमाओं से परे जाकर इतिहास लिख रही हैं। आज पूरा क्षेत्र इस बात पर नाज़ कर रहा है कि बुंदेलखंड की बेटी ने देश और प्रदेश का नाम रोशन कर दिया यह जीत हर उस बेटी की है जो सपने देखती है और उन्हें साकार करने की हिम्मत रखती है।
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क्रांति की चमक अब सिर्फ क्रिकेट मैदान तक सीमित नहीं — वह बुंदेलखंड की पहचान बन चुकी हैं, प्रेरणा हैं हर उस बेटी की जो उड़ान भरना चाहती है।