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ग्रामीण क्षेत्रों में आयुष्मान कार्ड बनाने में पंचायत सचिव, रोजगार सहायक, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता कोसों दूर

Pradeep Tiwari
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ग्रामीण क्षेत्रों में आयुष्मान कार्ड बनाने में पंचायत सचिव, रोजगार सहायक, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता कोसों दूर

सिंगरौली कलेक्टर चंद्रशेखर शुक्ला के द्वारा जिले में 70+उम्र के लोगों का सत प्रतिशत आयुष्मान कार्ड बनाने का निर्देश दिया गया है जिसको लेकर शहरी क्षेत्र में नगर निगम के अधिकारी कर्मचारी, आशा कार्यकर्ता, एवं आंगनबाड़ी कार्यकर्ता ,पूरे जिम्मेदारी के साथ आयुष्मान कार्ड बनते नजर आए लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में 70+ की उम्र के लोगों का आयुष्मान कार्ड बनाने में सिर्फ आशा कार्यकर्ता, पर्यवेक्षक, एएनएम नजर आ रही है पंचायत सचिव ,रोजगार सहायक, एवं आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ,की कोई रुचि नहीं देखी जा रही है

आयुष्मान कार्ड बनाने में हो रही कठिनाई

आशा कार्यकर्ताओं द्वारा बताया गया कि 70+ के लोगों का कलेक्टर चंद्रशेखर शुक्ला के द्वारा आयुष्मान कार्ड बनाए जाने का निर्देश दिया गया है जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में कई ऐसे लोग हैं जिनके आधार कार्ड में मोबाइल नंबर लिंक नहीं है जिसको लेकर मोबाइल से आयुष्मान कार्ड नहीं बन पा रहा है साथ ही उनके द्वारा बताया गया कि 70+ के लोगों के घर-घर जाकर आयुष्मान कार्ड बनाया जाना है क्योंकि बुजुर्ग होने की वजह से वह निर्धारित स्थान पर नहीं पहुंच सकते आशाओं ने बताया कि कंप्यूटर ऑपरेटर को पैसा देकर हम लोग आयुष्मान कार्ड बनाने के लिए बुलाते हैं लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में सभी जगह गाड़ी जाने के लिए रोड उपलब्ध नहीं है जिस वजह से कंप्यूटर ऑपरेटर एक दिन में कुछ ही आयुष्मान कार्ड बना पाता है

इनका कहना है

आशा कार्यकर्ताओं के द्वारा बताया गया कि पंचायत सचिव, रोजगार सहायक के पास लैपटॉप की सुविधा उपलब्ध है अगर वह चाहे तो आसानी से आयुष्मान कार्ड बनाया जा सकता है लेकिन इस आयुष्मान कार्ड कार्य योजना से सचिव, रोजगार सहायक, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता ,कोसों दूर नजर आ रहे हैं जबकि शहरी क्षेत्र में नगर निगम अधिकारी कर्मचारी, आशा कार्यकर्ता ,आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं से शाम को रिपोर्टिंग ली जाती है जिसको लेकर वह पूरा दिन आयुष्मान कार्ड बनाने में लगे रहते हैं लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में सिर्फ आशा कार्यकर्ताओं से ही रिपोर्टिंग ली जाती है जबकि पंचायत सचिव, रोजगार सहायक सचिव, एवं आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं से कोई रिपोर्टिंग नहीं ली जाती जिसे लेकर आयुष्मान कार्ड बनाने में इनकी कोई रुचि नहीं दिख रही है जिस तरह से ग्रामीण क्षेत्रों में प्रत्येक दिन आशा कार्यकर्ताओं से शाम को रिपोर्टिंग लिया जाता है अगर पंचायत सचिव ,रोजगार सहायक ,आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं से भी रिपोर्टिंग लिया जाए तो सत प्रतिशत आयुष्मान कार्ड बनाना आसान होगा

Pradeep Tiwari

Pradeep Tiwari

मैं, प्रदीप तिवारी, पिछले 10 वर्षों से पत्रकारिता से जुड़ा हूँ। सबसे पहले, मैं एक स्थानीय समाचार चैनल में एक रिपोर्टर के रूप में शामिल हुआ और फिर समय के साथ, मैंने लेख लिखना शुरू कर दिया। मुझे राजनीति और ताज़ा समाचार और अन्य विषयों से संबंधित समाचार लिखना पसंद है।

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