बरगवां रेलवे स्टेशन पर पार्किंग के नाम पर अवैध वसूली और चोरी का गोरखधंधा अधिकारी दे रहे संरक्षण

बरगवां रेलवे स्टेशन पर पार्किंग के नाम पर अवैध वसूली और चोरी का गोरखधंधा अधिकारी दे रहे संरक्षण
उलटा पत्रकारों से करने लगे सवाल, ठोस जवाब देने में ना-नूकू र

सिंगरौली बरगवां रेलवे स्टेशन पर अवैध वसूली और चोरी के मामलों को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। यहां पार्किंग के नाम पर चल रहे अवैध वसूली के गोरखधंधे में रेलवे विभाग के ही कुछ जिम्मेदार अधिकारी और ठेकेदारों की मिलीभगत सामने आई है। चौंकाने वाली बात यह है कि आरोपियों पर शिकंजा कसने की बजाय विभाग के ही एक अधिकारी अजय पाल कुशवाहा खुद हाथ में मोबाइल लेकर सोशल मीडिया पत्रकार बन गए और पत्रकारों से ही सवाल-जवाब करने लगे।
चर्चाओं के मुताबिक बरगवां रेलवे स्टेशन पर पार्किंग व्यवस्था में भारी गड़बड़ी पाई गई। टू-व्हीलर और फोर-व्हीलर पार्किंग की अनुमति होने के बावजूद ठेकेदारों और अधिकारियों की मिलीभगत से बड़ी-बड़ी बसों की पार्किंग कराई जा रही है और मनमानी रकम वसूली जा रही है। इतना ही नहीं, स्टेशन परिसर से बाहर गाड़ि़या खड़ी करने वाले लोगों से भी अवैध रूप से पैसे वसूले जा रहे हैं। स्थानीय सूत्रों के अनुसार पार्किंग ठेकेदार और कुछ भ्रष्ट अधिकारी कमीशनखोरी के चलते खुलेआम नियमों की धज्जियां उड़ा रहे हैं। जहां वाहन मालिक पार्किंग में वाहन खड़ा नहीं करते, उनके वाहनों से पार्ट्स चोरी करवा कर उनसे भारी रकम वसूली की जाती है।
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पत्रकारों से उलटा करने लगे सवाल
मामले का खुलासा तब हुआ जब कुछ पत्रकारों ने स्टेशन परिसर में अवैध वसूली और चोरी की घटनाओं को कैमरे में कैद किया। मौके पर पहुंचे रेलवे विभाग के अधिकारी अजय पाल कुशवाहा ने चोरों और ठेकेदारों पर कार्रवाई करने के बजाए खुद मोबाइल निकालकर पत्रकारों से सवाल-जवाब शुरू कर दिए। उनका व्यवहार इतना आक्रामक था, मानो वे आरोपियों की जगह पत्रकारों को ही कठघरे में खड़ा कर रहे हों।
हालांकि जब उनसे सवाल होने लगा तो, वे ना नूकूर करते हुये धीरे-धीरे चलते बने और इतना जरूर कहा कि यहां वाहनों के खड़ा करने से जाम लगते हैं।
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वसूली के आड़ में बाईको के प्लग गायब
इधर संबंधित पीडितों ने बताया कि उनकी मोटरसाइकिल की प्लग पार्किंग करने के कारण निकाल ली गई। जब इस संबंध में ठेकेदार और कर्मचारियों से सवाल किया गया तो पहले उन्होंने इन्कार किया, लेकिन कैमरे के सामने अंतत: उन्होंने कबूल कर लिया कि हाँ, हमने ही पार्ट्स निकाले हैं। क्योंकि गाड़ी पार्किंग में नहीं लगाई गई थी। यह कृत्य न सिर्फ अवैध है, बल्कि आपराधिक श्रेणी में आता है। फिर भी रेलवे विभाग के अधिकारी इन पर कार्रवाई करने के बजाय संरक्षण देने में जुटे हुए हैं। वहीं
मनमानी वाहन पार्किंग करने के नाम पर भारी भरकम रकम वसूली करने के आरोप हैं।