एएस के लिए बिहरा सरपंच को छूट रहा पसीना
कार्यपालन यंत्री ग्रामीण यांत्रिकी सेवा सिंगरौली के दफ्तर में 8 महीने से निर्माण कार्य की नस्ती खा रही धूल
जनपद पंचायत क्षेत्र बैढ़न के ग्राम पंचायत बिहरा के सरपंच व ग्रामीण कार्यपालन यंत्री आरईएस की कार्य प्रणाली पर उंगली उठाना शुरू कर दी है। आरोप है कि एक निर्माण कार्य की मंजूरी देने में तारीख पर तारीख देते हुये तरह-तरह के अड़ंगेबाजी लगाई जा रही है।
दरअसल ग्राम पंचायत बिहरा के सरपंच रामकुमार बैगा के अनुसार ग्राम पंचायत अंतर्गत मानिक चौरा से पंडितवाडार तक सड़क एवं पुलिस निर्माण कार्य के लिए ग्राम पंचायत के द्वारा पिछले वर्ष 23 जून को प्रस्ताव विधायक के माध्यम से आरईएस विभाग के यहां भेजा गया था। पंचायत के अनुसार उक्त सड़क की दूरी करीब डेढ़ किलोमीटर है और इसकी लागत तकरीबन 60 लाख से ऊपर बताई जा रही है। सरपंच का यह भी कहना है कि तत्कालीन विधायक के प्रयास से आरईएस के कार्यपालन यंत्री के द्वारा निम्र सर्तो के आधार पर उक्त कार्य की 21 फरवरी 2024 को तकनीकि स्वीकृति भी प्रदान की गई है। लेकिन कार्यादेश आज तक किसी भी एजेंसी को नही मिला। जबकि कार्यपालन यंत्री विधिवत उक्त कार्य के लिए तकनीकी स्वीकृति 61 लाख 15 हजार रूपये का दिया है। अब एएस देने में कार्यपालन यंत्री के द्वारा तरह-तरह के बहाने एवं अड़ंगेबाजी लगाकर परेशान किया जा रहा है। आरोप लगाया जा रहा है कि कार्यपालन यंत्री उक्त कार्य के लिए कार्यादेश देना नही चाहते। यह भी चर्चा है कि उक्त कार्य के लिए कोई निविदा ही निकाली गई। कार्य किस मद से होगा। यह भी स्पष्ट नही है। वही इस मामले में कार्यपालन यंत्री आरईएस मनोज बाथम मीडियाकर्मी के सवालों का जवाब देने कन्नी काट रहे हैं। फिलहाल उक्त ग्राम पंचायत में अधिकारियों की लापरवाही से विकास कार्यो पर ग्रहण लगा हुआ है। जिसको लेकर ग्रामीणों में असंतोष भी फै लने लगा है।
10 वर्षो से जीआरएस के भरोसे ग्राम पंचायत
जानकारी के अनुसार जनपद पंचायत क्षेत्र बैढ़न के ग्राम पंचायत बिहरा में पिछले करीब एक दशक से पंचायत सचिव नही है। यहां का पूरा कामकाज जीआरएस के भरोसे है। सरपंच का कहना है कि जिम्मेदार अधिकारी भी इस मामले में मौनधारण किये हैं। कई बार सचिव की पदस्थापना कराने के लिए मान भी गई। लेकिन जनपद एवं जिला पंचायत के अधिकारी गंभीर नही है और न ही आज तक अधिकारी सही जवाब भी दे पा रहे हैं। केवल जीआरएस के भरोसे ग्राम पंचायत का कामकाज छोड़ा गया है। इसी के चलते यहां के विकास कार्य भी पूरी तरह से प्रभावित है। कई ग्रामीणों का आरोप है कि उक्त ग्राम पंचायत का विकास कार्य बहुत पिछड़ा हुआ है। कहीं न कहीं इसके जनपद एवं जिला पंचायत के अधिकारी जिम्मेदार हैं और इनके गैर जिम्मेदराना का खामियाजा ग्रामीणों को भुगतना पड़ रहा हैं।
जब टीएस के बाद एएस जारी करने में इतना वक्त क्यों?
