सिंगरौली जिले में स्वास्थ्य सेवाओं की पोल खोलने वाला एक वीडियो सामने आ रहा है सोमवार को जिले के देवसर मुख्यालय स्थित एक आदिवासी समाज का अत्यंत गरीब मरीज को खाट पर लेटा कर परिजन किसी निजी क्लीनिक में उपचार कराने जा रहे थे यह मरीज देवसर क्षेत्र के इटार पंचायत स्थित चंदनिया गांव का बताया जा रहा है परिजनों के अनुसार मरीज का नाम सोनू पिता राज लाखन कोल बताया गया जिसे तबीयत बिगड़ने पर खाट पर लेटा कर उपचार कराने ले जा रहे थे फिलहाल यह वीडियो सामने आने के बाद जिले में स्वास्थ्य सेवाओं की पूरी तरह से पोल खुल रही है अभी तक आरोप लग रहे थे कि सरकारी अस्पताल के चिकित्सक अपने निजी प्रैक्टिस में अधिक ध्यान देते हैं साथ ही एंबुलेंस सहित अस्पताल का अन्य संसाधन मरीजों तक नहीं पहुंच पाता इन सभी आरोपों की संबंधित वीडियो पुष्टि कर रहा है
जिस तरह से मरीज खाट पर हैं और इधर सरकार के खजाने से एंबुलेंस के नाम पर स्वास्थ्य विभाग में पर्याप्त बजट खर्च हो रहा है ऐसे में सवाल यह खड़ा होता है कि फिर एंबुलेंस आखिर कहाँ चल रहे हैं इससे तो यही प्रतीत होता है कि एंबुलेंस संचालन के नाम पर सिर्फ औपचारिक खाना पूर्ति की जा रही है सोमवार को जिस मरीज को खाट पर ले जा रहे थे उसे सरकारी अस्पताल में भर्ती नहीं कराया गया बल्कि किसी निजी क्लीनिक में दवा कराने परिजन ले जा रहे थे ऐसी स्थिति में सवाल यह खड़ा होता है कि आखिर समुदायिक स्वास्थ्य केंद्र देवसर के प्रति मरीजों का भरोसा क्यों उठ गया है क्योंकि सरकार तो मरीजों को अस्पताल पहुंचाने की व्यवस्था की है साथ ही महंगी महंगी दवाइयां अस्पतालों में भेजी जा रही है जांच की मशीन और टेक्नीशियन दोनों की पर्याप्त व्यवस्था है और योग्य चिकित्सक भी पदस्थ हैं ऐसे में मरीज सरकारी अस्पताल में दवा क्यों नहीं कराना चाहते यह अपने आप में विचारणीय यह पहलू है