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विद्युत मंत्रालय ने भारत के विद्युत क्षेत्र के लिए डिजिटल आधार तैयार करने हेतु

Pradeep Tiwari
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विद्युत मंत्रालय ने भारत के विद्युत क्षेत्र के लिए डिजिटल आधार तैयार करने हेतु ‘भारत एनर्जी स्टैक’ की परिकल्पना की


भारत एनर्जी स्टैक (आईईएस) नवीकरणीय ऊर्जा को एकीकृत करने, डिस्कॉम की दक्षता बढ़ाने और पारदर्शी, विश्वसनीय एवं भविष्य की जरूरतों के अनुरूप तैयार विद्युत सेवाओं की आपूर्ति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा: श्री मनोहर लाल

 

विद्युत मंत्रालय ने भारत एनर्जी स्टैक (आईईएस) की परिकल्पना करने हतु एक कार्य दल (टास्क फोर्स) के गठन की घोषणा की है। भारत एनर्जी स्टैक एक अग्रणी पहल है और इसका उद्देश्य भारत के ऊर्जा क्षेत्र के लिए एकीकृत, सुरक्षित और अंतर-संचालनीय डिजिटल बुनियादी ढांचे का निर्माण करना है।

अब जबकि भारत 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है और शुद्ध शून्य उत्सर्जन (नेट ज़ीरो) से जुड़ी अपनी प्रतिबद्धताओं की दिशा में आगे बढ़ रहा है, विद्युत क्षेत्र को अभूतपूर्व अवसरों और जटिल चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। नवीकरणीय ऊर्जा, इलेक्ट्रिक वाहनों और ऊर्जा बाजारों में उपभोक्ताओं की भागीदारी में तेजी से हो रही वृद्धि इस क्षेत्र को बदल रही है, लेकिन खंडित प्रणालियां और निर्बाध डिजिटल एकीकरण का अभाव प्रमुख बाधाएं बनी हुई हैं।

इन समस्याओं के समाधान हेतु, विद्युत मंत्रालय इंडिया एनर्जी स्टैक के जरिए इस क्षेत्र की डिजिटल आधार को फिर से तैयार कर रहा है – एक ऐसी डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना (डीपीआई) जो विद्युत मूल्य श्रृंखला में प्रबंधन, निगरानी और नवाचार के लिए एक मानकीकृत, सुरक्षित और खुला मंच प्रदान करेगी।

आईईएस निम्नलिखित पेशकश करेगा:

• उपभोक्ताओं, परिसंपत्तियों और लेन-देन हेतु विशिष्ट आईडी

• वास्तविक एवं सहमति-आधारित डेटा का साझाकरण

• निर्बाध प्रणालीगत एकीकरण हेतु ओपन एपीआई

• उपभोक्ता सशक्तिकरण, बाजार की सुलभता और नवाचार हेतु उपकरण  

इस कदम के बारे में बोलते हुए, माननीय ऊर्जा मंत्री श्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा: “देश की बढ़ती मांग को प्रबंधित करनेग्रिड स्थिरता को सुनिश्चित करने और उपभोक्ताओं को सशक्त बनाने हेतु विद्युत क्षेत्र में एक ठोस डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे को विकसित करने की तत्काल आवश्यकता है। इंडिया एनर्जी स्टैक (आईईएसजैसे डीपीआई नवीकरणीय ऊर्जा को एकीकृत करनेडिस्कॉम की दक्षता को बढ़ाने और पारदर्शीविश्वसनीय एवं एवं भविष्य की जरूरतों के अनुरूप तैयार विद्युत सेवाओं की आपूर्ति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। पहचान के मामले में आधार और डिजिटल भुगतान के मामले में यूपीआई ने जो हासिल किया है वैसी ही उपलब्धि इंडिया एनर्जी स्टैक विद्युत क्षेत्र के लिए हासिल करेगा – हर नागरिक के लिए निर्बाधसुरक्षित और उपभोक्ता-केन्द्रित ऊर्जा सेवाएं उपलब्ध कराना।”

आईईएस की परिकल्पना तैयार करने के अलावामंत्रालय चुनी हुई जनोपयोगी सेवाओं के साथ साझेदारी में वास्तविक दुनिया के उपयोग के मामलों के जरिए आईईएस को प्रदर्शित करने हेतु 12 महीने का प्रूफ ऑफ कॉन्सेप्ट (पीओसीभी करेगा। इसमें यूटिलिटी इंटेलिजेंस प्लेटफ़ॉर्म (यूआईपी) का संचालन शामिल हैजो आईईएस पर निर्मित एक मॉड्यूलरएनालिटिक्स-संचालित एप्लिकेशन है और जनोपयोगी सेवाओंनीति निर्माताओं और उपभोक्ताओं को वास्तविक समय में जानकारी प्रदान करने और बेहतर ऊर्जा प्रबंधन में सहायता करता है।

उपरोक्त पहलों का मार्गदर्शन करने हेतु, मंत्रालय ने प्रौद्योगिकीविद्युत क्षेत्र और नियामक क्षेत्रों के विशेषज्ञों को शामिल करते हुए एक समर्पित कार्य दल (टास्क फोर्स) का गठन किया हैजो भारत एनर्जी स्टैक के विकासप्रयोगात्मक कार्यान्वयन और देशव्यापी विस्तार को दिशा देगा।

इस पहल का नेतृत्व विद्युत मंत्रालय द्वारा किया जा रहा है।

Pradeep Tiwari

Pradeep Tiwari

मैं, प्रदीप तिवारी, पिछले 10 वर्षों से पत्रकारिता से जुड़ा हूँ। सबसे पहले, मैं एक स्थानीय समाचार चैनल में एक रिपोर्टर के रूप में शामिल हुआ और फिर समय के साथ, मैंने लेख लिखना शुरू कर दिया। मुझे राजनीति और ताज़ा समाचार और अन्य विषयों से संबंधित समाचार लिखना पसंद है।

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