ग्रामीण यांत्रिकी सेवा विभाग इन दिनों चर्चाओं में है। कार्यपालन यंत्री कई मुद्दों को लेकर सवालों में घिरते जा रहे हैं। हालांकि अभी एक बड़ा मामला सामने आ रहा है। बिना टेन्डर एवं नियम विरूद्ध वर्क ऑडर कर लाखों-करोड़ों रूपये का काम करा दिया है। इसमें अन्य कुछ जिम्मेदार अधिकारियों के भी संरक्षण होने का भी अंदेशा लगाया जा रहा है। जब कार्यपालन यंत्री में उक्त कार्य के लिए टीएस कर दिया तो एस जारी क्यो नही किया। कही न कहीं कार्यपालन यंत्री सवालों में फसते जा रहे हैं। हालांकि इस मामले में वही बता पाएंगे कि 8 महीने बाद भी मानिक चौरा से पंडितवाडार तक सड़क एवं पुलिया निर्माण कार्य के लिए कार्यादेश जारी करने में क्या-क्या अड़चने आ रही हैं। वही कार्यपालन यंत्री आरईएस ही सही तरीके से बता पाएंगे । लेकिन वें अपने संदिग्ध कार्यपालन को लेकर चर्चाओं में हैं।
इनका कहना:-
टीएस के बाद कार्यपालन यंत्री के द्वारा एएस क्यो नही किया जा रहा है। इसका सही जवाब भी आज तक नही मिल पाया है। आरईएस के कार्यपालन यंत्री हमेशा गोलमाल जवाब देते हुये लटकाने एवं भटकाने का काम करते आ रहे हैं। सड़क एवं पुलिस का निमार्ण कार्य के न होने से आवागमन प्रभावित हो रहा है।
राजकुमार बैगा
सरंपच, ग्राम पंचायत बिहरा
जनपद पंचायत क्षेत्र बैढ़न के ग्राम पंचायत बिहरा के सरपंच व ग्रामीण कार्यपालन यंत्री आरईएस की कार्य प्रणाली पर उंगली उठाना शुरू कर दी है। आरोप है कि एक निर्माण कार्य की मंजूरी देने में तारीख पर तारीख देते हुये तरह-तरह के अड़ंगेबाजी लगाई जा रही है।
दरअसल ग्राम पंचायत बिहरा के सरपंच रामकुमार बैगा के अनुसार ग्राम पंचायत अंतर्गत मानिक चौरा से पंडितवाडार तक सड़क एवं पुलिस निर्माण कार्य के लिए ग्राम पंचायत के द्वारा पिछले वर्ष 23 जून को प्रस्ताव विधायक के माध्यम से आरईएस विभाग के यहां भेजा गया था। पंचायत के अनुसार उक्त सड़क की दूरी करीब डेढ़ किलोमीटर है और इसकी लागत तकरीबन 60 लाख से ऊपर बताई जा रही है। सरपंच का यह भी कहना है कि तत्कालीन विधायक के प्रयास से आरईएस के कार्यपालन यंत्री के द्वारा निम्र सर्तो के आधार पर उक्त कार्य की 21 फरवरी 2024 को तकनीकि स्वीकृति भी प्रदान की गई है। लेकिन कार्यादेश आज तक किसी भी एजेंसी को नही मिला। जबकि कार्यपालन यंत्री विधिवत उक्त कार्य के लिए तकनीकी स्वीकृति 61 लाख 15 हजार रूपये का दिया है। अब एएस देने में कार्यपालन यंत्री के द्वारा तरह-तरह के बहाने एवं अड़ंगेबाजी लगाकर परेशान किया जा रहा है। आरोप लगाया जा रहा है कि कार्यपालन यंत्री उक्त कार्य के लिए कार्यादेश देना नही चाहते। यह भी चर्चा