आत्महत्या के लिए दुष्प्रेषण करने वाले दोनों अभियुक्तों को आजीवन कारावास
मोरवा थाना क्षेत्र के गोरबी का मामला
बीते वर्ष 2023 के 28-29 अगस्त की दरमियानी रात गोरबी बस्ती एक निवासी ने महुआ के पेड़ में फांसी लगाकर अपनी जान दे दी थी। इस मामले में आत्महत्या के दुष्प्रेषण के लिए मोरवा पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार किया था। अब वर्ग विशेष की युवती को आत्महत्या के दुष्प्रेरण के लिए उसके प्रेमी समेत एक अन्य अभियुक्त को एससी/ एसटी न्यायालय ने दोषी पाए जाने पर आजीवन कारावास की सजा का फैसला सुनाया है। विशेष एससी/एसटी न्यायालय के न्यायाधीश खालिद मोहतरम अहमद ने अभियुक्त वीरेंद्र सिंह पिता मोती सिंह उम्र 22 वर्ष निवासी ग्राम मुहेर थाना मोरवा जिला सिंगरौली एवं उसके साथी विद्यासागर उर्फ ऋषि जयसवाल पिता सत्यप्रसाद जायसवाल उम्र 22 वर्ष निवासी थाना मोरवा को प्रकरण क्रमांक 49/23 अपराध क्रमांक 718/23 धारा 498ए, 306, 34 भारतीय दंड विधान तथा 3(2)(V) एससी/एसटी एक्ट के तहत 10 वर्ष का श्रम कारावास एवं 3000 का अर्थदंड साथ ही एससी/एसटी एक्ट की धारा 3(2)(V) के तहत आजीवन श्रम कारावास एवं 3000 का अर्थ दंड की सजा सुनाई है।
गौरतलब है कि करीब एक वर्ष पूर्व 19 वर्षीय युवती ने पेड़ पर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। इस मामले में उस समय नवागत अनुविभागीय अधिकारी कृष्ण कुमार पाण्डेय ने विवेचना की। जिसमें यह तथ्य सामने आया कि आरोपी वीरेंद्र कुमार का लंबे समय से प्रेम प्रसंग से युवती के साथ जारी था, तथा उसके बालिक होने के बाद वह उससे शादी करने से इनकार करने लगा। इसके बाद वह मोरवा थाने जा पहुँची। मामला बिगड़ता देख दोनों के परिजन मोरवा थाने में बैठे और सुला समझौता के बाद रिंकी वीरेंद्र के घर चली गई। हालांकि इस बीच वीरेंद्र का दोस्त विद्यासागर जायसवाल उर्फ ऋषि भी वहां पहुंचा और दोनों ने कूटनीतिक प्रयास कर रिंकी को घर से निकाल दिया। प्यार धोखा खाई रिंकी ने मुहेर के जंगल में जाकर महुआ के पेड़ में दुपट्टे से फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।
इस मामले में तत्कालीन चौकी प्रभारी रहे उपनिरीक्षक विनय शुक्ला ने मामला दर्ज कर वरिष्ठ अधिकारियों को उसकी जानकारी दी। जिसके बाद अनुविभागीय अधिकारी कृष्ण कुमार पाण्डेय ने मामले की विवेचना की। मामले की तफ्तीश में तथ्य सामने आये और दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया। अब करीब साल भर बाद इस मामले में न्यायालय ने फैसला सुनाया है।