बिना भवन कैसे मिले शिक्षा चितरंगी के विद्यालय कुशहनिया की जर्जर हालत, तीन कमरों में पढ़ रहे कक्षा 1 से 8 तक के बच्चे।
सिंगरौली जिले के चितरंगी विकासखंड अंतर्गत संकुल सुदा के माध्यमिक विद्यालय कुशहनिया (डायस कोड: 23500115102) की हालत इन दिनों बदहाल है। एक ओर सरकार गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की बात करती है, वहीं दूसरी ओर जमीनी हकीकत इसके एकदम उलट है। विद्यालय भवन की स्थिति इतनी जर्जर हो चुकी है कि कक्षा 1 से लेकर कक्षा 8वीं तक के सभी छात्र महज तीन कमरों में ठूंसकर पढ़ाई करने को मजबूर हैं।
जब इस संबंध में प्रभारी प्रधानाध्यापक अशोक कुमार साकेत से बात की गई तो उन्होंने बताया कि –
“मैंने कई बार अपने संकुल प्रभारी एवं विकासखंड स्रोत समन्वयक चितरंगी एवं विकासखंड शिक्षा अधिकारी चितरंगी को पत्राचार के माध्यम से अवगत कराया है। उन्होंने जांच कर शीघ्र समाधान का आश्वासन भी दिया था, लेकिन आज तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। बच्चों की पढ़ाई बुरी तरह प्रभावित हो रही है।”
विद्यालय में पर्याप्त कमरे, बैठने की सुविधा और मूलभूत ढांचे का अभाव बच्चों की शिक्षा में बड़ी रुकावट बन गया है। इस स्थिति ने जिले की शिक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
अब बड़ा सवाल यह है कि
जब खुद सरकार ‘सर्व शिक्षा अभियान’ और ‘स्कूल चले हम’ जैसे अभियान चला रही है, तो फिर चितरंगी का यह विद्यालय कब तक उपेक्षा का शिकार रहेगा?क्या अब इस खबर के बाद जिले के कलेक्टर श्री चंद्रशेखर शुक्ला इस दिशा में कोई ठोस कदम उठाएंगे या फिर यह विद्यालय भी सरकारी उपेक्षा की एक और मिसाल बनकर रह जाएगा?
अब सबकी निगाहें जिला प्रशासन की ओर टिकी हैं।