सिंगरौली 3 नवम्बर। तहसील चितरंगी के ग्राम पड़री में बना बांध अपने जीर्णोदार की बाट जोह रहा है। लेकिन जल उपभोक्ता संस्था भी लापरवाही व उदासीनता के वजह से किसानो की समस्या सुनने की जहमत नही जुटा पा रहा है। स्थिति तो इतनी बदहाल हो गई है कि नहर ही नही दिखाई दे रही है। ऐसे में विभाग पर भी सवालियां निशान खड़े हो रहे हैं।
गौरतलब है कि पड़री जलाशय का जब निर्माण हुआ और बांध बनकर तैयार हुआ तो क्षेत्र के किसानों में एक उम्मीद की किरण जाग्रित हुई कि किसानो की फसले अब सिंचित होंगी। खेती का रकवा बढ़ेगा। पैदावार की भी बढ़ोत्तरी होगी। किसानों की सोच पर जल संसाधन विभाग और जल उपभोक्ता संस्था पानी फेर दिया। वजह जानकर हैरान हो जाएंगे। किसान कहते हैं कि बांध बने धीरे-धीरे दशक पूज रहा है। आज तक पक्की नहर का निर्माण नही हो पाया है। कच्ची नहर बनी है। जो कई जगह जीर्णशीर्ण हालत में पहुंच चुकी है। नहर में खरपतवारों का ऐसा जाल बिछा है कि कही नहर दिखाई नही दे रही है। नहर की मरम्मत कराने में विभाग कोई दिलचस्पी नही दिखा रहा है। हालात ऐसा निर्मित हो गया है कि किसानों की फसल की सिचाई असंभव हो चुकी है। किसान बतातें हैं कि पड़री जलाशय का पानी सिर्फ गुंजावल तक पहुंच रहा है। जबकि इस पड़री जलाशय के पानी से कई गांव लाभान्वित हो सकते हैं। लेकिन जल संसाधन विभाग किसानों की मंशा पर पानी फेर रहा है। पक्की नहर का निर्माण कार्य तो सपना दिख रहा है। लेकिन कच्ची नहर कि साफ-सफाई की जहमत नही जुटा पा रहा है। बताया जाता है कि नहर जगह-जगह से टूट चुकी है। जलाशय का पानी व्यर्थ बह रहा है। कोई पूछ परख लेने वाला नही है। सबसे बड़ी बात तो यह है कि जल उपभोक्ता संस्था अपने कार्यप्रणाली को लेकर उदासीन रवैया अपना रही है। जो किसानों के हितैषी नही दिखाई दे रही है। अगर संस्था गंभीर होती तो किसानों के खेतों में पानी पहुंचता। वर्षो से पड़री जलाशय बन कर तैयार है। इसके बावजूद क्षेत्र के किसान पानी से वंचित हो रहे हैं। उनके खेत में पानी नही पहुंच रहा है। फसल सुख रही है। पैदावार पर गहरा प्रभाव पड़ रहा है। इसका जिम्मेदार जल संसाधन विभाग और जल उपभोक्ता है। विभाग के कार्यप्रणाली को लेकर क्षेत्र के किसानों में काफी आक्रोश दिखाई दे रहा है।
इनका कहना:-
कच्ची नहर होने की वजह से नहर में खरपतवार इस तरीके से नहर को कैप्चर किये हैं कि कहीं नहर ही नही दिखती है। साफ-सफाई नहर की नही की जा रही है। क्षेत्र के किसानों के साथ सौतेला व्यवहार विभाग के द्वारा किया जा रहा है।
मुद्रिका प्रसाद मिश्रा, ग्राम मानिकपुर
इनका कहना:-
पड़री बांध बनाकर जिम्मेदार नहर को भूल गये। कच्ची नहर है। जिसके चलते जगह-जगह टूट चुकी है। पक्की नहर बनाया जाए। ताकि क्षेत्र के किसानों को पर्याप्त पानी फसल सिचाई के लिए मिल सके। अभी तो पड़री तक ही सिचाई हो रही है।
रामबिहारी द्विवेदी, ग्राम मानिकपुर
इनका कहना:-
इस वर्ष इन्द्रदेव की मेहरवानी कुछ ठीक रही। बीच में बारिश न होने के चलते धान की फसल की सिचाई पड़री बांध से नही हो पाई। क्यांकि जगह-जगह नहर टूट गई है। जिसके चलते धान कि खेत में पानी पहुंचाना मुश्किल था।
लोकेश द्विवेदी, ग्राम शंकरपुर
पड़री जलाशय को भूल गया विभाग किसानों की समस्या सुनने की जहमत नही जुटा पा रहा जल उपभोक्ता संस्था, गायब हो गई हैं नहर
Pradeep Tiwari
मैं, प्रदीप तिवारी, पिछले 10 वर्षों से पत्रकारिता से जुड़ा हूँ। सबसे पहले, मैं एक स्थानीय समाचार चैनल में एक रिपोर्टर के रूप में शामिल हुआ और फिर समय के साथ, मैंने लेख लिखना शुरू कर दिया। मुझे राजनीति और ताज़ा समाचार और अन्य विषयों से संबंधित समाचार लिखना पसंद है।
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