केन्द्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने नई दिल्ली में ‘भविष्य की जरूरतों के अनुरूप तैयार रेलवे’ विषय पर आधारित 16वीं अंतरराष्ट्रीय रेलवे उपकरण प्रदर्शनी-2025 का उद्घाटन किया
रेलवे ने ‘विकसित भारत’ के दृष्टिकोण के तहत 2047 तक 7,000 किलोमीटर के समर्पित यात्री गलियारों का विकास करने की योजना बनाई है, जो 350 किलोमीटर प्रति घंटे तक की गति के लिए डिजाइन किए गए हैं: अश्विनी वैष्णव
केन्द्रीय मंत्री ने आईआरईई 2025 में वंदे भारत 4.0, अमृत भारत 4.0 और अगली पीढ़ी के रेलवे विनिर्माण मानकों से संबंधित विजन की रूपरेखा पेश की
केन्द्रीय रेल, सूचना और प्रसारण, तथा इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव ने आज नई दिल्ली के भारत मंडपम में आयोजित एशिया की सबसे बड़ी और दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी रेलवे प्रदर्शनी, 16वीं अंतरराष्ट्रीय रेलवे उपकरण प्रदर्शनी-2025 का उद्घाटन किया।
केन्द्रीय मंत्री ने समर्पित यात्री गलियारों के विकास से संबंधित योजना की घोषणा की। इन गलियारों को 350 किलोमीटर प्रति घंटे की अधिकतम गति और 320 किलोमीटर प्रति घंटे की परिचालन गति के लिए डिजाइन किया गया है। उन्होंने कहा कि देश भर में ऐसे कई गलियारे बनाए जायेंगे, जो सरकार के ‘विकसित भारत’ के दृष्टिकोण का हिस्सा होंगे। इस दृष्टिकोण का लक्ष्य 2047 तक लगभग 7,000 किलोमीटर के समर्पित मार्गों का विकास करना है। ये गलियारे स्वदेशी रूप से विकसित सिग्नलिंग प्रणालियों और आधुनिक परिचालन नियंत्रण केन्द्रों (ओसीसी) से सुसज्जित होंगे।
केन्द्रीय मंत्री ने अमृत भारत ट्रेनों की प्रगति पर भी चर्चा की। उन्होंने बताया कि अमृत भारत 2.0 का परिचालन शुरू हो चुका है, जबकि लंबी दूरी की यात्राओं के लिए उपयुक्त पुश-पुल तकनीक पर आधारित संस्करण 3.0 का विकास किया जा रहा है। मंत्री महोदय ने बताया कि अमृत भारत 4.0 में अगली पीढ़ी के ट्रेनसेट और लोकोमोटिव शामिल होंगे। उन्होंने आगे कहा कि अगले 36 महीनों के भीतर, नई पीढ़ी के यात्री लोकोमोटिव का डिजाइन एवं निर्माण हो जाएगा और वे परीक्षण के लिए तैयार हो जायेंगे।
केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि पिछले 11 वर्षों के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारतीय रेल के आधुनिकीकरण और विस्तार पर विशेष ध्यान दिया गया है। इसके लिए रेल बजट में लगातार वृद्धि की गई है। पिछले 11 वर्षों में, कुल 35,000 किलोमीटर से अधिक की नई पटरियां बिछाई गई हैं और 46,000 किलोमीटर के विद्युतीकरण का काम पूरा किया गया है। उन्होंने बताया कि वैश्विक पटल पर भारतीय रेल अब एक प्रमुख निर्यातक के रूप में भी उभर रहा है। भारत में निर्मित रेल इंजन अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया और कई अन्य देशों को निर्यात किए जा रहे हैं।
केन्द्रीय मंत्री ने बताया कि अब देश भर में 156 वंदे भारत सेवाओं, 30 अमृत भारत सेवाओं और 4 नमो भारत सेवाओं का परिचालन किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2024-25 के दौरान रिकॉर्ड 7,000 से अधिक कोच, लगभग 42,000 वैगन और 1,681 लोकोमोटिव का उत्पादन किया गया। इसके साथ ही, देश के पहले 9,000 एचपी की क्षमता वाले इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव का उद्घाटन किया गया, जबकि 12,000 एचपी की क्षमता वाले लोकोमोटिव पहले से ही परिचालन में हैं।
भारतीय रेल ने बुनियादी ढांचे से जुड़ी कई उल्लेखनीय परियोजनाओं का निर्माण किया है, जिनमें एफिल टावर से 35 मीटर ऊंचा चिनाब ब्रिज, पंबन में भारत का पहला वर्टिकल लिफ्ट सी ब्रिज और कुतुब मीनार से 42 मीटर ऊंचा बैराबी सैरांग ब्रिज शामिल हैं। रेलवे में सुरक्षा और तकनीकी नवाचार को प्राथमिकता दी जा रही है। इसके लिए वर्तमान वित्त वर्ष में 1.16 लाख करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया है, जिसमें स्वदेशी सुरक्षा प्रणाली कवच भी शामिल है।
इस कार्यक्रम में रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री सतीश कुमार और गति शक्ति विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर (डॉ.) मनोज चौधरी सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। ‘भविष्य की जरूरतों के अनुरूप तैयार रेलवे’ विषय पर आधारित यह प्रदर्शनी 15 से 17 अक्टूबर 2025 के दौरान भारत मंडपम में आयोजित की जा रही है। इस कार्यक्रम में 15 से अधिक देशों के 450 से अधिक प्रदर्शक भाग ले रहे हैं, जो आधुनिक रेल एवं मेट्रो उत्पादों, नवाचारों और स्थायी समाधानों का प्रदर्शन करेंगे।