वरिष्ठ समाजसेवी डीपी शुक्ला का बड़ा आरोप : भू अर्जन मे हुआ भारी भ्रष्टाचार

वरिष्ठ समाजसेवी डीपी शुक्ला का बड़ा आरोप : भू अर्जन मे हुआ भारी भ्रष्टाचार

देवसर एसडीएम अखिलेश सिंह को रिलीव न कर सिंगरौली प्रशासन कर रहा नियमों की अवहेलना

सिंगरौली/जिले के वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता डी.पी. शुक्ला ने एक गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि देवसर के उपखंड अधिकारी (एसडीएम) अखिलेश कुमार सिंह, जिनका स्थानांतरण शासन द्वारा 28 अक्टूबर 2024 को रीवा जिले के लिए किया गया था, उन्हें आज तक रिलीव नहीं किया गया है।
जबकि रीवा से संयुक्त कलेक्टर प्रभा शंकर त्रिपाठी का स्थानांतरण 4 अगस्त 2025 को सिंगरौली जिले में अपर कलेक्टर पद पर हो चुका है, किंतु अखिलेश सिंह को रिलीव न करने के कारण सिंगरौली जिला प्रशासन कई माह से अपर कलेक्टर विहीन है।
डी.पी. शुक्ला ने कहा कि अखिलेश सिंह सिंगरौली की सरकारी भूमियों एवं वन भूमियों और फर्जी मुआवजा भ्रष्टाचार के गिरोह से जुड़े लोगों के साथ मिलकर भ्रष्टाचार के मामलों को दबाने का प्रयास कर रहे हैं।

जंगल की भूमियों में अनियमितता

जंगल की भूमियों के संबंध में दायरे याचिका के बाद वन मंडल अधिकारी सिंगरौली को पत्र लिखकर अखिलेश सिंह द्वारा प्रतिवेदन दिया गया कि वन अधिनियम की धारा 7 की कार्यवाही प्रचलनशील है जबकि जानकारी मांगे जाने पर कोई जानकारी नहीं दी जा रही है

भू-अर्जन प्रकरण में गंभीर अनियमितताएँ

डी.पी. शुक्ला ने बताया कि उनकी निजी भूमि और मकान (ग्राम खोभा, तहसील देवसर) का मुआवजा उपखंड अधिकारी अखिलेश सिंह द्वारा वर्ष 2023 में अपने रीडर के दामाद के नाम पर अवैध रूप से भुगतान कर अनैतिक लाभ लिया गया।
जब इस संबंध में शुक्ला द्वारा माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर में रिट याचिका दायर की गई, तो अखिलेश सिंह ने माननीय उच्च न्यायालय को गुमराह करने के उद्देश्य से झूठा शपथपत्र प्रस्तुत कर सितंबर 2024 में जवाब दिया गया कि “उक्त भूमि के प्रभाजन प्रकरण का रेफरेंस प्राधिकरण न्यायालय देवसर में भेजा जा चुका है।”
किन्तु वास्तविकता यह है कि कोई विधिसम्मत रेफरेंस नहीं भेजा गया, बल्कि केवल एक प्रतिवेदन भेजकर न्यायालयों को भ्रमित किया गया। इस पर माननीय चतुर्थ जिला न्यायाधीश देवसर, श्री दिनेश कुमार शर्मा जी द्वारा अखिलेश सिंह एवं सरकारी अधिवक्ता मारकंडे त्रिपाठी के विरुद्ध कार्यवाही हेतु कलेक्टर सिंगरौली को पत्र लिखा गया, परंतु आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई।

आर्थिक अपराध शाखा जांच में बाधा

शुक्ला द्वारा इसी भूमि के उक्त फर्जी भुगतान के विरुद्ध धारा 156(3) के तहत मजिस्ट्रेट न्यायालय देवसर में परिवाद प्रस्तुत किया गया, जिस पर माननीय न्यायालय ने आर्थिक अपराध शाखा (EOW) रीवा से जांच की प्रगति रिपोर्ट मांगी गई।
तब EOW द्वारा उपखंड अधिकारी व कलेक्टर सिंगरौली से संबंधित दस्तावेज मांगे जाने पर, ये अधिकारी दस्तावेज उपलब्ध नहीं करा रहे, जिससे जांच बाधित हो रही है।
पुलिस अधीक्षक रीवा द्वारा बाद में सहायक पुलिस अधीक्षक किरण किलो (EOW रीवा) को जांच अधिकारी नियुक्त किया गया, किंतु अखिलेश सिंह व सरकारी अधिवक्ता मारकंडे त्रिपाठी द्वारा मजिस्ट्रेट न्यायालय की फाइल को माननीय तृतीय जिला न्यायाधीश विजय सोनकर के न्यायालय में निगरानी कर, जांच प्रक्रिया को प्रभावित किया जा रहा है।

डी.पी. शुक्ला की मांगे

अखिलेश सिंह को तत्काल देवसर से रिलीव कर रीवा पदस्थ किया जाए। सिंगरौली जिले के शासकीय भूमियों की हेरा फेरी, जंगल की भूमियों की हेरा फेरी और भू-अर्जन भ्रष्टाचार प्रकरणों की निष्पक्ष जांच ईओडब्ल्यू को रिकार्ड उपलब्ध कराकर कराई जाए।
उपखंड अधिकारी अखिलेश सिंह और संबंधित अधिकारियों पर अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाए, जिन्होंने एक वर्ष से ट्रांसफर के बावजूद रिलीव होने की कार्यवाही नहीं करवाई गई।
यदि शासन द्वारा शीघ्र कार्यवाही नहीं की जाती है, तो डी.पी. शुक्ला इस संबंध में उच्च न्यायालय में नई रिट याचिका दायर करने को बाध्य होंगे।