चितरंगी बीआरसी कार्यालय चितरंगी हमेशा कुछ ना कुछ मामलों में सुर्खियों में रहा है। वही अब कैश बुक, उपयोगिता पंजी के नाम पर वेजा वसूली के आरोप लग रहे हैं। बीआरसी कार्यालय के इस कार्य प्रणाली से प्रधानाचार्यो में काफी आक्रोश देखने को मिल रहा है।
इधर बता दे कि अभी कुछ महीनों पूर्व तत्कालीन बीआरसी चितरंगी कबाड़ में पुस्तक बेचने के मामले में नप गये। उनके स्थान पर बीआरसी संजय मिश्रा को बनाया गया है। ऐसा लगा कि चितरंगी बीआरसी कार्यालय की व्यवस्था में सुधार होगा। लेकिन व्यवस्था में सुधार नहीं देखा जा रहा है। प्रशासनिक पदों पर बैठने के बाद जिम्मेदार अधिकारी अपनी जिम्मेदारी को भूलकर पैसा कमाने में लग जाते हैं। स्थानीय सूत्र बताते हैं कि चितरंगी बीआरसी कार्यालय में इन दिनों जमकर वेजा वसूली की जा रही है। सूत्र बताते हैं कि चितरंगी विकासखंड में शासकीय विद्यालयों के कैश बुक उपयोगिता पंजी की ऑडिट की जा रही है। ऑडिट करने वाले जिम्मेदार ऑडिट करने तो नहीं गए हैं। लेकिन चितरंगी बीआरसीसी को जिम्मेदारी सौंपे हैं। जहां विद्यालयों के प्रधानाचार्य ऑडिट कराने के लिए बीआरसी कार्यालय में बतौर कमीशन के रूप में 1 हजार रूपये भेंट कर रहे हैं। स्थानीय सूत्र बताते हैं कि बीआरसी कार्यालय में कंप्यूटर ऑपरेटर और बीएसी के द्वारा पैसा लिया जा रहा है। इस आरोप में कितनी सच्चाई है यह तो जांच का विषय है। लेकिन जो प्रधानाचार्य ऑडिट के नाम पर पैसा दे रहे हैं वह खुद दबी जुबान में बता रहे हैं।
इनका कहना:-
ऑडिट के नाम पर किसी से कोई पैसे की मांग नही की जा रही है। जो आरोप लगाए जा रहे हैं। वह गलत है।
संजय मिश्रा
बीआरसीसी, चितरंगी
ऑडिट के नाम पर विद्यालयों से 1 हजार की वसूली! मामला बीआरसी कार्यालय चितरंगी का, प्रधानाचार्यो में आक्रोश
Pradeep Tiwari
मैं, प्रदीप तिवारी, पिछले 10 वर्षों से पत्रकारिता से जुड़ा हूँ। सबसे पहले, मैं एक स्थानीय समाचार चैनल में एक रिपोर्टर के रूप में शामिल हुआ और फिर समय के साथ, मैंने लेख लिखना शुरू कर दिया। मुझे राजनीति और ताज़ा समाचार और अन्य विषयों से संबंधित समाचार लिखना पसंद है।
For Feedback - urjadhaninews1@gmail.com