है कि उक्त कार्य के लिए कोई निविदा ही निकाली गई। कार्य किस मद से होगा। यह भी स्पष्ट नही है। वही इस मामले में कार्यपालन यंत्री आरईएस मनोज बाथम मीडियाकर्मी के सवालों का जवाब देने कन्नी काट रहे हैं। फिलहाल उक्त ग्राम पंचायत में अधिकारियों की लापरवाही से विकास कार्यो पर ग्रहण लगा हुआ है। जिसको लेकर ग्रामीणों में असंतोष भी फै लने लगा है।
10 वर्षो से जीआरएस के भरोसे ग्राम पंचायत
जानकारी के अनुसार जनपद पंचायत क्षेत्र बैढ़न के ग्राम पंचायत बिहरा में पिछले करीब एक दशक से पंचायत सचिव नही है। यहां का पूरा कामकाज जीआरएस के भरोसे है। सरपंच का कहना है कि जिम्मेदार अधिकारी भी इस मामले में मौनधारण किये हैं। कई बार सचिव की पदस्थापना कराने के लिए मान भी गई। लेकिन जनपद एवं जिला पंचायत के अधिकारी गंभीर नही है और न ही आज तक अधिकारी सही जवाब भी दे पा रहे हैं। केवल जीआरएस के भरोसे ग्राम पंचायत का कामकाज छोड़ा गया है। इसी के चलते यहां के विकास कार्य भी पूरी तरह से प्रभावित है। कई ग्रामीणों का आरोप है कि उक्त ग्राम पंचायत का विकास कार्य बहुत पिछड़ा हुआ है। कहीं न कहीं इसके जनपद एवं जिला पंचायत के अधिकारी जिम्मेदार हैं और इनके गैर जिम्मेदराना का खामियाजा ग्रामीणों को भुगतना पड़ रहा हैं।
जब टीएस के बाद एएस जारी करने में इतना वक्त क्यों?
ग्रामीण यांत्रिकी सेवा विभाग इन दिनों चर्चाओं में है। कार्यपालन यंत्री कई मुद्दों को लेकर सवालों में घिरते जा रहे हैं। हालांकि अभी एक बड़ा मामला सामने आ रहा है। बिना टेन्डर एवं नियम विरूद्ध वर्क ऑडर कर लाखों-करोड़ों रूपये का काम करा दिया है। इसमें अन्य कुछ जिम्मेदार अधिकारियों के भी संरक्षण होने का भी अंदेशा लगाया जा रहा है। जब कार्यपालन यंत्री में उक्त कार्य के लिए टीएस कर दिया तो एस जारी क्यो नही किया। कही न कहीं कार्यपालन यंत्री सवालों में फसते जा रहे हैं। हालांकि इस मामले में वही बता पाएंगे कि 8 महीने बाद भी मानिक चौरा से पंडितवाडार तक सड़क एवं पुलिया निर्माण कार्य के लिए कार्यादेश जारी करने में क्या-क्या अड़चने आ रही हैं। वही कार्यपालन यंत्री आरईएस ही सही तरीके से बता पाएंगे । लेकिन वें अपने संदिग्ध कार्यपालन को लेकर चर्चाओं में हैं।
इनका कहना:-
टीएस के बाद कार्यपालन यंत्री के द्वारा एएस क्यो नही किया जा रहा है। इसका सही जवाब भी आज तक नही मिल पाया है। आरईएस के कार्यपालन यंत्री हमेशा गोलमाल जवाब देते हुये लटकाने एवं भटकाने का काम करते आ रहे हैं। सड़क एवं पुलिस का निमार्ण कार्य के न होने से आवागमन प्रभावित हो रहा है।
राजकुमार बैगा
सरंपच, ग्राम पंचायत बिहरा