भवन विहीन होकर संचालित है डाकघर बरगवां
सुविधा के नाम पर एक पंखा तक नही, ना ही बैठने की कोई व्यवस्था
अगर देखा जाए तो डाकघर बरगवां की लचर व्यवस्था तो शुरू से ही रही है। लेकिन हिंडालको, जेपी जैसी बड़ी-बड़ी कंपनियां आने के बाद उम्मीद थी कि डाकघर बरगवां को भी एक नया भवन जरूरी संसाधनों के साथ उपलब्ध कराया जाएगा। लेकिन हुआ ठीक इसका उल्टा।
डाकघर बरगवां में आज भी बरसात के मौसम में पानी टपकता रहता है। जिससे कई दफा तो जरूरी दस्तावेज भी पानी में भीग जाते हैं। क्योंकि आज के समय में भी खपरैल मकान में, एक कमरे में डाकघर का संचालन किया जा रहा है। इतना ही नही जो भी डाकघर बैढ़न आती है। वहां से ही उसको वितरित दिखा दिया जाता है। क्योंकि बरगवां में कंप्यूटर की कोई व्यवस्था नही है। जिससे कि उसको अपडेट किया जाए। अगर डाक किसी कारणवश वितरित नही हो पाती तो भी उसको वितरित पहले ही दिखा दिया जाता है। अगर किसी को कोई डाक भेजनी हो तो उसके लिए मजबूर होकर बैैढ़न जाना पड़ता है। बैठने के लिए कोई सुविधा नही प्रदान की गई है। गर्मी के समय में एक पंखा तक उपलब्ध नही है। अगर देखा जाए तो बरगवां अब नगर परिषद हो चुका है और कई जगह सरकारी जमीन मुख्य मार्ग पर खाली है। जहां नए ढंग से डाकघर का निर्माण किया जा सकता है।
भवन विहीन होकर संचालित है डाकघर बरगवां


Pradeep Tiwari
मैं, प्रदीप तिवारी, पिछले 10 वर्षों से पत्रकारिता से जुड़ा हूँ। सबसे पहले, मैं एक स्थानीय समाचार चैनल में एक रिपोर्टर के रूप में शामिल हुआ और फिर समय के साथ, मैंने लेख लिखना शुरू कर दिया। मुझे राजनीति और ताज़ा समाचार और अन्य विषयों से संबंधित समाचार लिखना पसंद है।
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