झरकटिया बीट के सैकड़ों एकड़ वन भूमि में हुआ कब्जा
100 हेक्टेयर से ज्यादा वन भूमि पर कब्जा, कुम्भकरणीय निन्द्रा में रहा वन अमला, खेती-बाड़ी शुरू
वन परिक्षेत्र चितरंगी के बीट झरकटिया अंतर्गत कक्ष क्रमांक 60 एवं 61 के एक सैकड़ा से ज्यादा हेक्टेयर वन भूमि पर भू-माफियाओं के संरक्षण में स्थानीय लोगों ने कब्जा कर खेती-बाड़ी शुरू कर दिया है। लेकिन वन अमला कई दिनों तक बेखबर रहा है।
दरअसल वन परिक्षेत्र चितरंगी एवं अभ्यारण्य बगदरा एवं गोरबी क्षेत्र के वन भूमि पर भू-माफियाओं के संरक्षण में बेजा कब्जा करने का सिलसिला पिछले दो-तीन वर्षों से जो शुरू हुआ है व थमने का नाम नही ले रहा है। बल्कि लगातार वन भूमि पर योजनाबद्ध तरीके से कब्जा करने का सिलसिला जोर पकड़ा हुआ है। आरोप है कि प्रदेश सत्ताधारी नेताओं के संरक्षण में यह वन भूमि में बेजा कब्जा कर खेती-बाड़ी करने का अभियान की तरह चल रहा है। चर्चाएं हैं कि वन अधिकारी सब कुछ जानते हुये भी पूरी तरह से बेखबर हैं। ऐसा ही मामला चितरंगी वन परिक्षेत्र के बीट झरकटिया अंतर्गत कम्पाटमेंट कक्ष क्रमांक 60 एवं 61 में करीब डेढ़ महीने पहले 100 हेक्टेयर से ज्यादा भूमि पर भू-माफियाओं के देखरेख में कब्जा कर खेती-बाड़ी शुरू कर दिया है। आरोप है कि वनकर्मियों के संरक्षण में सैकड़ों एकड़ वन भूमि पेड़ों की कटाई कर कब्जा कर लिया है। बताया जा रहा है कि दो महीने से जमीन में हो रहे अतिक्रमण को लेकर स्थानीय बीटगार्ड से लेकर वन परिक्षेत्राधिकारी गंभीर नही दिखे। जिसके चलते लाखों-करोड़ो कीमत के हरे-भरे पेड़ों की कटाई कर दी गई। खेत में खरीफ फसल की खेती-बाड़ी की गई है। फिलहाल वन भूमि पर पेड़ों की कटाई कर बेजा कब्जा करने का मामला अभि तक दबा हुआ था। किन्तु अब यह मामला जोर पकड़ने लगा है। डीएफओ सिंगरौली के यहां इसकी शिकायत पहुंच गई है। अब देखना है कि बेजा अतिक्रमण के मामले में डीएफओ कितना कारगर कदम उठाते हैं।
हर माह की रिपोर्ट में कही से भी कब्जा व खनन नही
सूत्रों के मुताबिक सतपुड़ा भवन भोपाल में बैठे अधिकारियों के यहां प्रत्येेक महीने रिपोर्ट भेजी जाती है कि किसी भी परिक्षेत्र में वन भूमि पर बेजा कब्जा एवं गौण खनिजों उत्खनन परिवहन के साथ-साथ वनों की कटाई नही की जा रही। लेकिन यह सब कुछ प्रतिवेदन दफ्तर में बैठकर हर माह झूठी जानकारियां भेजी जा रही है। वन भूमि के बेशकीमती पेड़ों की कटाई एवं चितरंगी परिक्षेत्र के सैकड़ों एकड़ भूमि में विगत तीन वर्षों के दौरान कब्जा होता रहा और वन विभाग के अधिकारी झूठी रिपोर्ट देते रहे हैं। अब यह मामला धीरे-धीरे जोर पकड़ने लगा है।
सिधार के जंगल में भी हो चुका है कब्जा
जानकारी के अनुसार वन परिक्षेत्र में गोरबी के सिधार जंगल में करीब दो साल पूर्व कुछ दबंगों ने कब्जाकर खेती-बाड़ी शुरू कर दी। जिसकी शिकायत पिछले वर्ष बीएफओ सहित अन्य वन अधिकारियों के साथ-साथ कलेक्टर के यहां भी की गई थी। जिसके बावजूद कार्रवाई को वन परिक्षेत्र गोरबी के तत्कालीन वनकर्मियों ने रद्दी टोकरी में डाल दिया। आरोप है कि वन परिक्षेत्र गोरबी के कम्पांटमेंट नम्बर 152 खैरहवा से गोदहरवा डाड़ तक बेशकीमती जमीन में कब्जा कर लिया गया। वही बगदरा क्षेत्र में भी अभ्यारण्य की भूमि में कब्जा करने का सिलसिला पिछले तीन वर्षों से जोर पकड़ा हुआ है। बगदरा क्षेत्र का वन विभाग का अमला कार्रवाई करने का किसी तरह साहस भी जुटाता है तो कुछ न कुछ लोगों दखलअंदाजी के चलते वन कर्मी बैकफूट पर आ जाते हैं।
इनका कहना:-
इस संबंध में फील्ड से रिपोर्ट मांगी गई है। रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।
अखिल बंसल
डीएफओ, सिंगरौली
झरकटिया बीट के सैकड़ों एकड़ वन भूमि में हुआ कब्जा
Pradeep Tiwari
मैं, प्रदीप तिवारी, पिछले 10 वर्षों से पत्रकारिता से जुड़ा हूँ। सबसे पहले, मैं एक स्थानीय समाचार चैनल में एक रिपोर्टर के रूप में शामिल हुआ और फिर समय के साथ, मैंने लेख लिखना शुरू कर दिया। मुझे राजनीति और ताज़ा समाचार और अन्य विषयों से संबंधित समाचार लिखना पसंद है।
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